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गर्मियों में किडनी पथरी बनने के कारण, कम पानी पीने से बढ़ सकती है मुसीबत जानिए कैसे

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गर्मिओं मैं गुर्दे की पथरी का होना एक आम बात है ये पथरी बड़ी भी हो सकती है और छोटी भी हो सकती है आम तोर पर इसकी ज्यादा समस्या महिलाओं और पुरषों दोनों मैं देखने को मिल सकती है। गर्मियों में बढ़ती गर्मी और पसीने के कारण शरीर में पानी की कमी हो जाती है, जिससे किडनी स्टोन बनने की संभावना ज्यादा हो जाती है. यहां हम बात करेंगे  हैं कि गुर्दे की पथरी क्या है और गर्मियों में किडनी स्टोन क्यों होते हैं, लक्षण क्या हैं और उनसे कैसे बचा जा सकता है | 

 

आखिर गुर्दे की पथरी क्या है?

आम तोर पर गुर्दे की पथरी की बीमारी या नेफ्रोलिथियासिस में मूत्र मार्ग में पथरी (कैलकुली) मौजूद होती है। गुर्दे की पथरी तब बनती है जब सामान्य रूप से पाए जाने वाले खनिज अवशेष आपस में चिपक जाते हैं, जिससे पदार्थ का एक बड़ा ठोस टुकड़ा बन जाता हैऔर  ऐसा होने की संभावना तब अधिक होती है जब आप पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ नहीं पीते हैं जब आप तरल पथार्थ से ज्यादा आप  ठोस पदार्थ खाना जायद पसंद करते हैं  हैं तब आपके गुर्दे मैं पथर जैसी चीज पनपती है। जिसको गुर्दे की पथरी बोलते हैं ऐसी समस्या कई लोगों मैं आम तोर पर पायी  जाती है।

गुर्दे की पथरी समय के साथ तेज़ी से या धीरे-धीरे बन सकती है। वह अचानक से ही  गंभीर दर्द पैदा कर सकती हैं।

गुर्दे की पथरी कितने प्रकार की होती हैं 

गुर्दे की पथरी मुख्या चार प्रकार की होती है जो आम तोर पर गर्दे मैं पायी जाती है आइए जानते हैं।

  • कैल्शियम पथरी –  यह गुर्दे की पथरी का सबसे आम प्रकारहोता है
  • सिस्टीन पथरी – एक आनुवंशिक विकार के कारण उत्पन्न होती है, जिसमें सिस्टीन गुर्दे से होकर मूत्र में रिसने लगता है।
  • यूरिक एसिड पथरी – यह  तब बनती है जब मूत्र में बहुत अधिक यूरिक एसिड होता। है। पशु प्रोटीन से भरपूर आहार इस तरह की पथरी का कारण बन सकता है।
  • स्ट्रुवाइट पत्थर – यह पथरी तब बनती  हैं जब किसी को बार-बार मूत्र पथ का संक्रमण होता है। 

 

गुर्दे की पथरी कितनी आम होतीं है।

लगभग 10 में से 1 व्यक्ति को अपने जीवनकाल में गुर्दे की पथरी हो सकती है। 30 और 40 की उम्र के पुरुषों में यह सबसे आम होती है। इसका प्रभाव वि काफी जयादा होता है।

गर्मिओं में किडनी स्टोन का खतरा कैसे बढ़ता है ?

किडनी की अच्छी सेहत के लिए हर मौसम में इसका ध्यान रखना  बहुत जरूरी होता है। गर्मी के दिनों मैं बॉडी का ध्यान रखना बेहद जरूरी होता है। बढ़ता पारा या बढ़ती गर्मी हमारे शरीर मैं पानी की कमी कर सकती हैं और साथ ही बोहत सी बिमारियों को भी बड़ा सकती हैं तेज गर्मी मैं  के मरीजों को सबसे ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ता है ,इस मौसम मैं किडनी का ध्यान रखना बोहत जरूरी होता है , और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है की किडनी हमारे शरीर का एहम हिस्सा है ,जिसका महत्वपूर्ण काम शरीर से टॉक्सिन को यूरिन के जरिये बहार निकलता हैं और खून को साफ़ करता है , किडनी आम तोर पर रेड ब्लड सेल्स को बनाने का काम करती है ,और साथ ही मैं ब्लड प्रेशर को भी कंट्रोल करता है और किडनी की अच्छी सेहत के लिए हर मौसम मैं किडनी का ध्यान रकलहना बेहद जरूरी होता है ,गर्मी के मौसम मैं किडनी स्टोन की समस्या ज्याद होती है इस मौसम में कडाके की गर्मी का असर किडनी को बोहत जयादा प्रभावित करता है

आखिर गर्मी में क्यों बढ़ जाता है पथरी का खतरा

गर्मियों में तापमान बढ़ने पर और लोगों के हाइड्रेटेड न रहने पर किडनी स्टोन का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है। गर्मी में लोगो का पसीना बोहत जायद निकलता है पर वह यह जानते हुए भी पर्याप्त पानी या अन्य तरल पदार्थ नहीं पीते हैं, तो रिस्क बढ़ जाता है। अमेरिकन जर्नल ऑफ किडनी डिजीज में प्रकाशित 2023 के एक अध्ययन में बताया गया है कि गर्मियों में अस्पतालों में किडनी स्टोन, यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन और अन्य किडनी संबंधी समस्याओं के मरीजों की संख्या बढ़ जाती है। और अगर लोगो ने इस पर ध्यान देना छोड़ दिया तो किडनी के मरीज काफी मात्रा मैं पाए जाने लगेंगे लोगो को अपने खाने -पीने मैं सुधार करने की आवश्कता है।

 

किडनी स्टोन के प्रमुखय कारण और लक्षण

कारण

पानी की कमी: आम बात है की गर्मियों में पसीना ज्यादा निकलता है, जिससे शरीर में पानी की कमी हो जाती है. पानी की कमी के कारण मूत्र गाढ़ा हो जाता है, जिससे किडनी स्टोन बनने की संभावना बढ़ जाती है.

डाइट: गर्मियों में तले-भुने और ज्यादा कैल्शियम से भरपूर फूड्स का सेवन भी किडनी स्टोन का कारण बन सकता है.

शरीर की जरूरतों को नजरअंदाज करना: कई बार लोग गर्मियों में जायदा मात्रा  में पानी नहीं पीते, हैं , जिससे शरीर में मिनरल्स और सॉल्ट्स का असंतुलन हो जाता है, जो किडनी स्टोन का कारण बन जाता है।

लक्षण :

  • पीठ या पेट के निचले हिस्से में तेज दर्द होता है यह दर्द अचानक शुरू होता है और असहनीय हो सकता है।
  • मूत्र में खून आना शुरू हो जाता है ,किडनी स्टोन के कारण मूत्र में खून भी आ सकता है
  • यूरिन ट्रैक्ट में जलन होने लगती है ,पेशाब करते समय जलन या दर्द हो सकता है।
  • मूत्र की मात्रा में कमी होने लगती है  मूत्र की मात्रा में कमी आना या बार-बार पेशाब का आना भी किडनी स्टोन का संकेत हो सकता है। 

गर्मिओं मैं किडनी स्टोन का कारण

गर्मिओं मैं किडनी स्टोन का सबसे बड़ा कारण बनता है तापमान।  तापमान बढ़ने से शरीर मैं डिहाइड्रैशन की परेशानी हो जाती है ,डिहइड्रेशन का असर किडनी पर भी देखने को मिलता है।  इस मौसम मैं हम कोल्ड ड्रिंक का अधिक से अधिक सेवन करते हैं जिसका हमारी किडनी पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है। और सवें हमको कम से कम करना चाहिए। लगातार शरीर में  डिहाइड्रैशन की समस्या होने से किडनी में क्रिस्टल या पथरी होने की समस्या जायद होती है। किडनी के स्टोन से बचने के लिए हमको बोहत सी सावधानी का ध्यान रखना पड़ता है ,जो हमारी किडनी को ठीक रखने में मदद करती है |

किडनी स्टोन का खतरा कम करने के उपाय

हाइड्रेटेड रहने के लिए सबसे बढ़िया बात यह है की खूब पानी पिएं या नींबू पानी या नींबू का रस जैसे साइट्रेट वाले ड्रिंक्स का अधिक सेवन करें। साथ ही, कॉफी और शराब जैसे डिहाइड्रेट करने वाले  पदार्थों का सेवन कम से कम करें या बंद कर दें।

ज्यादा मॉस का सेवन न करें; हमको ज्यादा मात्रा में मीट, मांस के सेवन करने  से भी किडनी स्टोन का खतरा बढ़ सकता है। शोधकर्ताओं का मानना है कि प्रोटीन वाले खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन हाइपरकैल्सीमिया (Hypercalcemia) यानी खून में कैल्शियम बढ़ने का कारण बन सकता है।

  • पानी ज्यादा पियें : गर्मियों में हर रोज 8-10 गिलास पानी पीना चाहिए. यह मूत्र को पतला रखता है और स्टोन बनने की संभावना कम करता है।
  • बैलेंस डाइट: ताजे फलों और सब्जियों का सेवन करें और अत्यधिक कैल्शियम और ऑक्सालेट से भरपूर फूड्स का सेवन करें।
  • कैफीन और अल्कोहल का सेवन कम से कम करें: ये शरीर में पानी की कमी करते हैं, जिससे किडनी स्टोन का खतरा बढ़ सकता जाता है।
  • नियमित व्यायाम: रेगुलर फिजिकल एक्टिविटी से शरीर के अंदर मिनरल्स का संतुलन बना रहता है.
  • नियमित जांच: अगर पहले कभी किडनी स्टोन की समस्या रही हो, तो नियमित जांच कराते रहना चाहिए।

निष्कर्ष :

आम तोर पर  ये देखा जाता है की किडनी की परेशानी कम तरल पदार्थ का सेवन करने से होती है और ज्यादा ठोस पदार्थ का सेवन करने से भी पथरी होती है ,काम पानी पिने से शरीर मैं तरल की कमी हो जाती है , जिससे हमारा यूरिन गाढ़ा हो जाता है और उसमें खनिज पदार्थों का जमाव बड्ड जाता है यही जमाव धीरे धीरे गुर्दे मैं पथरी का कारण बनती है , किडनी की समस्या होने पर हमको अपने डॉक्टर्स और विशेष्यज्ञों से सलाह मशवरा करना चाहिए ताकि आगे जाकर हमको किसी बड़ी परेशानी का सामना न करना पड़े। इस लिए गर्मिओं मैं ज्यादा से ज्यादा पानी पीना बोहत ही जरूरी होता है।

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