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गर्मियों में किडनी पथरी बनने के कारण, कम पानी पीने से बढ़ सकती है मुसीबत जानिए कैसे

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गर्मियों में किडनी पथरी बनने के कारण, कम पानी पीने से बढ़ सकती है मुसीबत जानिए कैसे

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गर्मिओं मैं गुर्दे की पथरी का होना एक आम बात है ये पथरी बड़ी भी हो सकती है और छोटी भी हो सकती है आम तोर पर इसकी ज्यादा समस्या महिलाओं और पुरषों दोनों मैं देखने को मिल सकती है। गर्मियों में बढ़ती गर्मी और पसीने के कारण शरीर में पानी की कमी हो जाती है, जिससे किडनी स्टोन बनने की संभावना ज्यादा हो जाती है. यहां हम बात करेंगे  हैं कि गुर्दे की पथरी क्या है और गर्मियों में किडनी स्टोन क्यों होते हैं, लक्षण क्या हैं और उनसे कैसे बचा जा सकता है | 

 

आखिर गुर्दे की पथरी क्या है?

आम तोर पर गुर्दे की पथरी की बीमारी या नेफ्रोलिथियासिस में मूत्र मार्ग में पथरी (कैलकुली) मौजूद होती है। गुर्दे की पथरी तब बनती है जब सामान्य रूप से पाए जाने वाले खनिज अवशेष आपस में चिपक जाते हैं, जिससे पदार्थ का एक बड़ा ठोस टुकड़ा बन जाता हैऔर  ऐसा होने की संभावना तब अधिक होती है जब आप पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ नहीं पीते हैं जब आप तरल पथार्थ से ज्यादा आप  ठोस पदार्थ खाना जायद पसंद करते हैं  हैं तब आपके गुर्दे मैं पथर जैसी चीज पनपती है। जिसको गुर्दे की पथरी बोलते हैं ऐसी समस्या कई लोगों मैं आम तोर पर पायी  जाती है।

गुर्दे की पथरी समय के साथ तेज़ी से या धीरे-धीरे बन सकती है। वह अचानक से ही  गंभीर दर्द पैदा कर सकती हैं।

गुर्दे की पथरी कितने प्रकार की होती हैं 

गुर्दे की पथरी मुख्या चार प्रकार की होती है जो आम तोर पर गर्दे मैं पायी जाती है आइए जानते हैं।

  • कैल्शियम पथरी –  यह गुर्दे की पथरी का सबसे आम प्रकारहोता है
  • सिस्टीन पथरी – एक आनुवंशिक विकार के कारण उत्पन्न होती है, जिसमें सिस्टीन गुर्दे से होकर मूत्र में रिसने लगता है।
  • यूरिक एसिड पथरी – यह  तब बनती है जब मूत्र में बहुत अधिक यूरिक एसिड होता। है। पशु प्रोटीन से भरपूर आहार इस तरह की पथरी का कारण बन सकता है।
  • स्ट्रुवाइट पत्थर – यह पथरी तब बनती  हैं जब किसी को बार-बार मूत्र पथ का संक्रमण होता है। 

 

गुर्दे की पथरी कितनी आम होतीं है।

लगभग 10 में से 1 व्यक्ति को अपने जीवनकाल में गुर्दे की पथरी हो सकती है। 30 और 40 की उम्र के पुरुषों में यह सबसे आम होती है। इसका प्रभाव वि काफी जयादा होता है।

गर्मिओं में किडनी स्टोन का खतरा कैसे बढ़ता है ?

किडनी की अच्छी सेहत के लिए हर मौसम में इसका ध्यान रखना  बहुत जरूरी होता है। गर्मी के दिनों मैं बॉडी का ध्यान रखना बेहद जरूरी होता है। बढ़ता पारा या बढ़ती गर्मी हमारे शरीर मैं पानी की कमी कर सकती हैं और साथ ही बोहत सी बिमारियों को भी बड़ा सकती हैं तेज गर्मी मैं  के मरीजों को सबसे ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ता है ,इस मौसम मैं किडनी का ध्यान रखना बोहत जरूरी होता है , और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है की किडनी हमारे शरीर का एहम हिस्सा है ,जिसका महत्वपूर्ण काम शरीर से टॉक्सिन को यूरिन के जरिये बहार निकलता हैं और खून को साफ़ करता है , किडनी आम तोर पर रेड ब्लड सेल्स को बनाने का काम करती है ,और साथ ही मैं ब्लड प्रेशर को भी कंट्रोल करता है और किडनी की अच्छी सेहत के लिए हर मौसम मैं किडनी का ध्यान रकलहना बेहद जरूरी होता है ,गर्मी के मौसम मैं किडनी स्टोन की समस्या ज्याद होती है इस मौसम में कडाके की गर्मी का असर किडनी को बोहत जयादा प्रभावित करता है

आखिर गर्मी में क्यों बढ़ जाता है पथरी का खतरा

गर्मियों में तापमान बढ़ने पर और लोगों के हाइड्रेटेड न रहने पर किडनी स्टोन का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है। गर्मी में लोगो का पसीना बोहत जायद निकलता है पर वह यह जानते हुए भी पर्याप्त पानी या अन्य तरल पदार्थ नहीं पीते हैं, तो रिस्क बढ़ जाता है। अमेरिकन जर्नल ऑफ किडनी डिजीज में प्रकाशित 2023 के एक अध्ययन में बताया गया है कि गर्मियों में अस्पतालों में किडनी स्टोन, यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन और अन्य किडनी संबंधी समस्याओं के मरीजों की संख्या बढ़ जाती है। और अगर लोगो ने इस पर ध्यान देना छोड़ दिया तो किडनी के मरीज काफी मात्रा मैं पाए जाने लगेंगे लोगो को अपने खाने -पीने मैं सुधार करने की आवश्कता है।

 

किडनी स्टोन के प्रमुखय कारण और लक्षण

कारण

पानी की कमी: आम बात है की गर्मियों में पसीना ज्यादा निकलता है, जिससे शरीर में पानी की कमी हो जाती है. पानी की कमी के कारण मूत्र गाढ़ा हो जाता है, जिससे किडनी स्टोन बनने की संभावना बढ़ जाती है.

डाइट: गर्मियों में तले-भुने और ज्यादा कैल्शियम से भरपूर फूड्स का सेवन भी किडनी स्टोन का कारण बन सकता है.

शरीर की जरूरतों को नजरअंदाज करना: कई बार लोग गर्मियों में जायदा मात्रा  में पानी नहीं पीते, हैं , जिससे शरीर में मिनरल्स और सॉल्ट्स का असंतुलन हो जाता है, जो किडनी स्टोन का कारण बन जाता है।

लक्षण :

  • पीठ या पेट के निचले हिस्से में तेज दर्द होता है यह दर्द अचानक शुरू होता है और असहनीय हो सकता है।
  • मूत्र में खून आना शुरू हो जाता है ,किडनी स्टोन के कारण मूत्र में खून भी आ सकता है
  • यूरिन ट्रैक्ट में जलन होने लगती है ,पेशाब करते समय जलन या दर्द हो सकता है।
  • मूत्र की मात्रा में कमी होने लगती है  मूत्र की मात्रा में कमी आना या बार-बार पेशाब का आना भी किडनी स्टोन का संकेत हो सकता है। 

गर्मिओं मैं किडनी स्टोन का कारण

गर्मिओं मैं किडनी स्टोन का सबसे बड़ा कारण बनता है तापमान।  तापमान बढ़ने से शरीर मैं डिहाइड्रैशन की परेशानी हो जाती है ,डिहइड्रेशन का असर किडनी पर भी देखने को मिलता है।  इस मौसम मैं हम कोल्ड ड्रिंक का अधिक से अधिक सेवन करते हैं जिसका हमारी किडनी पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है। और सवें हमको कम से कम करना चाहिए। लगातार शरीर में  डिहाइड्रैशन की समस्या होने से किडनी में क्रिस्टल या पथरी होने की समस्या जायद होती है। किडनी के स्टोन से बचने के लिए हमको बोहत सी सावधानी का ध्यान रखना पड़ता है ,जो हमारी किडनी को ठीक रखने में मदद करती है |

किडनी स्टोन का खतरा कम करने के उपाय

हाइड्रेटेड रहने के लिए सबसे बढ़िया बात यह है की खूब पानी पिएं या नींबू पानी या नींबू का रस जैसे साइट्रेट वाले ड्रिंक्स का अधिक सेवन करें। साथ ही, कॉफी और शराब जैसे डिहाइड्रेट करने वाले  पदार्थों का सेवन कम से कम करें या बंद कर दें।

ज्यादा मॉस का सेवन न करें; हमको ज्यादा मात्रा में मीट, मांस के सेवन करने  से भी किडनी स्टोन का खतरा बढ़ सकता है। शोधकर्ताओं का मानना है कि प्रोटीन वाले खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन हाइपरकैल्सीमिया (Hypercalcemia) यानी खून में कैल्शियम बढ़ने का कारण बन सकता है।

  • पानी ज्यादा पियें : गर्मियों में हर रोज 8-10 गिलास पानी पीना चाहिए. यह मूत्र को पतला रखता है और स्टोन बनने की संभावना कम करता है।
  • बैलेंस डाइट: ताजे फलों और सब्जियों का सेवन करें और अत्यधिक कैल्शियम और ऑक्सालेट से भरपूर फूड्स का सेवन करें।
  • कैफीन और अल्कोहल का सेवन कम से कम करें: ये शरीर में पानी की कमी करते हैं, जिससे किडनी स्टोन का खतरा बढ़ सकता जाता है।
  • नियमित व्यायाम: रेगुलर फिजिकल एक्टिविटी से शरीर के अंदर मिनरल्स का संतुलन बना रहता है.
  • नियमित जांच: अगर पहले कभी किडनी स्टोन की समस्या रही हो, तो नियमित जांच कराते रहना चाहिए।

निष्कर्ष :

आम तोर पर  ये देखा जाता है की किडनी की परेशानी कम तरल पदार्थ का सेवन करने से होती है और ज्यादा ठोस पदार्थ का सेवन करने से भी पथरी होती है ,काम पानी पिने से शरीर मैं तरल की कमी हो जाती है , जिससे हमारा यूरिन गाढ़ा हो जाता है और उसमें खनिज पदार्थों का जमाव बड्ड जाता है यही जमाव धीरे धीरे गुर्दे मैं पथरी का कारण बनती है , किडनी की समस्या होने पर हमको अपने डॉक्टर्स और विशेष्यज्ञों से सलाह मशवरा करना चाहिए ताकि आगे जाकर हमको किसी बड़ी परेशानी का सामना न करना पड़े। इस लिए गर्मिओं मैं ज्यादा से ज्यादा पानी पीना बोहत ही जरूरी होता है।

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Hindi Prostate Diseases

प्रोस्टेट कैंसर क्या है ? जाने एक्सपर्ट्स से कैसे पाएं इस समस्या से निजात

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प्रोस्टेट कैंसर पुरुषों में होने वाली एक ऐसी गंभीर समस्या है जो पुरुषों के प्रोस्टेट में उत्पन्न होती है | प्रोस्टेट पुरुषों के शरीर  में पायी जाने वाली अखरोट के आकार की एक छोटी-सी ग्रंथि होती है, जो वीर्य द्रव्य का उत्पादन करती है और इसके साथ शुक्राणुओं को परिवहन और पोषण करने का काम भी करती है | कई मामलों में यह कैंसर पुरुषों के शरीर के अंदर धीरे-धीरे बढ़ने लग जाते है और कई तो बस प्रोस्टेट तक ही सीमित रह जाते है, जो ग्रंथि की किसी भी प्रकार का नुक्सान नहीं पहुंचाती है | 

 

इसी बात को मध्य नज़र रखते हुए आरजी स्टोन यूरोलॉजी एंड लेप्रोस्कोपी हॉस्पिटल ने अपने यूट्यूब चैंनल पोस्ट एक यूट्यूब शॉर्ट्स में प्रोस्टेट कैंसर के बारे में अवेयरनेस फैलते हुए यह बताया है की जैसे-जैसे एक पुरुष की उम्र बढ़ती है, वैसे-वैसे ही उनमे प्रोस्टेट कैंसर होने का खतरा भी बढ़ने लग जाता है | कैंसर के शुरुआती कुछ दिनों में इसके कुछ खास लक्षण दिखाई नहीं देते है, जिस वजह से इस कैंसर से पीड़ित व्यक्ति को पता ही नहीं होता है की वह प्रोस्टेट कैंसर का शिकार हो गया है | इस बात का उस मरीज़ को तब पता चलता है जब स्थिति गंभीर हो जाती है | आइये जानते है प्रोस्टेट कैंसर के मुख्य लक्षण कौन-से है :- 

 

  • पेशाब के साथ खून का आना 
  • पेशाब करने के दौरान मुश्किलों का सामना करना 
  • पेशाब का कम परवाह में आना 
  • बार-बार और तुरंत पेशाब करने स्थिति उत्पन्न होना 
  • पेशाब करने के दौरान दर्द का अनुभव होना 
  • पेशाब करने में ज़ोर लगना 

 

प्रोस्टेट कैंसर दो प्रकार के होते है पहला जो ग्रंथि के अंदर धीरे-धीरे बढ़ता है और साथ ही ग्रंथि तक ही सीमित रहता है, ऐसे कैंसर को कम से कम उपचार की आवश्यकता पड़ती है और इसका आसानी से इलाज किया जा सकता है | जो दूसरा प्रोस्टेट कैंसर होता है, वह काफी आक्रमक स्वाभाव के होते है और साथ ही इसके ग्रंथि में तेज़ी से बढ़ने का खतरा भी रहता है |

 

यदि आप भी प्रोस्टेट कैंसर से गुजर रहे हैं और इलाज करवाना चाहते है तो आरजी स्टोन यूरोलॉजी एंड लेप्रोस्कोपी हॉस्पिटल इसमें आपकी मदद कर सकता है | इस संस्था के सीनियर कंसलटेंट डॉक्टर पुनीत बंसल यूरोलॉजिस्ट में एक्सपर्ट है, जो इस समस्या से छुटकारा दिलाने में आपकी मदद कर सकता है | इसलिए आज ही आरजी स्टोन यूरोलॉजी एंड लेप्रोस्कोपी हॉस्पिटल नामक वेबसाइट पर जाएं और अपनी अप्पोइन्मेंट को बुक करें, ताकि प्रोस्टेट कैंसर के इलाज में आपको जल्द से जल्द सहायता मिल सके |  

 

इससे जुड़ी अधिक जानकारी के लिए आप आरजी स्टोन यूरोलॉजी एंड लेप्रोस्कोपी हॉस्पिटल नामक यूट्यूब चैनल पर विजिट कर सकते है | यहाँ आपको इससे संबंधित संपूर्ण जानकारी पर वीडियो मिल जाएगी | इसके अलावा आप दिए गए लिंक पर पर भी क्लिक कर सकते है |  

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पुरुष बांझपन क्या होता है और इसके प्रमुख कारण कौन से है ?

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पिछले बीते कई सालों से प्रजनन संबंधी मुद्दों पर सबके मन में हमेशा से एक ग़लतफहमी रही है | अधिकतर लोगों को आज के दौर में भी यही लगता है की प्रजनन संबंधी समस्या केवल महिलाओं को ही हो सकती है और एक महिला ही हमशा शारीरिक रूप से ठीक नहीं होती | हलाकि यह केवल अफवाह है, क्योंकि ज्यादातर लोगों के पास इन समस्या से जुडी कोई भी जानकारी उपलब्ध नहीं होती है | वर्तमान स्थिति में पुरुष बांझपन की समस्या का होना आम है | यदि आप में कोई भी व्यक्ति पुरुष बांझपन का शिकार हो गया है तो इलाज में आरजी स्टोन यूरोलॉजी एंड लैप्रोस्कोपी हॉस्पिटल आपकी पूर्ण से मदद कर सकता है, इससे पहले आइये जान लेते है क्या होता है पुरुष बांझपन :- 

पुरुष बांझपन क्या है ?    

पुरुष बांझपन एक ऐसी स्थिति को कहा जाता है, जिसमें पुरुष में किसी प्रकार की स्वास्थ्य स्थिति होने के कारण, उसकी  महिला साथी गर्भवती होने में असमर्थ हो जाती है | हालाँकि बच्चे को पैदा करना पूर्ण रूप से प्राकृतिक प्रक्रिया होती है | लेकिन कई जोड़े ऐसे भी होते है, जिन्हे दुर्भाग्य रूप से कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ जाता है और प्राकृतिक रूप से बार-बार प्रयास करने के बाद भी गर्भधारण करने में असफल हो जाते है | 

गर्भधारण करने में एक पुरुष अपनी अहम भूमिका को निभाता है क्योंकि गर्भावस्था पूर्ण रूप से पुरुष के शुक्राणु की गुणवत्ता और मात्रा पर ही निर्भर करता है | यदि पुरुष पर्याप्त रूप से शुक्राणुओं का उत्पादन करने में असमर्थ हो जाता है, तो उस वजह से एक पुरुष और उसकी साथी महिला को गर्भधारण करने में कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है | पुरुषों में आये शुक्राणुओं की कमी को पुरुष बांझपन भी कहा जाता है | आइये जानते है इसके प्रमुख लक्षण और कारण कौन-से है :-   

पुरुष बांझपन के प्रमुख लक्षण कौन-से है ?

पुरुष बांझपन का सबसे पहला प्रमुख लक्षण है उनकी महिला साथी के गर्भधारण में असमर्थ हो जाना | लेकिन इसके अलावा कई मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक लक्षणों के कारण भी यह समस्या उत्पन्न हो सकती है | जिनमे शामिल है :- 

  • डिप्रेशन 
  • यौन क्रियाकलाप में समस्याओं का उत्पन्न होना 
  • अंडकोष में दर्द या फिर सूजन आना 
  • शुक्राणुओं की संख्या में असमानताएं उत्पन्न होना 
  • हार्मोनल में असामान्यता का उत्पन्न होना आदि |

पुरुष बांझपन के प्रमुख कारण कौन-से है ?

  • शुक्राणु का पूर्ण रूप से विकसित न होना 
  • हार्मोनल संबंधित समस्या 
  • किसी प्रकार की चोट 
  • कुछ चिकित्सा समस्या 
  • कैंसर की समस्या आदि 

पुरुष बांझपन किसे सबसे अधिक प्रभावित करता है ?  

  • AMAB से पीड़ित व्यक्ति को बांझपन की समस्या हो सकते है 
  • 40 या उससे अधिक आयु के लोग 
  • रेडिएशन के संपर्क में आये व्यक्तियों को 
  • शराब और धूम्रपान जैसे नशीली पदार्थों का सेवन करने वाले व्यक्ति  
  • जो व्यक्ति गर्म तापमान में अपना ज्यातर समय व्यतीत करता है | 
  • अंडकोष में अवरोहण का इतिहास वाले व्यक्ति 
  • अधिक वजनदार वाले व्यक्ति को भी पुरुष बांझपन की समस्या हो सकती है | 

पुरुष बांझपन का कैसे किया जाता है निदान ?

पुरुष बांझपन का इलाज एक विशेषज्ञ द्वारा ही किया जा सकता है | एक विशेषज्ञ सबसे पहले पुरुष बांझपन से पीड़ित व्यक्ति में समस्या के उत्पन्न होने के मुख्य कारण को पता करता है, ऐसा इसलिए किया जाता है क्योंकि सही कारण के पता लगने के बाद ही इस समस्या का सटीक और स्थायी रूप से इलाज किया जा सकता है | 

यदि कोई भी व्यक्ति पुरुष बांझपन की समस्या से पीड़ित है और स्थायी रूप से इलाज करवाना चाहता है तो इस समस्या के इलाज में आरजी स्टोन यूरोलॉजी एंड लैप्रोस्कोपी हॉस्पिटल आपकी पूर्ण रूप से मदद कर सकता है | इस संस्था के पास इनफर्टिलिटी में स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की बेहतरीन टीम है, जो पिछले कई सालों से  पुरुष बांझपन से पीड़ित व्यक्ति का स्थायी रूप से इलाज कर रहे है | इसलिए परामर्श के लिए आज ही आरजी स्टोन यूरोलॉजी एंड लैप्रोस्कोपी हॉस्पिटल नामक वेबसाइट पर जाएं और अपनी अप्पोइन्मनेट को बुक करें | इसके अलावा आप वेबसाइट में दिए गए नंबरों से भी सीधा संस्था से संपर्क कर सकते है |

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आरजी स्टोन यूरोलॉजी और लेप्रोस्कोपी हॉस्पिटल करता है यूरोलॉजी और लेप्रोस्कोपी उपचार में लीडिंग

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आरजी स्टोन यूरोलॉजी और लेप्रोस्कोपी हॉस्पिटल ने अपने यूट्यूब चैनल में पोस्ट एक यूट्यूब शॉर्ट्स के माध्यम से यह बताया कि आरजी स्टोन अस्पताल को मूत्रविज्ञान से जुड़ी विभिन्न समस्याओं के इलाज के लिए सबसे सर्वोत्तम मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल माना जाता है | इस संस्थान में लेटेस्ट और अग्रणी तकनीकों का इस्तेमाल कर यूरोलॉजी और लेप्रोस्कोपी से जुड़ी समस्या हर का इलाज किया जाता है | आइये जानते है आरजी स्टोन यूरोलॉजी और लेप्रोस्कोपी हॉस्पिटल किन-किन समस्याओं का इलाज करने में है सक्षम :- 

 

  1. किडनी कैंसर 
  2. गुर्दे में पथरी 
  3. प्रोस्टेट कैंसर 
  4. गॉलब्लेडर स्टोन 
  5. ओवेरियन सिस्ट 
  6. यूटेरिन फ़िब्रोइद्स 
  7. यूरेटेरिक स्ट्रीक्चर 
  8. यूरेथ्रल स्ट्रीक्चर 

 

इस संस्था के सभी डॉक्टरों उच्च स्तर के जानकर और हर समस्या का इलाज करने की विशेषज्ञता हासिल है जो हर मरीज़ का सबसे अच्छे तरीकों से इलाज करते है और यह कोशिश करते हे की उनके हॉस्पिटल में आएं सभी मरीज़ को सबसे उपयुक्त उपचार प्रदान कर सके | यदि आप मूत्रविज्ञान से जुडी किसी भी प्रकार की समस्या से गुज़र रहे है तो इलाज के लिए आप आरजी स्टोन यूरोलॉजी और लेप्रोस्कोपी हॉस्पिटल के विशेषग्यता पर भरोसा कर सकते है | आरजी स्टोन इस बात का हमेशा ध्यान रखता है की वह नियमित रूप से इलाज में उपयोग होने  वाले हर तकनीकों को अपडेट रख सके ताकि उनके हॉस्पिटल में आये मरीज़ों को सकारात्मक अनुभव मिल सके और किसी भी तरह की परेशानियों का सामना न करना पड़े | 

यदि आप भी यूरोलॉजी या फिर लेप्रोस्कोपी से जुड़ी किसी भी प्रकार की समस्या से गुजर रहे है तो आज ही आरजी स्टोन यूरोलॉजी और लेप्रोस्कोपी हॉस्पिटल नामक वेबसाइट पर जाएं और अपनी अप्पोइन्मेंट को बुक करें, ताकि जल्द से जल्द समस्या का इलाज कर इससे आपको छुटकारा मिल सके | आप चाहे तो वेबसाइट पर दिए गए नंबरों से संपर्क कर अपनी अप्पोइन्मेंट को बुक भी करवा सकता है | 

 

इससे संबंधित अधिक जानकारी के लिए आप दिए गए लिंक पर क्लिक कर इस वीडियो को पूरा देखें | इसके अलावा आप आरजी स्टोन यूरोलॉजी और लेप्रोस्कोपी हॉस्पिटल यूट्यूब चैनल पर भी जा सकते है | इस चैनल पर आपको इस विषय संबंधी संपूर्ण जानकारी पर वीडियो प्राप्त हो जाएगी |     

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डॉक्टर सुमन सेठी ने दी उनके संस्थान में होने वाली नेफ्रोलॉजी देखभाल के बारे में संपूर्ण जानकारी

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आर.जी. स्टोन यूरोलॉजी एंड लेप्रोस्कोपी हॉस्पिटल के निदेशक और नेफ्रोलॉजी में स्पेशलिस्ट डॉक्टर सुमन सेठी ने अपने यूट्यूब चैनल में पोस्ट एक वीडियो में माध्यम से अपना परिचय देते हुए यह बताया कि उन्होंने ने अपनी एम.बी.बी.एस की  डिग्री जीएमसी, अमृतसर से प्राप्त की है और उन्होंने अपनी एमडी-मेडिसिन और डीएम-नेफ्रोलॉजी की पढ़ाई दयानन्द मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल लुधियाना से पूरी की है | इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया की नेफ्रोलॉजी में उन्हें 15 से भी अधिक वर्षों का तज़र्बा है और उन्होंने आर.जी. स्टोन यूरोलॉजी एंड लेप्रोस्कोपी हॉस्पिटल में नेफ्रोलॉजी स्पेशलिस्ट के रूप में शामिल हुए है | 

 

अब अगर बात करें की नेफ्रोलॉजी में शरीर के कौन से हिस्से का इलाज किया जाता है तो, इस विभाग कक्ष में किडनी से जुड़ी हर बीमारी का इलाज किया जाता है |  जिनमे शामिल है, एक्यूट किडनी सर्जरी, क्रोनिक किडनी की बीमारी, नेफ्रोटिक सिंड्रोम, एक्यूट ग्लोमेरुलोनेफ्रैटिस, यूरिन इन्फेक्शन और किडनी स्टोन जैसी समस्या आदि का इलाज किया जाता है | इस संस्थान में डायलिसिस और 8 ऐसे नए और लेटेस्ट उपकरण मौजूद है, जो की बहुत ही उच्च गुणवत्ता से भरपूर है और इसी उपकरण के उपयोग से हर किडनी से जुड़ी समस्या से मरीज़ का इलाज किया जाता है | 

 

इस संस्थान में डायलिसिस 24 घंटे मौजूद रहते है, ताकि आपातकालीन स्थिति उत्पन्न होने पर मरीज़ का सही समय पर इलाज हो सके | उनकी तरफ से यह पूरी कोशिश रहती है की वह हर मरीज़ को डाइट से जुडी काउंसलिंग दे सके, जैसे की कौन से सन्तुलिनत भोजन का सेवन करना चाहिए और किन-किन चीज़ों से परहेज़ रखनी चाहिए आदि |  इसके अलावा किडनी ट्रांसप्लांटेशन से जुडी संपूर्ण जानकारी भी प्रदान की जाती है | 

 

यदि आप भी किडनी से जुड़ी किसी भी प्रकार की समस्या से गुजर रहे हैं और इलाज करवाना चाहते है तो इसमें आर.जी. स्टोन यूरोलॉजी एंड लेप्रोस्कोपी हॉस्पिटल आपकी संपूर्ण रूप से मदद कर सकता है | इस संस्था के पास नेफ्रोलॉजी में स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स की बेहतरीन टीम है जो किडनी से जुड़ी किसी भी समस्या को कम करने में आपकी मदद कर सकते है | इसलिए आज ही आर.जी. स्टोन यूरोलॉजी एंड लेप्रोस्कोपी हॉस्पिटल नामक वेबसाइट पर जाएं और अपनी अप्पोइन्मेंट को बुक करें | आप चाहे तो वेबसाइट पर दिए गए नंबरों से भी संपर्क कर सकते है | 

 

इससे जुड़ी अधिक जानकारी के लिए आप आर.जी. स्टोन यूरोलॉजी एंड लेप्रोस्कोपी हॉस्पिटल नामक यूट्यूब चैनल पर   करें | इस चैनल पर आपको इस विषय संबंधी संपूर्ण जानकारी पर वीडियो प्राप्त हो जाएगी |

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गुर्दे की पथरी के दोबारा उत्पन्न होने के क्या है कारण व उपचार के तरीके ?

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गुर्दे में पथरी का होना मतलब व्यक्ति के अंदर दर्द की समस्या का हमेशा से बने रहना। वही गुर्दे की पथरी का एक बार इलाज करने के बाद यदि वो दोबारा उत्पन्न हो जाए तो हमे क्या करना चाहिए। इसके अलावा गुर्दे की पथरी से कैसे हम खुद का बचाव कर सकते है इसके बारे में आज के आर्टिकल में बात करेंगे। वही पुनः उत्पन्न गुर्दे की पथरी का सामना अगर आप भी कर रहें है तो आज का आर्टिकल आपके लिए काफी उपयोगी साबित होगा ;

गुर्दे की पथरी दोबारा किन कारणों से उत्पन्न होती है ?

  • एक रिसर्च में ये बात सामने आई है की जिन लोगों को गुर्दे की पथरी हुई है उनमें से आधे लोगों को अगले 5 वर्षों के भीतर फिर से पथरी का अनुभव होगा।
  • वही शरीर में गुर्दे की पथरी का दोबारा से आने का मुख्य कारण ही पानी की कमी है, क्युकी हम में से ऐसे बहुत से लोग है जो समस्या ख़त्म होने पर उपचार को जारी नहीं रखते। 

अगर आपमें भी गुर्दे की पथरी काफी सालों के बाद उत्पन्न हुई है तो इससे बचाव के लिए आपको पंजाब में गुर्दे की पथरी विशेषज्ञ के पास जाना चाहिए। 

गुर्दे की पथरी से हम कैसे खुद का बचाव कर सकते है ?

  • पहली बात तो आपको खूब पानी पीना चाहिए।  
  • नींबू के रस और जैतून के तेल का मिश्रण किडनी की पथरी को शरीर से बाहर निकालने में काफी मददगार है इसलिए इससे बचाव के लिए इन दोनों का सेवन जरूर करें। 
  • सेब का सिरका पिए। 
  • अपने खान-पीन की दिनचर्या में अनार के रस को भी शामिल करें ।  
  • कॉर्न सिल्क (मकई के दाने का सेवन) का सेवन करें। 

गुर्दे की पथरी का उपचार कैसे किया जाता है ?

  • गुर्दे की पथरी के उपचार की बात करें कॉर्न सिल्क (मकई), गुर्दे के पथरी के इलाज में फायदेमंद है क्युकी इसके सेवन से किडनी स्टोन ठीक होता है। इसके सेवन से यूरिन ज्यादा आता है और पथरी छोटे-छोटे कणों के द्वारा बाहर निकल जाती है।
  • इसके अलावा यदि व्यक्ति की पथरी सामान्य आकार से ज्यादा बड़ी है तो ऐसे में मरीज़ की सर्जरी की जाती है, ताकि पथरी को बाहर निकाला जा सके। पर ज्यादा पानी न पीने  की वजह से ये समस्या सर्जरी के बाद भी दोबारा उत्पन्न हो जाती है।
  • वही डॉक्टरों का कहना है की अगर पथरी सामान्य आकार की है तो इसे ज्यादा पानी पीकर ठीक किया जा सकता है।

इसके अलावा पथरी बड़ी है या छोटी के बारे में जानने के लिए आपको यूरोलॉजिस्ट लुधियाना के संपर्क में आना चाहिए। और आपकी पथरी के लिए कौन सा इलाज सही है के बारे में भी जानकारी जरूर लेनी चाहिए।

गुर्दे की पथरी के लिए बेस्ट हॉस्पिटल ?

  • यदि आपकी गुर्दे की पथरी सामान्य आकार से ज्यादा बड़ी है तो इससे निजात पाने के लिए आपको आरजी स्टोन यूरोलॉजी एन्ड लेप्रोस्कोपी हॉस्पिटल का चयन करना चाहिए। वही अगर आप अपनी बड़ी पथरी का इलाज करवाना चाहते है तो इस हॉस्पिटल का चयन जरूर करें।

निष्कर्ष :

जैसा की आपने उपरोक्त के लेख से जान ही लिया की गुर्दे की पथरी का इलाज करने के बाद वो दोबारा से फिर क्यों उत्पन्न होती है। इसके अलावा अगर आपके साथ भी ऐसा कुछ हो जाए तो इससे बचाव के लिए आपको किसी अच्छे पथरी के डॉक्टर से जरूर मुलाकात करनी चाहिए।

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Hindi urinary health

लाल पेशाब होने का क्या मतलब है, जानिए पेशाब में खून आने का क्या कारण है और कैसे पाए उसे निजात?

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यदि आपको कभी भी लगे की आपके पेशाब का रंग लाल है तो इससे बिलकुल भी नज़र-अंदाज़ न करे | लाल रंग के  पेशाब आने का मतलब है पेशाब के साथ खून का आना | पेशाब में खून का आना एक ऐसी स्थिति है जो हर वर्ग लिंगों के बच्चों और वयस्कों को हो सकती है | अच्छी बात तो यह है की पेशाब में खून आने का सबसे आम कारण है पेशाब रस्ते का संक्रमित हो जाना, जिसका डॉक्टर द्वारा आसानी से इलाज किया जा सकता है | 

 

लेकिन फिर भी आपके पेशाब में खून का आना आमतौर पर सामान्य नहीं माना जाता है और इसके साथ ही कभी-कभी रक्तयुक्त पेशाब का होना एक गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है | इसलिए जितना जल्दी हो सके उतना जल्दी स्वास्थ्य सेवा प्रदाता के पास जाकर इस समस्या का इलाज करवाएं, खासकर तब जब पेशाब करने में कठिनाई या फिर दर्द का सामना करना पड़ रहा हो | सही समय में इलाज मिलने आप इस समस्या से जल्द ही छुटकारा पा सकते है | 

 

जानिए पेशाब में खून का कैसे पता करें ? 

 

सामान्य पेशाब का रंग हलके से माध्यम से पीला या फिर साफ़ भी हो सकता है | यदि आपके पशब का रंग गुलाबी, लाल या फिर जंग लगे भूरे रंग का है तो इसका मतलब यह है की आपके पेशाब के साथ खून आ रहा है | लेकिन इस बात का भी ध्यान रखें की केवल खून ही आपके पेशाब के रंग बदलने का कारण नहीं होता है, चकुंदर और रबर्ब जैसे खाद्य पदार्थ में पाए जाने वाले प्रकृतिक और कृत्रिम रंग और फेनाज़ोपाइरिडीन जैसी दवाएं से पेशाब का रंग लाल, नारंगी और गुलाबी हो सकता है | इसके आलावा यह भी संभव हो सकता है की आपके पेशाब में खून हो और आप देख ही नहीं सकते | 

 

 पेशाब में खून आने की मुख्य वजह क्या है ?  

 

महिलाओं और अन्य लोगों को मासिक धर्म चक्र के दौरान शौचालय में खून का आना बेहद आम बात होता है | हालांकि मासिक धर्म के दौरान शौचालय खुनी पेशाब की तरह लग सकती है, लेकिन यह समस्या वैसा नहीं होता है | यदि आपके भी पेशाब के साथ खून आ रहा है तो इस अर्थ यह हो सकता है की आपके शरीर के अंदर से कहीं खून बह रहा हो | खुनी पेशाब का होना संक्रमण या फिर चिकित्सा स्थितियों के होने का भी लक्षण हो सकता है, जो आपके गुर्दे, मूत्राशय, प्रजनन अंगों या फिर रक्त को काफी प्रभावित कर सकती है | कुछ गतिविधियां ऐसी भी होती है,जिसकी वजह से खुनी पेशाब हो सकता है | 

 

इस समस्या से राहत कैसे पाएं ?

 

कभी-कभी खुनी पेशाब जैसी समस्या को ठीक होने के लिए थोड़े समय की ज़रूरत होती है | उदाहरण के लिए बात करे तो यदि रक्तस्राव तीव्र व्यायाम के कारण हो रहा है तो यह आमतौर पर कुछ ही दिनों में अपने आप ठीक भो हो सकता है | लेकिन यदि यह समस्या किसी मेडिकल स्थितियों के कारण हो रहा है तो इसके लिए बेहतर है की आप अच्छे स्वास्थ्य सेवा प्रदाता के पास जाकर इसका इलाज करवाएं | 

 

इसके लिए आप आरजी स्टोन यूरोलॉजी एंड लेप्रोस्कोपी हॉस्पिटल से परामर्श कर सकते है | इस संस्था के सीनियर कंसलटेंट डॉक्टर पुनीत बंसल यूरोलॉजिस्ट में स्पेशलिस्ट है, जो इस समस्या से छुटकारा दिलाने में आपकी मदद कर सकते है |     

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पित्ताशय की पथरी होने के मुख्य कारण, लक्षण क्या है और इसका इलाज कैसे किया जाता है ?

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आरजी स्टोन यूरोलॉजी एंड लैप्रोस्कोपी हॉस्पिटल के सीनियर कंसल्टेंट & लेप्रोस्कोपी सर्जन स्पेशलिस्ट डॉक्टर अशोक मित्तल ने यूट्यूब चैनल में पोस्ट एक वीडियो में यह बताया कि आज के समय में पित्ताशय की पथरी दुनिया भर में काफी सामान्य बीमारी बन गयी है | दुनियाभर में लगभग 7 से 10 प्रतिशत तक लोग इस समस्या से गुजर रहे है | व्यक्ति के शरीर में पित्ताशय की पथरी होने की असली वजह अभी तक सामने नहीं आ पायी है, लेकिन एक रिसर्च से यह पता चला है की पित्ताशय की पथरी कोलेस्ट्रॉल के बढ़ने से बनता है | कोलेस्ट्रॉल शरीर के अंदर पाया जाने वाला एक फैट होता है, जो कभी भी घुल नहीं सकता | 

 

पित्ताशय की पथरी एक तरह की थैली होती है, जो पित्त के रस को जमा करती है | पित्त का रस डाइजेस्टिव लिक्विड द्वारा उत्पादित एक पाचक तरल पदार्थ की तरह होता है, जो आहार वसा को तोड़ने का कार्य करता है | पित्ताशय के माध्यम से पित्त रस के कोष से पानी को तब तक निकाला जाता है, जब तक यह पानी अत्यधिक गाढ़ा न हो जाये | पित्ताशय में पथरी का निर्माण पित्ताशय में मौजूद कैल्शियम लवण, पित्त वर्णक और कोलेस्ट्रॉल से मिलकर होता है | पित्ताशय की पथरी से व्यक्ति को कई तरह के समस्याओं से सामना करना पड़ सकता है |       

 

डॉक्टर अशोक मित्तल ने यह भी बताया कि यदि पित्ताशय की पथरी आपके लिए अधिक समस्या को उत्पन्न नहीं कर रही है तो इसके उपचार की कुछ खास आवश्यकता नहीं होती है, लेकिन वहीं अगर यह आपके पित्त नली में रुकावट पैदा कर रही है तो पित्ताशय की पथरी को निकालना बेहद ज़रूरी हो जाता है | 

 

इससे संबंधित अधिक जानकारी के लिए आप आरजी स्टोन यूरोलॉजी एंड लैप्रोस्कोपी हॉस्पिटल नामक यूट्यूब चैनल पर विजिट कर सकते है | इस चैनल पर  डॉक्टर अशोक मित्तल ने पित्ताशय की पथरी होने के कारण, लक्षण और इलाज के बारे सम्पूर्ण जानकारी पर वीडियो बना कर पोस्ट की हुई है | यदि आप भी पित्ताशय की पथरी से परेशान है और उपचार करवाना चाहते है तो इसके लिए भी आप आरजी स्टोन यूरोलॉजी एंड लैप्रोस्कोपी हॉस्पिटल से परामर्श कर सकते है | इस संस्था के पास बेहतरीन डॉक्टर्स की टीम है, जो पित्ताशय की पथरी से छुटकारा दिलाने में आपकी मदद कर सकते है | 

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स्तन कैंसर होने के लक्षण क्या है और यह शरीर को कैसे प्रभावित कर सकती है?

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स्तन में कैंसर तब होता है जब स्तन की कोशिकाएं उत्परिवर्तित होकर कैंसर युक्त कोशिकाओं में तब्दील हो जाती है, जो गुणा होकर ट्यूमर में परिवर्तित हो जाते है | इस कैंसर के सबसे ज़्यादा मामले उन लोगों में पाए जाते है जिन्हे जन्म के समय महिला के रूप में नामित किया गया होता है और इसके अल्वा 50 वर्ष या फिर इससे भी अधिक उम्र के लोगों को काफी प्रभावित करता है | आइये जानत है इसके मुख्या लक्षण कौन से है :- 

आरजी स्टोन यूरोलॉजी एंड लेप्रोस्कोपी हॉस्पिटल के सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर वरदान भोबे ने पाने यूट्यूब चैनल में पोस्ट एक वीडियो के माध्यम से यह बताया कि स्तन कैंसर को आम कैंसर में से एक माना जाता है | स्तन कैंसर के लगभग 80 प्रतिशत तक के मामले काफी आक्रामक होते है, जिसकी वजह से ट्यूमर स्तन के अलावा शरीर के अन्य क्षेत्रों में भी फ़ैल सकता है | आइये जानते है स्तन कैंसर कितने प्रकार के होते है :-

स्तन कैंसर कितने प्रकार के होते है ?

स्तन कैंसर के प्रकार और उपप्रकार स्वास्थ्य सेवा प्रदाता द्वारा ही निर्धारित किया जाता है, ताकि वह उपचार को जितना हो सके उतना प्रभावी बना सके और साथ ही दुष्प्रभावों को कम से कम करने के लिए संभावित उपचार कर सके | आइये जानते है ऐसे ही सामान्य कैंसर के प्रकारों के बारे में :- 

  • इनवेसिव डक्टल कार्सिनोमा (आईडीसी) 
  • लोब्यूलर ब्रैस्ट कैंसर
  • डक्टल कार्सिनोमा इन सीटू (डीसीआईएस ) 
  • ट्रिपल-नेगेटिव स्तन कैंसर (टीएनबीसी) 
  • इंफ्लेमेटरी ब्रैस्ट कैंसर (आईबीसी ) 
  • स्तन का पेजेट रोग 

यह स्तन कैंसर के उपप्रकार भी शामिल है :-  

  • ई.आर-पॉजिटिव (ई.आर.+)
  • पीआर-पॉजिटिव (पी.आर.+)
  • एचआर-पॉजिटिव (एच.आर.+)
  • एचआर-नेगेटिव (एच.आर.-) 
  • हर 2-पॉजिटिव (HER2+)

स्तन कैंसर के मुख्य लक्षण कौन से है ? 

यह स्थिति आपके शरीर में विभिन्न तरीकों से प्रभावित करती है | स्तन कैंसर से जुड़े कुछ लक्षण ऐसे भी होते है जो बहुत ही अलग होते है | स्तन कैंसर के मुख्य लक्षण है :- 

  • स्तन के आकार में परिवर्तन आना 
  • एक पिंड या गांठ का उत्पन्न होना, जो मंतर के डेन जैसे हो सकती है | 
  • आपके स्तन के आसपास या फिर उसके बगल में  गांठ या फिर मोटापन आना | 
  • स्तन के निप्पल वाली त्वचा पर के रंग-रूप में बदलाव आ जाना
  • आपके त्वचा के निचले हिस्से में संगमरमर जैसे सख्त क्षेत्र का उजागर होना | 
  • स्तन के निप्पल से खून के धब्बे या फिर साफ़ तरल पदार्थ का लीकेज होना | 
  • स्तन की त्वचा पर गड्ढे या फिर जलन होना | आदि 

अब यह सवाल आता है की इसका इलाज कैसे किया जा सके? इसके उपचार के लिए आपको डॉक्टर के पास ही जाना पड़ेगा, वही समस्या को कम करने में मदद कर सकते है | इसके लिए आप आरजी स्टोन यूरोलॉजी एंड लेप्रोस्कोपी हॉस्पिटल से भी परामर्श कर सकते है, यहाँ के डॉक्टर वरदान भोबे लप्रोस्कोपिक सर्जरी में एक्सपर्ट्स  है और इस समस्या को कम करने में आपकी मदद कर सकते है |

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हर्निया क्या होती है और इसके लक्षण कौन-कौन से है ?

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हर्निया आमतौर पर पेट या फिर कमर में हो सकता  है | जब पेट के अंदरूनी कमजोर भाग में छेद करके एक अंग उभरकर बहार आता है तो उसे हर्निया कहा जाता है | यह समस्या जन्मजात से भी हो सकती है या फिर समय के साथ यह पेट की कमजोर दीवार में या परत में विकसित हो सकती है | हर्निया के उभरने से उसमे मौजूद रक्तवाहिकाओं पर काफी दबाव पड़ता है | कुछ परिस्थितियां ऐसी भी होती है जिससे खून की सप्लाई रुक जाती है और यह आपातकालीन स्थिति भी बन जाती है क्योंकि ऊतक को खून के मध्याम से मिलने वाली ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है | 

 

हर्निया की पहचान और लक्षण कौन से है ? 

हर्निया का एक आम लक्षण है प्रभावित क्षेत्र में एक उभार या गांठ बन जाना |  उदाहरण के तौर पर इनगुइनल हर्निया जो आपके जांघ की हड्डी के तरफ एक गांठ दिख सकती है, जहाँ आपके जननांग क्षेत्र और जांघ का मिलाप होता है | जान आप लेटते हो तब आपको यह लगता है की यह गांठ गायब हो गया है और जब वही आप खड़े होते हो, झुकते या खांसते हो तो स्पर्श करने पर यह अधिक महसूस होती ह और इसके आस-पास के क्षेत्र में दर्द भी होने लगता है | 

कई मामले ऐसे भी होते है जिसमे हर्निया के कोई लक्षण दिखाई नहीं देता है | कई बार यह भी होता है की जब आप एक नियमित शारीरिक या असंबधित मेडिकल परीक्षण करवाते हो तब आपको इस समस्या के बारे पता लगता है |  

 

हर्निया होने के कारण क्या है ? 

आमतौर पर हर्निया मासपेशियां की कमज़ोरी या फिर त्वं दोनों के संयोजन से होती है | मांसपेशियों के कमज़ोर होने के निम्नलिखित कारण है :- 

  • बढ़ रही उम्र 
  • लम्बे समय से चल रहे खांसी समस्या से ग्रसित होना
  • चोट और सर्जरी से बना घाव 
  • गर्भ के समय शिशु के पेट की परत का सही तरह से विकसित न होना | 

 

हर्निया से पीड़ित रोगी को उपचार की आवश्यकता है या नहीं यह उसके हर्निया के आकर या उसके गंभीरता पर ही निर्भर करता है ,यह सुझाव सिर्फ डॉक्टर ही दे सकता है क्योंकि उपचार कई प्रकार के हो सकते है जैसे दवाइयें या फिर सर्जरी आदि | इसके लिए आरजी स्टोन यूरोलॉजी एंड लैप्रोस्कोपी हॉस्पिटल से परामर्श कर सकते है |

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