स्तन में कैंसर तब होता है जब स्तन की कोशिकाएं उत्परिवर्तित होकर कैंसर युक्त कोशिकाओं में तब्दील हो जाती है, जो गुणा होकर ट्यूमर में परिवर्तित हो जाते है | इस कैंसर के सबसे ज़्यादा मामले उन लोगों में पाए जाते है जिन्हे जन्म के समय महिला के रूप में नामित किया गया होता है और इसके अल्वा 50 वर्ष या फिर इससे भी अधिक उम्र के लोगों को काफी प्रभावित करता है | आइये जानत है इसके मुख्या लक्षण कौन से है :-
आरजी स्टोन यूरोलॉजी एंड लेप्रोस्कोपी हॉस्पिटल के सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर वरदान भोबे ने पाने यूट्यूब चैनल में पोस्ट एक वीडियो के माध्यम से यह बताया कि स्तन कैंसर को आम कैंसर में से एक माना जाता है | स्तन कैंसर के लगभग 80 प्रतिशत तक के मामले काफी आक्रामक होते है, जिसकी वजह से ट्यूमर स्तन के अलावा शरीर के अन्य क्षेत्रों में भी फ़ैल सकता है | आइये जानते है स्तन कैंसर कितने प्रकार के होते है :-
स्तन कैंसर कितने प्रकार के होते है ?
स्तन कैंसर के प्रकार और उपप्रकार स्वास्थ्य सेवा प्रदाता द्वारा ही निर्धारित किया जाता है, ताकि वह उपचार को जितना हो सके उतना प्रभावी बना सके और साथ ही दुष्प्रभावों को कम से कम करने के लिए संभावित उपचार कर सके | आइये जानते है ऐसे ही सामान्य कैंसर के प्रकारों के बारे में :-
- इनवेसिव डक्टल कार्सिनोमा (आईडीसी)
- लोब्यूलर ब्रैस्ट कैंसर
- डक्टल कार्सिनोमा इन सीटू (डीसीआईएस )
- ट्रिपल-नेगेटिव स्तन कैंसर (टीएनबीसी)
- इंफ्लेमेटरी ब्रैस्ट कैंसर (आईबीसी )
- स्तन का पेजेट रोग
यह स्तन कैंसर के उपप्रकार भी शामिल है :-
- ई.आर-पॉजिटिव (ई.आर.+)
- पीआर-पॉजिटिव (पी.आर.+)
- एचआर-पॉजिटिव (एच.आर.+)
- एचआर-नेगेटिव (एच.आर.-)
- हर 2-पॉजिटिव (HER2+)
स्तन कैंसर के मुख्य लक्षण कौन से है ?
यह स्थिति आपके शरीर में विभिन्न तरीकों से प्रभावित करती है | स्तन कैंसर से जुड़े कुछ लक्षण ऐसे भी होते है जो बहुत ही अलग होते है | स्तन कैंसर के मुख्य लक्षण है :-
- स्तन के आकार में परिवर्तन आना
- एक पिंड या गांठ का उत्पन्न होना, जो मंतर के डेन जैसे हो सकती है |
- आपके स्तन के आसपास या फिर उसके बगल में गांठ या फिर मोटापन आना |
- स्तन के निप्पल वाली त्वचा पर के रंग-रूप में बदलाव आ जाना
- आपके त्वचा के निचले हिस्से में संगमरमर जैसे सख्त क्षेत्र का उजागर होना |
- स्तन के निप्पल से खून के धब्बे या फिर साफ़ तरल पदार्थ का लीकेज होना |
- स्तन की त्वचा पर गड्ढे या फिर जलन होना | आदि
अब यह सवाल आता है की इसका इलाज कैसे किया जा सके? इसके उपचार के लिए आपको डॉक्टर के पास ही जाना पड़ेगा, वही समस्या को कम करने में मदद कर सकते है | इसके लिए आप आरजी स्टोन यूरोलॉजी एंड लेप्रोस्कोपी हॉस्पिटल से भी परामर्श कर सकते है, यहाँ के डॉक्टर वरदान भोबे लप्रोस्कोपिक सर्जरी में एक्सपर्ट्स है और इस समस्या को कम करने में आपकी मदद कर सकते है |