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पित्ताशय की पथरी को निकालने के लिए कौन-से डॉक्टर होंगे सहायक ?

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पित्ताशय की पथरी को निकालने के लिए कौन-से डॉक्टर होंगे सहायक ?

पित्त की थैली में स्टोन का होना एक दर्दनाक स्थिति है, जिसके कारण पित्त की थैली अपने रोजाना के कार्यों को करने में असमर्थ रहती है। वहीं पित्त की थैली में पथरी अगर निकलने का नाम न लें तो इसके लिए आपको पित्ताशय की थैली को हटाने के लिए किस तरह के डॉक्टर का चयन करना चाहिए और साथ ही क्या पित्त की थैली को निकलवाना सही है या नहीं इसके बारे में भी बात करेंगे ;

पित्ताशय क्या है ?

  • पित्ताशय, पित्त की थैली या गॉलब्लैडर शरीर का छोटा सा अंग होता है। यह लिवर या फिर यकृत के पीछे स्थित होता है। पित्ताशय का मुख्य कार्य पित्त या डाइजेस्टिव फ्लूइड को एकत्रित करना है और उसे पित्त नली से छोटी आंत में ले जाना है। 
  • डाइजेस्टिव फ्लूइड लिवर में बनता है। पित्ताशय नाशपाती के आकार का होता है। कई बार पित्ताशय में पथरी की समस्या हो जाती है। जिसके कारण व्यक्ति को पथरी के इलाज की आवश्यकता होती है। 

पित्त की पथरी क्या है ?

  • पित्त की पथरी को अंग्रेजी भाषा में गॉल स्टोन कहते है। इन पथरी का निर्माण पित्ताशय की थैली में होता है। पित्त की पथरी लीवर के नीचे होती है। यदि सही समय पर दूरबीन द्वारा पथरी का ऑपरेशन नहीं होता है तो पित्त की पथरी के कारण रोगी को अत्यधिक दर्द की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। 
  • पित्ताशय में जब कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ने लगती है और वह जमने लगता है, तो व्यक्ति को पित्त की पथरी की समस्या का सामना करना पड़ता है। पित्त की पथरी के कारण रोगी को असहनीय दर्द का सामना करना पड़ सकता है। इसके कारण रोगी को पाचन संबंधित समस्या का भी सामना करना पड़ सकता है।

पित्त में गंभीर पथरी होने पर आपको लुधियाना में पित्त पथरी की सर्जरी का चयन करना चाहिए।

पित्ताशय की पथरी के प्रकार क्या है ?

पित्त की पथरी का इलाज तभी सही तरीके से किया जा सकता है जब हमे पता हो की पित्त की पथरी कितने प्रकार की होती है, तो सामान्यतः ये दो तरह के होते है जैसे ;

  • कोलेस्ट्रॉल वाली पथरी, जोकि पित्ताशय की पथरी का सबसे आम प्रकार है। यह लगभग 80 से 85% मामलों के लिए जिम्मेदार मानी जाती है। जैसा कि नाम से पता चलता है कि जो पथरी कोलेस्ट्रॉल से बनती है वह कोलेस्ट्रॉल पथरी कहलाती है। यह पित्त में पाया जाने वाला एक वसायुक्त पदार्थ है। यह पथरी आकार और रंग में भिन्न हो सकती है। अधिकतर मामलों में पथरी का रंग पीला और हरा होता। कोलेस्ट्रॉल की पथरी तब विकसित होती है जब पित्त में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा संतुलित नहीं होती है, जिसके परिणामस्वरूप शरीर में कोलेस्ट्रॉल मात्रा बढ़ जाती है और यह जमने लग जाते है। 
  • पिगमेंट वाली पथरी, मुख्य रूप से बिलीरुबिन से बनती है। बिलीरुबिन एक प्रकार का पदार्थ है जो रेड ब्लड सेल्स के टूटने के बाद उत्पन्न होने वाले वेस्ट प्रोडक्ट से बनता है। इस प्रकार की पथरी का निर्माण कैल्शियम से भी हो सकता है, जो पित्त में पाया जाता है। कोलेस्ट्रॉल की पथरी के विपरीत, ये पथरी आम तौर पर छोटी और गहरे रंग की होती है। जब पित्त में बिलीरुबिन की मात्रा अत्यधिक हो जाती है तो पित्त अपना काम नहीं कर पाती है, जिसके कारण पित्त की पथरी का निर्माण होता है। 

पित्ताशय की पथरी के कारण अगर आपको मूत्र संबंधी समस्या का सामना करना पड़ रहा है, तो इससे बचाव के लिए आपको लुधियाना में बेस्ट यूरोलॉजिस्ट का चयन करना चाहिए।

क्या पथरी होने पर पित्त की थैली को निकलवाना सही है ?

  • अगर आपकी पथरी का आकार सामान्य से ज्यादा बढ़ चुका है और उसमे इंफेक्शन ने भी घर कर लिया है तो सर्जरी भी इस समस्या का इलाज आसानी से नहीं कर पाती है इसलिए ऐसे में आपको पित्त की थैली को भी बाहर निकलवाने के बारे में सोचना चाहिए। 
  • वहीं पित्ताशय की पथरी का जड़ से इलाज करने के लिए पित्ताशय को शरीर से अलग करना ही एकमात्र टिकाऊ उपाय है। लेकिन, अगर यह प्रक्रिया ओपन सर्जरी द्वारा की जाती है तो साइड-इफेक्ट्स का खतरा ज्यादा होता है। तो आइये जानते है कि पित्ताशय हटाने के लिए लेप्रोस्कोपिक सर्जरी के क्या फायदे हो सकते है।
  • कोई बड़ा कट नहीं होता है और रिकवरी में बहुत कम समय लगता है।
  • घाव में इन्फेक्शन होने के चांस बहुत कम होते है, क्योंकि, इलाज के दौरान बहुत छोटा कट होता है।
  • सर्जरी के बाद कोई साइड-इफ़ेक्ट नहीं होते है।
  • पेशेंट को 48 घंटे के भीतर अस्पताल से छुट्टी भी मिल जाती है।

पित्त की थैली को हटाने के नुकसान क्या है ?

  • इसके नुकसान में आपको खाना पचाने में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। 
  • गाल-ब्लैडर को हटाने के लिए या तो ओपन सर्जरी या फिर लेप्रोस्कोपिक सर्जरी का इस्तेमाल होता है। ओपन सर्जरी में घाव बड़ा होता है जबकि, लेप्रोस्कोपिक में छोटा कट होता है। इसलिए सर्जरी वाली जगह में इन्फेक्शन का खतरा बढ़ सकता है।
  • आपको गाल-ब्लैडर को हटाने के बाद दर्द और सूजन की समस्या का भी सामना करना पड़ सकता है। 
  • खून का थक्का बनने जैसी समस्या का भी आपको सामना करना पड़ सकता है। 
  • हर्निया भी क्षतिग्रस्त हो जाती है। 
  • बुखार, कब्ज और ह्रदय संबंधी समस्या का भी आपको सामना करना पड़ सकता है। 

पित्त की थैली को हटवाने के बाद रिकवरी पाने के लिए किन बातों का रखें ध्यान ? 

  • दो सप्ताह तक कोई भी फिजिकल वर्क न करें। क्युकि इस दौरान आपको आराम कि सख्त जरूरत है।
  • अपने जख्म को नियमित रूप से साफ़ करें और डॉक्टर द्वारा बताई गई क्रीम लगाएं।
  • कुछ दिनों तक ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थ का सेवन करें, कठोर पदार्थ खाने से परहेज करें।
  • कुछ हफ्तों के लिए अत्यधिक नमकीन, मीठा, मसालेदार या वसायुक्त भोजन करने से बचें।
  • पाचन बढ़ाने के लिए फाइबर का अधिक सेवन करें, लेकिन नट्स, बीज, साबुत अनाज, ब्रसेल्स स्प्राउट्स, फूलगोभी, गोभी, आदि का सेवन करने से बचें।

रिकवरी के दौरान रोगी में किस तरह के लक्षण नज़र आते है ?

  • तेज दर्द जोकि हमेशा रोगी में बना रहता है। 
  • बार-बार पेट में दर्द की समस्या का सामना करना। 
  • मतली और उल्टी की समस्या। 
  • गैस या मल निकालने में परेशानी का सामना। 
  • दस्त और पीलिया की समस्या।

पित्त की थैली को निकलवाने के लिए किन डॉक्टर से लें सलाह !

अगर आप पित्ताशय की थैली को निकलवाने के बारे में सोच रहें है, तो इसके लिए आप “गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सर्जन” का चयन कर सकते है।

ध्यान रखें :

अगर आपके पित्ताशय में पथरी की समस्या बहुत ज्यादा बढ़ गई है, तो इससे बचाव के लिए पित्ताशय की थैली को बाहर निकालने के बारे में जरूर सोचना चाहिए। और इस थैली को बाहर निकलवाने से पहले इसके नुकसान क्या हो सकते है इसके बारे में जरूर जानकारी लें। 

वहीं इस सर्जरी को आप चाहें तो आरजी स्टोन यूरोलॉजी और लेप्रोस्कोपी हॉस्पिटल से करवा सकते है। 

निष्कर्ष :

पित्ताशय की थैली में पथरी के कारण इंफेक्शन जब ज्यादा बढ़ जाए तो इससे बचाव के लिए आपको इस थैली को ही बाहर निकलवा लेना चाहिए। पर इसके लिए आपको किसी अनुभवी डॉक्टर का चयन करना चाहिए, और साथ ही डॉक्टर की शिक्षा के बारे में भी आप डॉक्टर से जरूर पूछे, ताकि सर्जरी के दौरान किसी भी तरह की समस्या न हो सकें।  

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पित्त की पथरी से बचाव के क्या है – लक्षण, कारण और इलाज के तरीके ?

पित्त की पथरी जोकि रह-रह कर व्यक्ति को काफी परेशान करती है, क्युकी इस बीमारी में व्यक्ति को हमेशा दुःख का सामना करना पड़ता है, लेकिन इस पथरी से कैसे हम खुद का बचाव कर सकते है, इसके बारे में आज के लेख में चर्चा करेंगे ; 

पित्त की पथरी के कारण क्या है ?

  • आपके पित्त में बहुत अधिक मात्रा में जब कोलेस्ट्रॉल उपस्थित होता है। तो आपके पित्ताशय द्वारा स्रावित पित्त में आपके लीवर द्वारा उत्पादित कोलेस्ट्रॉल को तोड़ने के लिए आवश्यक तत्व इसमें शामिल होते है। यदि आपके लीवर द्वारा बहुत अधिक कोलेस्ट्रॉल उत्पादित किया जा रहा है तो पित्ताशय की थैली में पथरी बनना संभव है।
  • आपके पित्त स्राव में बिलीरुबिन का स्तर ज़रूरत से ज़्यादा है। वहीं जब आपके शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं की टूट-फूट होती है, तो बिलीरुबिन नामक पदार्थ बनता है। 
  • आपके गॉलब्लैडर के ख़ाली होने में दिक़्क़त है। यदि आपका पित्ताशय पूरी तरह से या अक्सर पर्याप्त रूप से खाली नहीं होता है, तो एकदम गाढ़े पित्त का संग्रहण होने लगता है, जिसके कारण पित्त पथरी बन सकती है।

क्या है पित्त की पथरी की समस्या ?

  • पित्ताशय की थैली एक छोटा अंग है, जो व्यक्ति के ऊपरी पेट में यकृत के ठीक ऊपर और दाईं ओर उपस्थित होता है। पित्त, एक हरा-पीला तरल जो पाचन में सहायता करता है, और इस थैली में जमा होता है। पित्त पथरी या पित्त नली में अन्य रुकावट, पित्ताशय की पथरी के कारण होने वाली अन्य समस्याएँ पैदा कर सकती है। 
  • पित्त पथरी का सबसे आम कारण पित्त में कोलेस्ट्रॉल जैसे कठोर यौगिक पदार्थ है।
  • वहीं पित्त में पथरी तब होती है जब उसमें कोलेस्ट्रॉल इक्ठ्ठा होने लगता है। और ऐसा होने पर कोलेस्ट्रॉल एक जगह होने की वजह से सख्त हो जाता है और यह छोटे-छोटे पत्थरों का रूप धारण कर लेता है। अगर शुरूआती समय पर इसमें ध्यान नहीं दिया जाए तो पथरी का आकार बढ़ने लगता है और अंत में पथरी के लिए सर्जरी करवाना ही एक आख्रिरी विकल्प बचता है।

अगर पित्त की पथरी सामान्य आकार से ज्यादा बड़ी हो गई है, तो इसके इलाज के लिए आपको लुधियाना में पित्ताशय की पथरी की सर्जरी का चयन कारण चाहिए। 

लक्षण क्या है पित्त की पथरी के ?

  • दाहिनी ओर पसली पिंजरे के नीचे दर्द या कोमलता।
  • कंधे के ब्लेड के बीच दर्द। 
  • मल हल्का या चाकलेट जैसा रंग 
  • वसायुक्त मल। 
  • खाने के बाद अपच, विशेष रूप से वसायुक्त भोजन। 
  • भोजन न पचने का भाव। 
  • मतली और चक्कर का आना। 
  • दस्त की समस्या। 
  • सूजन और पेट में गैस की समस्या। 
  • उल्टी या कब्ज की समस्या। 
  • आँखों के ऊपर सिर दर्द, विशेषकर दाहिनी ओर। 
  • खाने के बाद कड़वे द्रव का आना। 
  • मूत्र करने में परेशानी का सामना करना।

यदि आपको पथरी की वजह से मूत्राशय संबंधित किसी भी तरह की समस्या का सामना करना पड़ रहा है, तो इससे बचाव के लिए आपको लुधियाना में बेस्ट यूरोलॉजिस्ट का चयन करना चाहिए।

पित्त की पथरी से कैसे करें खुद का बचाव ?

  • स्वस्थ शरीर और वजन को बनाए रखें। 
  • तेजी से वजन घटाने और सनक भरे आहार से बचें। 
  • लिवर और गॉलब्लैडर को स्वस्थ रखने वाले एंटी-इंफ्लेमेटरी आहार का पालन करें। 
  • अधिक सक्रिय रहें। 
  • जन्म नियंत्रण की गोलियाँ या अनावश्यक दवाएं लेने पर एक बार विचार जरूर करें। 
  • पानी का खूब सेवन करें। 
  • अपने खाने का अच्छे से ध्यान रखें। 

और पथरी की समस्या से बचाव के लिए एक बार अपने डॉक्टर से जरूर अपने डाइट चार्ट के बारे में चर्चा करें।

पित्त की पथरी का इलाज क्या है ?

  • पित्त की पथरी के इलाज के लिए पहले डॉक्टर सामान्य दवाइयों से इसे काबू करते है, लेकिन जब पथरी का आकर सामान्य से ज्यादा बड़ा हो जाए तो इसके लिए डॉक्टर के द्वारा, पित्त पथरी के लिए सर्जिकल उपचार का चयन किया जाता है। 
  • ओपन सर्जरी का चयन भी उनके द्वारा किया जाता है।  

अगर आप भी पित्त की पथरी की समस्या से बहुत ज्यादा परेशान हो गई है, तो इससे बचाव के लिए आपको आरजी स्टोन यूरोलॉजी और लेप्रोस्कोपी हॉस्पिटल का चयन करना चाहिए।

निष्कर्ष :

पित्त की पथरी काफी खतरनाक समस्या है, इसलिए जरूरी है की इसके लक्षणों पर व्यक्ति को खास नज़र रखना चाहिए, ताकि शुरुआती दौर में ही पथरी का इलाज बिना सर्जरी के मुकमल किया जा सके, लेकिन ये तभी हो सकता है जब आप अपने सेहत के प्रति सक्रिय रहेंगे।  

 

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The Gallbladder Containing Bile: A Comprehensive Guide

The gallbladder is a small sac containing bile, the digestive juice made by the liver to break down dietary fats. It extracts water from its stored bile until the fluid becomes highly concentrated. The gallbladder squeezes its bile concentrate when fatty foods are present in the small intestine.

What are gallstones?

Gallstones are small stones made of cholesterol and bile pigment, usually in the form of calcium salts. They form in the digestive system and affect about 15% of people over 50.

Sometimes some people suffer from Gallstones, which usually occur between the neck and hip, but Gallstone surgery in Ludhiana provides all the medical solutions for this problem.

After a gallbladder medical procedure, it’s critical to heed the guidance of your PCP, yet here are some broad taking care of oneself tips to remember: attempt to get as much rest as possible for no less than three to five days. Do no hard work or actual work for a couple of days. Your stomach related framework ought to settle down following a couple of days, however be ready for a few transient issues like swelling, stomach agony, and changes to your latrine propensities.

 

For what reason do medical care experts perform cystoscopy?

A urologist plays out a cystoscopy to track down the reason for, and once in a while treat, urinary plot issues, for example,

  • regular urinary parcel contaminations (UTIs)
  • blood in the pee called hematuria
  • urinary maintenance
  • torment or consuming previously, during, or after pee

An x-beam methodology where a urologist infuses an exceptional colour into the urinary lot to take pictures of the urinary stream to show blocks, for example, kidney stones and growths

For what reason do medical services experts perform ureteroscopy?

A urologist plays out a ureteroscopy to track down the reason for pee blockage in a ureter or to assess different issues inside the ureters or kidneys. During a ureteroscopy, a urologist can see

  • eliminate a stone from a ureter or kidney
  • eliminate or treat strange tissue and growths
  • take an example of the ureter or kidney tissue for a biopsy

How are you going to plan for a cystoscopy or ureteroscopy?

Your urologist will likewise get some information about any drugs you are taking and inquire whether you have any sensitivities; at times, you won’t require unique arrangements for a cystoscopy. You can contact the Best Urologist in Ludhiana who has years of experience in the Urologist field. In different cases, your guidelines might incorporate:-

  • when to stop specific meds, like blood thinners
  • when to quit eating and drinking or, alternately, when to drink a lot of fluids
  • when to discharge your bladder before the system
  • whether to set up a ride home after the method

Conclusion;

RG Stone Urology & Laparoscopy Hospital provide you with all these medical treatments in one place, with years of experience and good technology available for this highly advanced medical service. They served more than a dozen patients around the world who were suffering from gallstone and kidney problems. 

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पित्ताशय पथरी का ऑपरेशन करने के बाद, जानें क्‍या खाएं और किन बातों का रखें ध्यान ?

पित्ताशय की पथरी के ऑपरेशन के बाद अकसर लोगों का सवाल होता है की उन्हें खाने में किन चीजों का परहेज करना चाहिए, तो आपको बता दे की अधिक वसायुक्त आहार को पचाने में कठिनाई होती है। इसलिए अपने खान-पान का खास ख्‍याल रखें ऑपरेशन के बाद। इसके अलावा सर्जरी के बाद क्या खाएं और क्या न खाएं इसके बारे में हम आज के लेख में चर्चा करेंगे;

क्या है पित्ताशय के पथरी की सर्जरी ?

  • पित्ताशय में पथरी का होना एक आम समस्या है। यदि आपने हाल ही में अपने पित्ताशय से पथरी निकलवाने के लिए सर्जरी कराया है, तो आपको अपने खानपान पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। 
  • वहीं पित्त की पथरी का उपचार आमतौर पर शल्यचिकित्सा द्वारा किया जाता है जिसमें पित्ताशय को शरीर से निकाल दिया जाता है (कोलेसीस्टेक्टॉमी)। यह एक लेप्रोस्कोपिक या कीहोल सर्जरी है जिसमें पेट में छोटे छेद के माध्यम से पूरी प्रक्रिया की जाती है। पित्त की पथरी को खत्म करने के लिए आमतौर पर अन्य कोई उपचार प्रभावी नहीं होता है।
  • इसके अलावा, पित्ताशय में पथरी बहुत पीड़ादायक होती है और इस सर्जरी को कराने के बाद आहार में कुछ बदलाव की जरूरत आपको पड़ सकती है।

पित्त की पथरी में सर्जरी की क्या है पूरी प्रक्रिया इसके बारे में जानने के लिए आपको पंजाब में गुर्दे की पथरी विशेषज्ञ का चयन करना चाहिए।

पित्ताशय के ऑपरेशन के बाद किन चीजों का करें परहेज !

  • अगर आपने जल्द ही पित्त की पथरी का ऑपरेशन करवाया है तो इसके लिए आपको मीठे खाद्य पदार्थ को बिलकुल बंद कर देना चाहिए। पित्ताशय की पथरी के ऑपरेशन के बाद आइसक्रीम, पेस्ट्री, कूकीज तब तक न खाएं जब तक आप पूरी तरह ठीक न हो जाएं।
  • पित्ताशय की पथरी के ऑपरेशन के बाद आपको सोडा, कैफीन और एल्कोहल से परहेज करना चाहिए। इसके साथ ही अधिक मीठे जूस और पेय पदार्थों का सेवन करने से भी बचें। 
  • सर्जरी के बाद अधिक खट्टे फल खाने से आपको बचना चाहिए।

पित्ताशय के ऑपरेशन के बाद किन चीजों को खाएं !

  • सर्जरी के बाद अधिक वसायुक्त आहार को पचाने में कठिनाई होती है। इसलिए कम वसा वाले खाद्य पदार्थ जैसे सब्जियां, दाल, साबुत अनाज और फल का सेवन करें। वहीं इन खाने की चीजों में घुलनशील फाइबर पाया जाता है, जो डायरिया की समस्या से बचाता है। इसलिए अपने आहार में ब्रोकली और स्वीट पोटैटो सहित फाइबर युक्त सब्जियों को शामिल करें।
  • सर्जरी के बाद डॉक्टर आपको हल्का और सॉफ्ट फूड लेने की सलाह देते है। इस दौरान आपको अधिक मात्रा में तरल पदार्थ लेना चाहिए। वहीं हल्के और सॉफ्ट फूड खाने से पाचन बेहतर रहता है। इसलिए आपको उबले आलू, केला और सफेद चावल का सेवन करना चाहिए।
  • रोजाना पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से आप तेजी से ठीक होने लगते है। इसलिए अपने शरीर को हाइड्रेट रखें। यदि आप पर्याप्त पानी नहीं पी रहे है, तो विटामिन और खनिज युक्त पेय पदार्थों का सेवन करें।

इन आहारों को लेने के साथ-साथ आपको कोई परेशानी आए तो अपनी जाँच लुधियाना में यूरोलॉजिस्ट से करवाते रहना चाहिए।

सुझाव :

पित्त की पथरी का ऑपरेशन आपको पथरी के दर्द की समस्या से तो निजात दिलावा देता है, लेकिन अगर आप चाहते है की इस सर्जरी का दर्द जल्दी ठीक हो जाए तो इसके लिए आपको उपरोक्त बातों का खास ध्यान रखना चाहिए। 

पित्त की पथरी के ऑपरेशन के लिए बेस्ट हॉस्पिटल !

अगर आप पथरी की समस्या से बहुत ज्यादा परेशान है तो इससे बचाव के लिए आपको इसकी सर्जरी आरजी स्टोन यूरोलॉजी एन्ड लेप्रोस्कोपी हॉस्पिटल के अनुभवी डॉक्टरों से करवाना चाहिए।

निष्कर्ष :

पित्त की पथरी के ऑपरेशन के बाद उपरोक्त बातों का खास ध्यान रखें, और सामान्य सी पथरी होने पर सर्जरी का चयन न करें। वहीं आपने अगर सर्जरी करवा ली है तो उपरोक्त खाने की चीजों का खास ध्यान रखें।

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पित्त की थैली में इन्फेक्शन के क्या है कारण, लक्षण और इलाज ?

पित्त या पित्ताशय की थैली छोटे से आकार की होती है जोकि यकृत के नीचे पाई जाती है और इसका मुख्य कार्य यकृत द्वारा छोड़े गए पित्त को इकट्ठा करना है, पर सोचे अगर किसी कारणवश इसमें सूजन आ जाए तो कैसे हम इसकी पहचान करेंगे, और इसमें सूजन के कारण क्या हो सकते है साथ ही कैसे इसका इलाज करवा के हम इस समस्या से खुद का बचाव कर सकते है इसके बारे में हम आज के लेख में बात करेंगे, इसलिए पित्त की थैली में इन्फेक्शन के बारे में जानने के लिए आर्टिकल को अंत तक जरूर से पढ़े ;

पित्त की थैली में इन्फेक्शन के कारण क्या है ?

  • पित्त की नली का सिकुड़ना। 
  • पित्ताशय की थैली में ट्यूमर का होना। 
  • बिलुरुबिन और कैल्शियम साल्ट्स की ठोस जमावट को पित्ताशय की पथरी कहते हैं। यह पित्त की थैली में इन्फेक्शन का सबसे आम कारण है। 
  • ब्लड वेसल्स का नुकसान होना। 

लुधियाना में बेस्ट यूरोलॉजिस्ट की मदद से आप पित्ताशय में इन्फेक्शन की समस्या क्यों होती है के बारे में जान सकते हो।

क्या है पित्ताशय की थैली ?

  • पित्ताशय की थैली एक छोटे, नाशपाती के आकार का अंग है जो पेट के दाहिनी ओर यकृत (लिवर) के ठीक नीचे स्थित होती है। पित्ताशय की थैली पित्त को संग्रहीत करती है। पित्त पथरी रेत के दाने जितनी छोटी या गोल्फ की गेंद जितनी बड़ी हो सकती है।
  • पित्ताशय की थैली के वजन की बात करें तो वयस्कों में, पित्ताशय की थैली लगभग 7 से 10 सेंटीमीटर (2.8 से 3.9 इंच) लंबाई में और 4 सेंटीमीटर (1.6 इंच) व्यास में पूरी तरह से फैला हुआ होता है। 

पित्ताशय की थैली में इन्फेक्शन के क्या लक्षण है ?

  • बुखार की समस्या का सामना करना।
  • जी मिचलाना। 
  • पेट में दर्द । 
  • उल्टी का आना।
  • सूजन की समस्या।
  • आँखों में पीलेपन का आना।
  • मल का ढीला होना। 

यदि व्यक्ति द्वारा भोजन खाया जाता है तो ये समस्या ज्यादा बढ़ जाती है। इसके अलावा अगर ये समस्या ज्यादा बढ़ रही है तो इससे निजात पाने के लिए लुधियाना में पित्ताशय की पथरी की जाँच एक बार जरूर से करवाए।

पित्त की थैली में इन्फेक्शन का क्या इलाज है ?  

  • पित्ताशय की थैली के संक्रमण का इलाज दवा या शल्य प्रक्रिया के माध्यम से किया जा सकता है। इन्फेक्शन को दूर करने के लिए एंटीबायोटिक के साथ दर्द निवारक देते हैं। पथरी के कारण अगर संक्रमण है तो सर्जरी की जा सकती है। 
  • वही ERCP यानि (एंडोस्कोपिक रेट्रोग्रेड कोलेजनोपैंक्रेटोग्राफी) का उपयोग डॉक्टरों द्वारा अग्न्याशय और पित्त नलिकाओं में समस्याओं के निदान और उपचार के लिए किया जाता है। मतलब की ऐसे समझे कि यदि आपके डॉक्टर को अग्न्याशय या यकृत रोग, या पित्त नलिकाओं में समस्या का संदेह है, तो आप ईआरसीपी (ERCP) से गुजर सकते हैं।
  • इसके इलाज से पहले आपको व्रत रखना पड़ सकता है, क्युकि भोजन से आपकी पित्त की थैली सूज जाती है। 
  • अगर आपकी पित्त की थैली में इन्फेक्शन की समस्या है तो इसके इलाज ले लिए डॉक्टर आपको गॉलस्टोन सर्जरी करवाने की सलाह दे सकते है। और इसमें इलाज दवाइयों के माद्यम से किया जाता है। 

पित्त की थैली में इन्फेक्शन के लक्षणों को जानने के बाद इससे निजात पाने के लिए आरजी स्टोन यूरोलॉजी एन्ड लेप्रोस्कोपी हॉस्पिटल का चयन करें। 

निष्कर्ष :

पित्त की थैली में इन्फेक्शन की समस्या काफी खतरनाक है इसलिए समय रहते किसी अच्छे डॉक्टर का चयन करें इसके इलाज के लिए।

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