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पेशाब की नली में है इन्फेक्शन : तो जानिए इसके लक्षण, कारण और उपचार ?

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पेशाब की नली में है इन्फेक्शन : तो जानिए इसके लक्षण, कारण और उपचार ?

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पेशाब की नली में इन्फेक्शन मूत्राशय और मूत्रमार्ग का इन्फेक्शन है। इसे यूटीआई भी कहा जाता है। वहीं पेशाब की नली में संक्रमण होने का मुख्य कारण बैक्टीरिया है। कुछ इन्फेक्शन फंगी के कारण भी ऐसा होता है। बहुत ही दुर्लभ मामलों में यह वायरल होता है। ये वायरल क्यों किसे और किन कारणों से होता है और साथ ही इसके लक्षण क्या नज़र आते है, वहीं इस समस्या से कैसे हम खुद का बचाव कर सकते है इसके बारे में आज के लेख में चर्चा करेंगे ;

पेशाब की नली में इन्फेक्शन का होना क्या है ?

  • यह मनुष्यों के शरीर में होने वालें सबसे आम संक्रमण में से एक है। पुरुषों की तुलना में महिलाओं को इसका खतरा सबसे अधिक होता है। अगर यह संक्रमण केवल पेशाब की नली तक सीमित रहता है तो दर्द और सूजन का सामना करना पड़ता है। लेकिन अगर ये इन्फेक्शन गुर्दे तक फैल जाते है तो समस्या और भी बढ़ सकती है, जैसे आपको पथरी की समस्या का भी सामना करना पड़ सकता है 
  • वहीं सही से पानी न पीने और लंबे समय तक मूत्र को रोककर रखने के कारण भी यूरिन इंफेक्शन हो जाता है। इसके अलावा मधुमेह, गर्भवास्था औऱ मोनोपॉज के समय भी यूरिन इंफेक्शन हो जाता है। 
  • इसमें बार-बार यूरिन का आना, यूरिन में जलन होना, यूरिन के साथ खून का आना, पेड़ू या पेट के निचले हिस्से में दर्द का होना जैसी समस्याएं आपमें होने लगती है। वो भी पेशाब की नली में इन्फेक्शन के कारण।

यदि पेशाब की नली में इन्फेक्शन के कारण आपको गुर्दे में पथरी की समस्या हो गई है, तो इससे बचाव के लिए आपको लुधियाना में गुर्दे की पथरी की सर्जरी का चयन करना चाहिए।

पेशाब की नली में इन्फेक्शन के क्या कारण है ?

  • मूत्र मार्ग में अवरुद्धता का आना। 
  • गर्भावस्था के कारण। 
  • रजोनिवृत्ति का समय पर न आना या बंद होना।  
  • बहुत अधिक सेक्स करना। 
  • कई पार्टनर्स के साथ संबंध बनाना। 
  • मूत्राशय का खाली न होना। 
  • आंत्र की समस्याओं का सामना करना। 
  • प्रतिरक्षा प्रणाली का कमजोर होना।  
  • अधिक समय तक स्थिर रहना (immobility)।
  • किडनी स्टोन की समस्या। 
  • डायबिटीज की समस्या। 
  • एंटीबायोटिक दवाओं का अत्यधिक प्रयोग करने से मूत्र पथ का ब्लाक होना।
  • टैम्पोन का उपयोग आदि। 

पेशाब करने पर जलन होने के दौरान कौन-से लक्षण नज़र आते है ?

  • पेशाब करने पर जलन का महसूस होना। 
  • पेशाब के साथ खून का निकलना। 
  • मूत्र के रंग में परिवर्तन का आना। 
  • महिलाओं के श्रोणि क्षेत्र में दर्द का होना। 
  • तुरंत पेशाब करने की जरूरत का महसूस होना। 
  • पुरुषों के मलाशय में दर्द का होना। 
  • ब्लैडर खाली न होना और बार-बार पेशाब का आना। 
  • मूत्र के गंध में परिवर्तन का आना।

यदि मूत्र मार्ग में जलन जैसी समस्या का आप सामना कर रहें है, तो इससे बचाव के लिए आपको लुधियाना में बेस्ट यूरोलॉजिस्ट का चयन करना चाहिए।

पेशाब की नली में इन्फेक्शन होने पर किन बातों का रखें ध्यान ?

  • पानी का भरपूर सेवन करें। यह मूत्र को पतला करता है और बैक्टीरिया शरीर के बाहर निकालने में मददगार है।
  • कॉफ़ी, शराब, सॉफ्ट ड्रिंक, साइट्रस ड्रिंक और कैफीन के सेवन से बचें। यह पदार्थ आपके मूत्राशय को परेशान कर सकते है।
  • पेट के ऊपर हीटिंग पैड रख सकते है। यह संक्रमण के दर्द को कम करेगा। पर ध्यान रहें पैड ज्यादा गर्म न हो।
  • संभोग करने से बचें। अगर करते है, तो तुरंत बाद पेशाब करें और एक गिलास पानी पिएँ।
  • क्रैनबेरी जूस का सेवन करें। यह पेशाब की नली में इन्फेक्शन का उपचार तो नहीं करता लेकिन इसे होने से रोकता है।
  • महिलाएं योनि में डिओडोरेंट, स्प्रे या डूश के उपयोग से बचें।

मूत्र नली के इन्फेक्शन का इलाज कैसे किया जाता है ?

  • मूत्र नली में इन्फेक्शन के कारण की बात करें तो वो है बैक्टीरिया। इसलिए डॉक्टर बैक्टीरियल संक्रमण का इलाज एंटीबायोटिक दवाओं की मदद लेकर करते है।
  • वहीं मूत्र मार्ग या यूरिनरी ट्रैक्ट के जिस भाग में संक्रमण होता है, उसके हिसाब से एंटीबायोटिक दवा दी जाती है। अगर इन्फेक्शन मूत्रमार्ग और मूत्राशय तक ही सीमित है तो मौखिक रूप से एंटीबायोटिक दवा दी जाती है।
  • वायरल इन्फेक्शन और फंगल इन्फेक्शन का उपचार एंटीवायरल दवाओं से किया जाता है और फंगल इन्फेक्शन का एंटीफंगल दवाओं से। वायरल यूटीआई में सिडोफोविर ड्रग चिकित्सकों की पहली पसंद है, क्योंकि यह सामान्य वायरल रोगजनकों के खिलाफ बेहतर प्रदर्शन करता है।

पेशाब की नली में इन्फेक्शन का पता कैसे लगाया जा सकता है ? 

  • इसका पता लगाने के लिए आप मूत्र का विश्लेषण करवा सकते है। 
  • अल्ट्रासाउंड, कम्प्यूटरीकृत टोमोग्राफी (CT), या एमआरआई (MRI) की मदद से भी इस समस्या का पता लगाया जा सकता है। 
  • इंट्रावेनस पाइलोग्राम (IVP) का चयन। 
  • सिस्टोस्कोपी का चयन। 

ध्यान रहें :

अगर आपके मूत्र नली में इन्फेक्शन की समस्या लगातार बढ़ते जा रहीं है, तो इससे बचाव के लिए आपको अपने सेहत का खास ध्यान रखना चाहिए और गंभीर समस्या ज्यादा न बढ़े उससे पहले ही आपको आरजी स्टोन यूरोलॉजी और लेप्रोस्कोपी हॉस्पिटल का चयन कर लेना चाहिए। 

निष्कर्ष :

मूत्र नली में समस्या का आना मतलब आपके लिए काफी परेशानी खड़ी कर सकता है, इसलिए जरूरी है की आपको इससे बचाव के लिए जिन भी जरूरी बातो का ध्यान रखना चाहिए उसको जरूर से रखें।

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जानिए ज्यादा नमक किडनी के मरीजों के लिए कैसे है, खतरा और वो इससे कैसे खुद का बचाव कर सकते है?

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किडनी में पथरी की समस्या का सामना कर रहें लोगों के लिए नमक किस तरह खतरे की निशानी है इसके बारे में हम आज के लेख में चर्चा करेंगे, तो अगर आप भी इस तरह की समस्या का सामना कर रहें है तो इससे बचाव के लिए आपको आर्टिकल के साथ अंत तक बने रहना चाहिए ;

क्या है किडनी में स्टोन की समस्या ?

  • किडनी के भीतर खनिजों और लवणों से बने क्रिस्टल के जमा होने की स्थिति को किडनी स्टोन का कारण माना जाता है। वहीं यह स्थिति गंभीर दर्द का कारण बन सकती है, कुछ लोगों को पेशाब की भी समस्या बनी रहती है। समय रहते इसके लक्षणों की पहचान कर स्टोन्स को निकालने के उपचार कराने की सलाह दी जाती है।
  • इसके अलावा कुछ स्वास्थ्य विशेषज्ञ का मानना है, की कम पानी पीने, आहार में गड़बड़ी, किडनी स्टोन की फैमिली हिस्ट्री या अधिक नमक-चीनी का सेवन करने वालों में किडनी में स्टोन बनने की दिक्कत अधिक होती रहती है। डॉक्टर्स कहते है, अगर आहार पर ध्यान देने के साथ पर्याप्त मात्रा में पानी पीते रहें तो इस समस्या से बचाव किया जा सकता है।

अगर किडनी स्टोन के कारण आपको मूत्र से सम्बंधित कोई समस्या नज़र आ रहीं है तो इससे बचाव के लिए आपको लुधियाना में बेस्ट यूरोलॉजिस्ट का चयन करना चाहिए।

लक्षण क्या है किडनी स्टोन के ?

  • पीठ के निचले हिस्से या पेट के एक हिस्से में दर्द का महसूस होना।
  • दर्द के साथ मतली या उल्टी होना।
  • पेशाब से खून आना या पेशाब के दौरान दर्द होना।
  • पेशाब करने में असमर्थ होना।
  • अधिक बार पेशाब करने की आवश्यकता महसूस होना।
  • बुखार या ठंड का लगना।
  • पेशाब से बदबू या झाग का दिखाई देना।

किडनी स्टोन की समस्या से हम किन तरीको से करें खुद का बचाव ?

  • सबसे पहले तो आप इस तरह की समस्या से बचाव के लिए कम नमक का सेवन करें। वहीं ज्यादा नमक खाने से आपकी यूरिन में कैल्शियम की मात्रा बढ़ जाएगी, जिससे स्टोन का खतरा भी बढ़ जाता है, एक दिन में लोगों को 2300 mg से ज्यादा नमक नहीं खाना चाहिए, खास कर जो लोग किडनी स्टोन की समस्या से जूझ रहे है, उन्हें रोज़ 1500 mg नमक ही खाना चाहिए. इससे आपको काफी राहत मिलेगी। 
  • किडनी स्टोन से बचने के लिए लोगों को हर दिन पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए, पानी पीने से किडनी में जमे एक्स्ट्रा मिनरल्स बाहर निकल जाते है और किडनी स्टोन का खतरा कम हो जाता है. अगर आप पानी में नींबू है या कुछ खट्टा रस मिला लें, तो भी किडनी स्टोन को बनने से रोक सकते है, इसके अलावा किडनी सर्वे से बचाव के लिए आपको हर दिन कम से कम 3 से 4 लीटर पानी जरूर पीना चाहिए। 
  • कैल्शियम से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करने से आप किडनी स्टोन की समस्या से बच सकते है। वहीं दूध, दही, पनीर, सोयाबीम, बादाम और हरी पत्तेदार सब्जियों में बड़ी मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है, ऐसे फूड्स का सेवन करने से आपकी यूरिन में कैल्शियम जमने की संभावना कम हो जाएगी और किडनी स्टोन का खतरा घट जाएगा। 
  • रेडमीट, चिकन, अंडा और सीफूड का ज्यादा सेवन करने से यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ सकती है और किडनी स्टोन का खतरा भी बढ़ जाता है, इससे बचने के लिए हाई प्रोटीन फूड्स को अवॉइड करना चाहिए. नॉनवेज से दूरी बना लेनी चाहिए और हेल्दी फूड का सेवन करना चाहिए। 
  • चॉकलेट खाने की आदत करें कम, क्युकी ज्यादा चॉकलेट, चाय और अखरोट खाने से भी किडनी स्टोन का खतरा बढ़ जाता है, तो ऐसे में आपको इन चीजों से दूरी बनानी चाहिए और हेल्दी चीजों का सेवन करना चाहिए. अगर आप इन बातों का ध्यान रखेंगे तो किडनी स्टोन की समस्या से बच सकते है।

यदि इन उपायों को अपनाने के बाद भी किडनी में स्टोन की समस्या बढ़ते जा रहीं है तो इससे बचाव के लिए आपको लुधियाना में गुर्दे की पथरी की सर्जरी का चयन करना चाहिए।

सुझाव : 

गुर्दे की पथरी बहुत ही खतरनाक है, इसलिए इससे बचाव के लिए आपको अपने खान-पान का खास ध्यान रखना चाहिए, और नमक का सेवन उपरोक्त बताएं अनुसार ही करना चाहिए।

पथरी के इलाज के लिए बेस्ट हॉस्पिटल !

आप चाहे तो बढ़ी हुई पथरी का इलाज आरजी स्टोन यूरोलॉजी और लेप्रोस्कोपी हॉस्पिटल से भी करवा सकते है। 

निष्कर्ष :

गुर्दे में पथरी का होना बहुत ही खतरनाक समस्या है, क्युकी इस दौरान रह-रह कर दर्द की समस्या आपमें बनी रहती है, इसलिए जरूरी है की इससे बचाव के लिए आपको जल्द डॉक्टर का चयन करना चाहिए।

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What is the definition of chronic kidney disease?

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The kidney is an important part of the human body that filters waste from the body. An unhealthy diet plan and poor living can cause different types of kidney-related problems. The best urologist in Ludhiana is known for treating chronic kidney diseases. 

 

What are chronic kidney diseases? 

Chronic kidney disease, also called chronic kidney failure, involves a gradual loss of kidney function. Your kidneys filter wastes and excess fluids from your blood, which are then removed in your urine. Advanced chronic kidney disease can cause dangerous levels of fluid, electrolytes and wastes to build up in your body.

 

What are the causes of chronic kidney diseases?

There are different causes of chronic kidney diseases. Diabetes and high blood pressure are the most common causes of chronic kidney diseases. 

  • Diabetes: Too much glucose, also called sugar, in your blood damages your kidneys’ filters. Over time, your kidneys can become so damaged that they no longer do a good job filtering wastes and extra fluid from your blood. The first sign of kidney-related issues from diabetes is protein in your urine. The filters are damaged, and you need a protein called albumin to stay healthy. Diabetic kidney disease is the medical term for kidney disease caused by diabetes.
  • High blood pressure: High blood pressure can damage blood vessels in the kidneys, so they don’t work either. If the blood vessels in your kidneys are damaged, your kidneys may not work as well to remove wastes and extra fluid from your body. Excess fluid in the blood vessels may increase blood pressure, creating a dangerous cycle.

 

Other factors that cause chronic kidney diseases. 

Some other factors that can cause kidney-related problems are: 

  • A genetic disorder that causes many cysts to grow in the kidneys
  • an infection
  • A drug that is toxic to the kidneys
  • A disease that affects the entire body, such as diabetes or lupus, is an NIH external link. Lupus nephritis is the medical name for kidney disease caused by lupus.
  • IgA glomerulonephritis
  • Disorders in which the body’s immune system attacks its cells and organs, such as Anti-GBM disease
  • heavy metal poisoning, such as lead poisoning NIH external link
  • rare genetic conditions, such as Alport syndrome NIH external link
  • hemolytic uremic syndrome in children
  • IgA vasculitis
  • renal artery stenosis

 

Treatment for chronic kidney diseases.

 

Medication 

High blood pressure medications can initially decrease kidney function and change electrolyte levels, so you might need frequent blood tests to monitor your condition. Your doctor may also recommend a water pill and a low-salt diet.

  • Medications to relieve swelling: People with chronic kidney disease often retain fluids. This can lead to swelling in the legs and high blood pressure. Medications called diuretics can help maintain the balance of fluids in your body.
  • Medications to treat anemia: Erythropoietin, sometimes with added iron, helps produce more red blood cells. This might relieve fatigue and weakness associated with anemia.
  • Dialysis: Dialysis artificially removes waste products and extra fluid from your blood when your kidneys can no longer do this. In hemodialysis, a machine filters waste and excess fluids from your blood.
  • Kidney transplant: A kidney transplant involves surgically placing a healthy kidney from a donor into your body. Transplanted kidneys can come from deceased or living donors.

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Hydronephrosis: symptoms and causes

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Hydronephrosis is a condition associated with the upper urinary tract that causes either or both kidneys to swell. The condition takes place when the urine keeps flowing from the kidney to the bladder and does not let the body get rid of the urine completely, which may cause some symptoms like sudden and intense back or side pain, vomiting, blood in your urine, painful urination, weakness or fever as a result of urinary tract infection. There are a number of treatments available at a kidney hospital in Ludhiana that are approached in association with the underlying condition. 

The condition can vary from sudden or chronic, one-sided or bilateral, partial or complete. The condition is known as unilateral if only one side of the kidney is affected by hydronephrosis, and if both kidneys are affected, then the condition is known as bilateral hydronephrosis. The intensity of the condition can also vary from mild to severe swelling. 

The condition of hydronephrosis can lead to kidney failure or loss of kidney functions. However, in order to decrease the risk of long-term complications, the best urologist in ludhiana may approach some prompt treatments. 

How does a urinary tract work?

The urinary tract is responsible for the removal of waste and fluid from the body, and it consists of the following organs: 

  • Two kidneys: their job is to get rid of toxins and waste present in your blood. 
  • Two ureters: these are the ducts that are responsible for the flow of urine from the kidneys to the bladder. 
  • Bladder: the job of the bladder is to store the urine
  • Urethra: it is a tube that allows the urine out of the body. 

How common is hydronephrosis? 

Affecting 1 out of 100 individuals, people of all ages can be influenced by hydronephrosis at some point in their life. 

In an infant, the condition can occur due to blockage that can take place during foetal development. 1% of pregnancies encounter this condition, which resolves itself before birth most of the time. 

Symptoms of hydronephrosis

Symptoms of hydronephrosis depend on the cause of the condition. Generally the symptoms of the condition can not be seen. In babies, antenatal hydronephrosis does not cause any symptoms after birth. 

In case the symptoms occur, they include: 

  • Intense or sudden pain on your back or your back, abdomen, or side. 
  • Nausea or vomiting
  • Painful urination
  • Urinary tract infection
  • Blood in your urine
  • Urinating less or more than usual

If you have hydronephrosis, the chances of getting a urinary tract infection increase as the urine gets trapped in the body, which causes the bacteria to grow in the urinary tract. The symptoms of urinary tract infection include: 

  • Exhaustion, chills and fever
  • Burning or painful feeling when you pee
  • Cloudy pee, which is not clear

Causes of hydronephrosis

The majority of hydronephrosis cases are caused by blockage or obstruction in some parts of the urinary tract. Many conditions can cause the blockage. 

The conditions that generally cause hydronephrosis in adults include: 

  • Kidney stones: kidney stones are hard deposits composed of calcium and oxalate that can cause blockage in the kidney or the urinary tract. 
  • Ureteral obstruction: It is an obstruction inside the ureters. 
  • Tumours: the urine tract may keep the flow of urine going as a result of a tumour in the organs near the urinary tract, such as the uterus, prostate gland, bladder
  • Benign prostatic hyperplasia (BPH): pressure on the urethra can be increased by the enlargement of the prostate gland. 
  • Narrowing of the urinary tract: this narrowing can be caused by an injury, surgery, infection, or birth disorder. 
  • Nerve or muscle problems: these problems can impact your kidney or ureters
  • Vesicoureteral reflux refers to the flow of urine back into the kidney from bladders. 
  • Uretrocele: this condition refers to the extension of the ureter into the bladder. 

In individuals with uterus, the occurrence of hydronephrosis can be due to: 

  • Pregnancy: as a result of the increasing size of the uterus, the ureter might get pressed, which may result in blocking the flow of urine. 
  • Uterine prolapse: This condition involves the sagging of the uterus and its disposition from its usual place.
  • Cystocele fallen bladder: this condition refers to the bladder falling into the vagina due to the weakening of the wall between the vagina and bladder. 

In babies, antenatal hydronephrosis can take place due to: 

  • The increased amount of urine produced by the foetus. 
  • The blockage in the urinary tract hinders the flow of urine. 
  • Reflux of the urine back into the kidney from the bladder.

These are the symptoms and causes of hydronephrosis. If you see any symptoms of this condition, be sure to contact the best urologist in ludhiana, as the condition, if left untreated, may also result in kidney failure or damage the functions of the kidney.

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किडनी के लिए डायबिटीज की समस्या कैसे खतरनाक है – जानिए इसके लक्षण और बचाव के उपाय ?

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मधुमेह गुर्दे के स्वास्थ्य के लिए एक महत्वपूर्ण खतरा है, जिससे गंभीर जटिलताएँ पैदा होने की संभावना है। इस स्थिति से किडनी खराब होने का खतरा बढ़ जाता है और यदि इसे नियंत्रित नहीं किया गया तो क्रोनिक किडनी रोग (सीकेडी) या यहां तक कि किडनी फेलियर भी हो सकता है। इस संबंधित मुद्दे के प्रबंधन में लक्षणों को समझना और निवारक उपायों को लागू करना महत्वपूर्ण है ;

किडनी के लिए डायबिटीज का जोखिम क्या है ?

  • मधुमेह के कारण रक्त शर्करा का स्तर लंबे समय तक बढ़ने से किडनी खराब होने का खतरा काफी बढ़ जाता है। गुर्दे में छोटी रक्त वाहिकाएँ होती है, जो रक्त से अपशिष्ट को फ़िल्टर करती है। 
  • हालाँकि, लगातार उच्च रक्त शर्करा इन वाहिकाओं को नुकसान पहुंचा सकती है, जिससे किडनी की कार्यक्षमता ख़राब हो सकती है। समय के साथ, यह क्षति बढ़ सकती है, जिससे सीकेडी या गुर्दे की विफलता हो सकती है, जिसे मधुमेह अपवृक्कता के रूप में जाना जाता है।

डायबिटीज होने पर किडनी में लक्षण क्या नज़र आते है ?

मधुमेह के कारण गुर्दे की क्षति के प्रारंभिक चरण में अक्सर कोई ध्यान देने योग्य लक्षण दिखाई नहीं देते है। हालाँकि, जैसे-जैसे स्थिति बढ़ती है, लक्षणों में निम्न चीजें शामिल हो सकते है ;

सूजन : 

गुर्दे की कार्यप्रणाली में गड़बड़ी के कारण द्रव प्रतिधारण से पैरों, टखनों या आंखों के आसपास सूजन हो सकती है।

थकान : 

असामान्य रूप से थकान या कमजोरी महसूस होना, जो एनीमिया या शरीर में अपशिष्ट संचय का परिणाम हो सकता है।

पेशाब का बढ़ना :  

सामान्य से अधिक पेशाब आना या रात में बार-बार पेशाब करने के लिए उठना पड़ता है। यदि आपमें पेशाब की समस्या सामान्य से अधिक बढ़ जाए, तो इससे बचाव के लिए आपको लुधियाना में बेस्ट यूरोलॉजिस्ट का चयन करना चाहिए।

मूत्र में रक्त : 

मधुमेह से संबंधित गुर्दे की क्षति के परिणामस्वरूप मूत्र में रक्त आ सकता है।

मधुमेह की समस्या में किडनी निवारक उपाय क्या है ?

रक्त शर्करा के स्तर को प्रबंधित करें :

स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर द्वारा बताए गए संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और दवा के माध्यम से रक्त शर्करा के स्तर की लगातार निगरानी और उसे नियंत्रण करें।  

ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखें :

उच्च रक्तचाप किडनी को और अधिक नुकसान पहुंचा सकता है। कम सोडियम वाले आहार, नियमित व्यायाम और निर्धारित दवाओं सहित स्वस्थ जीवन शैली के माध्यम से रक्तचाप को नियंत्रित करें।

स्वस्थ जीवन शैली को अपनाएं :

स्वस्थ वजन बनाए रखें, धूम्रपान से बचें, शराब का सेवन सीमित करें और फलों, सब्जियों और साबुत अनाज से भरपूर संतुलित आहार का सेवन करें।

नियमित जांच :

किडनी की कार्यप्रणाली की निगरानी के लिए नियमित रूप से स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से मिलें। किसी भी समस्या का समय पर पता चलने से त्वरित हस्तक्षेप और प्रबंधन की अनुमति मिलती है।

दवा का पालन :

निर्धारित दवाओं का पालन करें, जिनमें विशेष रूप से गुर्दे की कार्यप्रणाली की रक्षा करने वाली दवाएं, जैसे एसीई अवरोधक या एआरबी शामिल है। इसके अलावा किसी भी ऐसी दवाई का सेवन न करें जो आपके किडनी और पेट में समस्या उत्पन्न कर दें। वहीं अगर आपने दवाई का ज्यादा सेवन कर लिया है, जिसकी वजह से आपके पेट में इंफेक्शन का खतरा उत्पन्न हो गया है, तो इससे बचाव के लिए आपको लुधियाना में हर्निया का इलाज जरूर से करवाना चाहिए।

डायबिटीज से पीड़ित व्यक्ति को कौन-से किडनी जाँच को करवाना चाहिए ?

  • यूरीन की सामान्य जांच।
  • कम मात्रा में प्रोटीन निकलने की जांच (माइक्रो एल्बुमेनैरिया)।
  • अधिक मात्रा में प्रोटीन निकलने की जांच (मैक्रो एल्बुमिनुरिया)।
  • किडनी की कार्य प्रणाली की जांच (किडनी फं क्शनिंग टेस्ट)।

किडनी की जाँच के लिए बेस्ट हॉस्पिटल !

अगर आप डायबिटीज की समस्या का सामना कर रहें है, जिसकी वजह से आपको किडनी जैसी गंभीर समस्या का सामना करना पड़ रहा है तो इससे बचाव के लिए आपको आरजी स्टोन यूरोलॉजी और लेप्रोस्कोपी हॉस्पिटल का चयन करना चाहिए।

निष्कर्ष :

  • मधुमेह और गुर्दे के स्वास्थ्य के बीच संबंध एक गंभीर चिंता का विषय है, लेकिन सक्रिय उपाय जोखिमों को काफी कम कर देते है। रक्त शर्करा के स्तर को प्रबंधित करके, रक्तचाप को नियंत्रित करके और स्वस्थ जीवन शैली अपनाकर, व्यक्ति मधुमेह से उत्पन्न होने वाली किडनी संबंधी जटिलताओं की संभावना को काफी कम कर सकते है। नियमित स्वास्थ्य जांच महत्वपूर्ण है, जिससे कोई भी समस्या उत्पन्न होने पर शीघ्र पता लगाया जा सकता है और हस्तक्षेप किया जा सकता है।
  • जबकि मधुमेह के कारण गुर्दे की क्षति का खतरा एक गंभीर चिंता का विषय है, निवारक उपायों को लागू करने और किसी के स्वास्थ्य की बारीकी से निगरानी करने से इन जोखिमों को काफी हद तक कम किया जा सकता है। रक्त शर्करा के स्तर और समग्र स्वास्थ्य के प्रबंधन के प्रति सक्रिय दृष्टिकोण अपनाकर, व्यक्ति प्रभावी ढंग से अपनी किडनी की सुरक्षा कर सकते है और अपने समग्र स्वास्थ्य पर मधुमेह के प्रभाव को कम कर सकते है।
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बिना ऑपरेशन के कैसे करे किडनी स्टोन का इलाज ?

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किडनी में पथरी की समस्या काफी गंभीर है। इस समस्या की वजह से व्यक्ति को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा किडनी में पथरी की समस्या से हम बिना सर्जरी के कैसे निजात पा सकते है हम इसके बारे में भी बात करेंगे, तो शुरुआत करते है आर्टिकल की ;

किडनी में पथरी की समस्या क्यों उत्पन होती है ?

  • किडनी स्टोन गलत खानपान की वजह से व्यक्ति को अपना शिकार बनाती है। गुर्दे की पथरी होने पर असहनीय दर्द होता है। 
  • वही गुर्दे/किडनी में पथरी की समस्या तब उत्पन होती है, जब नमक एवं अन्य खनिज (जो मूत्र में मौजूद होते हैं) एक-दूसरे के संपर्क में आते हैं। 
  • कुछ मामलों में पथरी की बात करे तो ये रेत के दानों की तरह बहुत छोटे आकार की होती है तो कुछ मटर के दाने की तरह होती है। वही कुछ पथरी की बात करे तो वो मूत्र से बाहर निकल जाती है, लेकिन जो पथरी बड़ी होती है वह बहुत ही परेशान भी करती है।

किडनी में स्टोन की समस्या क्यों उत्पन होती है इसके बारे में जानने के लिए आप गुर्दे की पथरी विशेषज्ञ पंजाब से सलाह ले।

किडनी स्टोन के मुख्य कारण क्या है ?

  • कुछ अनुभवी डॉक्टरों का मानना है कि जब हमारे शरीर में पानी की कमी हो जाती है, तो यही पानी की कमी पथरी का मुख्य कारण बनती है। 
  • किडनी में पथरी इसलिए बनती है क्युकि इसमें यूरिक एसिड पतला करने के लिए पर्याप्त पानी चाहिए होता है और पर्याप्त पानी न मिलने पर मूत्र अधिक अम्लीय बन जाता है। यह अम्लीय गुर्दे की पथरी बनने का मुख्य कारण होता है। ये स्टोन अगर शरीर में लंबे समय तक रहें तो गंभीर समस्या भी उत्पन्न कर देते हैं।

बिना सर्जरी के कैसे किडनी स्टोन का इलाज किया जा सकता है ?

  • एक्स्ट्राकापोरियल शॉक वेब लिथोट्रिप्सी (ESWL) से किडनी की पथरी का उपचार होगा। अभी तक लिथोट्रिप्सी की सुविधा प्रदेश में नहीं है। लेकिन बहुत जल्द इसके आने की उम्मीद की जा रही है। 
  • वही इस ट्रीटमेंट के जरिये काफी किफायती दामों में इलाज को भी मुकम्मल किया जा सकता है। 
  • तो वही इस मशीन के चलने की बात करे तो ये लिथोट्रिप्सीमशीन के ऑपरेटिंग टेबल पर मरीज काे लेटा दिया जाता है। फिर टेबल पर पेट की सीध में पानी से भरा तकिया लगा दिया जाएगा। ये किडनी के पीछे होगा। इसके बाद शॉक वेब से स्टोन को टारगेट किया जाएगा। पत्थरी को क्रश करने के लिए 1 से 2 हजार शॉक वेब की जरूरत होती है। इस प्रक्रिया के बाद किडनी की पथरी का चूरा पेशाब के साथ बाहर निकलेगा।

किडनी की पथरी के इलाज के लिए बेस्ट यूरोलॉजिस्ट लुधियाना का चयन करें।

सुझाव :

यदि आपकी किडनी की पथरी ज्यादा गंभीर है तो इसके लिए आप आर जी हॉस्पिटल का चयन कर सकते है अपनी पथरी के इलाज के लिए। वही पथरी का इलाज इस हॉस्पिटल में बहुत अच्छे तरीके से किया जाता है। इसके अलावा (ईएसडब्लूएल/ESWL) सर्जरी के बारे में भी आप यहाँ के डॉक्टर से पूछ सकते है।

निष्कर्ष :

किडनी में स्टोन का होना काफी खतरनाक मंज़र हो सकता है व्यक्ति के लिए। इसलिए किडनी में पथरी के कारणों को जानने के बाद इसके इलाज के लिए किसी बेहतरीन यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर का चयन करें।

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बिना ऑपरेशन के अब जूस की मदद से किडनी की पथरी को निकालना हुआ आसान ?

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किडनी की पथरी आज के समय में काफी गंभीर समस्या बनी हुई है। जोकि हर व्यक्ति को अपना शिकार बना रही है। इसलिए हम आज के इस लेख में बात करेंगे कि कैसे बहुत कम लागत व कई तरह के जूस की मदद से पेशाब के माद्यम से किडनी की पथरी को हम आसानी से बाहर निकाल सकते है। तो चलिए शुरुआत करते है, किडनी की पथरी को ख़त्म करने की मुहीम को।

किडनी की पथरी की समस्या क्यों उत्पन होती है ?

 

किडनी की पथरी की समस्या क्यों उत्पन होती है, इसके बारे में हम निम्न में बात करेंगे ;

 

  • डॉक्टर्स का कहना हैं, कि शरीर में पानी की कमी की वजह से पथरी की समस्या उत्पन होती है। दरअसल, ऐसा इसलिए होता है, क्युकि शरीर में यूरिक एसिड को पतला करने के लिए पर्याप्त पानी चाहिए होता है और ऐसा न होने पर मूत्र अधिक अम्लीय बन जाता है। और यह अम्लीय ही गुर्दे की पथरी बनने का मुख्य कारण बनती है। 

 

  • वही ये स्टोन अगर शरीर में लंबे समय तक बने रहें तो गंभीर समस्या भी उत्पन्न कर देते हैं। जिसके कारण मूत्र में रुकावट उत्पन्न हो सकती है, अगर ये स्टोन मूत्रवाहिनी की ओर चले जाए तो।

 

किडनी की पथरी की समस्या यदि आपमें में भी उत्पन हो गई है, तो किडनी के स्पेशलिस्ट डॉक्टर के पास जरूर से जाए।

क्या जूस पीकर हम किडनी की पथरी की समस्या से निजात पा सकते है ?

बिल्कुल पा सकते है, बस इसके लिए हमे किन जूस का इस्तेमाल करना होगा। इसके बारे में जानने की जरूरत है, जैसे ;

  • पहला है, नींबू पानी का सेवन। इसको पीकर हम जो हमारे शरीर में स्टोन बनते है, उसका खात्मा जड़ से करते है।  

 

  • सेब के सिरके, में एसिटिक एसिड होता है, एसिटिक एसिड गुर्दे की पथरी को घोलने में मदद करता है। तो वही एक अध्यन में ये भी पाया गया है, कि सेब का सिरका गुर्दे की पथरी का जड़ से खात्मा करती है। 

 

  • तुलसी की पत्ती, में एसिटिक एसिड होता है, जो गुर्दे की पथरी को तोड़ने और दर्द को कम करने में मदद करता है। इसलिए इसका सेवन जरूर से करे। 

 

  • अजवाइन का रस पीने से भी हम गुर्दे की पथरी के दर्द से निजात पा सकते है। 
  • अनार का जूस पीने से गुर्दे की पथरी और इसके कारण बनने वाले विषाक्त प्रदार्थो को ख़त्म किया जा सकता है। 

 

  • राजमा का शोरबा, पीने से भी आपकी पथरी आसानी से घुल जाती है और मूत्र मार्ग से बहार निकल आती है। 

 

  • व्हीटग्रास का जूस, पीने से भी हम गुर्दे की पथरी से आसानी से निजात पा सकते है। साथ ही इसके जूस का रोजाना यदि हम सेवन करते है, तो ये हमारे स्वाथ्य के लिए काफी लाभदायक माना जाता है।

 

यदि आप उपरोक्त जूस का इस्तेमाल करते है, अपनी पथरी को ख़त्म करने के लिए तो आप एक बार बेस्ट यूरोलॉजिस्ट लुधियाना के सम्पर्क में जरूर से आए।

सुझाव :

यदि गुर्दे के पथरी की समस्या काफी गंभीर बन गई है, तो आप उपरोक्त जूस के साथ-साथ इसका उपचार भी आरजी हॉस्पिटल से आसानी से करवा सकते हो।

निष्कर्ष :

गुर्दे के पथरी की समस्या काफी विकट समस्या बन चुकी है और समय पर इसका इलाज न किया जाए तो ये और भी खतरनाक बन जाती है। इसलिए समय पर इस समस्या पर ध्यान देकर किसी अच्छे डॉक्टर का चुनाव करके इसका उपचार शुरू करवाए।  

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Natural Remedies for Kidney Stone & Doctor’s Advice

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Kidney stones are also known as renal calculi and are sturdy rock-like structures made of crystals. Usually, kidney stones are found in the kidneys but they can also occur in any part of the urinary tract such as kidneys, ureters, bladder, and urethra. There are different types of kidney stones depending upon their formation. The key crystals that form kidney stones are Calcium, Uric, Struvite, and Cystine. A kidney stone is one of the most painful condition and immediate doctor consultation is advised. However, kidney stones can also be treated with natural ways. Let us are some natural remedies for kidney stones.

Natural remedies for kidney stones

  • Water: One of the best ways to avoid and treat kidney stones is by drinking plenty of liquids. You must drink at least 12 glasses of water and other liquids in a day. The excess liquid supply will cut the stones and help it pass through the body.
  • Apple Cider Vinegar: Apple Cider Vinegar is high in acetic acid which is able to cut kidney stones. It is also helpful in easing down the pain. A combination of Apple Cider Vinegar, water and lemon juice is very effective.
  • Wheatgrass juice: Wheatgrass juice offers a good supply of nutrients and is also an influencer of urine. When you urinate more, you have higher chances to pass out the kidney stones.
  • Pomegranate juice: Pomegranate is known to improve kidney function as it is responsible to flush out toxins from the body. A glass of pomegranate juice will help you eliminate kidney stones as well.
  • Basil Juice: The acetic acid content of basil is very high. It helps in breaking down the kidney stone and making it easy to pass through the urinary tract.

What do doctors advise for kidney stones?

The doctors explain that the treatment for kidney stones depends upon the type of deposits. It can vary anything from simple medications to surgery. While natural remedies must be tried, the doctors advise some more precautions including:

  • Reduce the amount of salt and sugar in your diet.
  • Reduce consumption of red meat and eat the right food.
  • Exercise regularly.
  • Maintain healthy blood pressure.
  • Ensure your blood sugar levels are in control.
  • Maintain a healthy weight and do not become overweight/obese.
  • Any pain killers and any type of over the counter medications.
  • Quit smoking.
  • Drink plenty of water.
  • Get the kidney check-up done regularly.

The doctor would assess your condition and offer you the best treatment option. In severe cases, kidney stone surgery is advised which must be performed by an expert surgeon only. If you are dealing with kidney stones, do not ignore the symptoms and consult with a reliable kidney stone surgeon or urologist right away.

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Types of Kidney Stone Surgeries

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Kidney stones are deposits of minerals or uric acid in the kidney that become rock solid over the period of time. These stones can be of different sizes, and some may become very large. The stones can cause a range of problems, including pain and kidney dysfunction. While small kidney stones can easily pass out of the body, the large-sized stones are often the problematic ones. To remove these large-sized kidney stones, doctors recommend surgical procedures.

Some of the common conditions when the doctors suggest kidney stone surgery include:

  • The large-sized stone that cannot pass on its own.
  • Acute pain
  • The stone causes blockage of urine from the bladder
  • The stone causes urinary tract infections

Different types of kidney stone surgeries

There are various surgical procedures aimed at treating kidney stones. The four popular surgical treatments for kidney stones include:

  • Shock wave lithotripsy
  • Ureteroscopy
  • Percutaneous nephrolithotomy or percutaneous nephrolithotripsy
  • Open surgery
  • Shock wave lithotripsy (SWL)

One of the popularly recommended kidney stone treatment is Shock wave lithotripsy (SWL). The treatment is effective when the patients have small to medium-sized stones. It is a non-invasive treatment and performed under general anesthesia. High energy shockwaves (ultrasound or X-rays) are aimed at the kidney from the outside. The shockwaves burst the stones into several small pieces and these pieces pass out with the urine. In certain cases, the doctor might place a stent into the ureter to make more passage. The treatment has a great success rate and is rated as one of the most efficient options.

Ureteroscopy

Ureteroscopy is an effective treatment for kidney and ureter stones. The stones are removed using a thin and flexible scope. The patient is under the influence of general anesthesia while the scope is passed through the ureter to the kidney. The stones are taken out one after another. In case there is a larger stone, the doctor would use the Shock Wave Lithotripsy treatment first to break the large stone into smaller pieces. It is a versatile treatment option which is successful in most of the cases. However, sometimes, it may give rise to infections or bleeding.

Percutaneous Nephrolithotomy or Percutaneous Nephrolithotripsy

In case the patient has large stones that are tough to break, the doctors use Percutaneous Nephrolithotomy or Percutaneous Nephrolithotripsy as a surgical procedure. In this procedure, the doctor uses a high-frequency sound wave to burst the stone into small pieces. A small scope is inserted in your body through a small incision made on the back or side of your body. This surgical procedure takes 20-45 minutes for the complete removal of stones. The stones are either removed through a tube or a shock wave is used to burst them and then the pieces are vacuumed out of the body. The treatment is primarily for large and medium-sized complex stones. It is a successful procedure as it clears the kidney stones, no matter how many in numbers, in one go.

Open Surgery:

Once a popular procedure, open surgery for kidney stones is not much recommended nowadays. However, in certain cases, doctors may recommend open surgery depending upon various factors. Most of the time open surgery is recommended in case there are large stones stuck in your ureter or the patient is in a lot of pain. However, the best kidney stone hospitals are now well-equipped to perform such operation with minimally invasive methods. The use of open surgery has become limited and is recommended only if the patient has bleeding, infection, or the flow of urine is obstructed completely. The patient is given anesthesia to stay unconscious while the doctors perform the procedure. The doctor uses specialized equipment to perform the surgery.

 

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Kidney Stone Home Remedies – Tips to help with the discomfort & pain

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With the rising rate of risk factors, one of the common diseases that has affected a lot of people is Kidney Stones. These stones are hard, a rock-like structure that forms inside the kidney when the malicious products do not completely drain out. The natural way of getting rid of these stones is passing them through urine. However, it is one of the most painful experiences. Also, the chances of their re-occurrence are also very high.

While kidney stone surgery is a great way to get rid of these stones permanently, you can always try some of the best home remedies to eliminate them in the first place. In this article, we have explained some of the proven kidney stone home remedies.

Drink plenty of water

Keeping yourself well hydrated is one of the best ways to get rid of kidney stones. This is not only care but also preventive measures from kidney stones. When you drink plenty of fluids, the water content in your body increases, which dilutes the stone forming contents. The body then releases the excess water, along with these contents, in the form of urine. While water along with beverages like coffee, tea, beer, wine, and orange juice is a great fluid to prevent kidney stones, soda and high carbonated drinks are considered contributing to the cause.

Add more citric acid to your diet

Citric acid works on calcium oxalate kidney stones. The two ways it is helpful are:

  • Avoid stone formation: Citric acid gets associated with the calcium in the urine and prevents the stone formation in the first place.
  • Reduce stone enlargement: In case you already have kidney stones, an increase in citric acid levels in the body means the excess calcium is being absorbed.

Some rich sources of citric acid are lemons, limes, oranges, and various other fruits and vegetables.

Limit oxalates intake

Oxalate, also known as Oxalic acid is found in various dietary items such as leafy greens, fruits, and vegetables. Our body also produces oxalate naturally. When the body gets richer with oxalate, they start showing in the urine. In case you tend to develop calcium oxalate stones, this can be an alarming condition for you.  However, before you avoid eating your leafy greens and vegetables, consult with your doctor first.

Limit your dose of Vitamin C

If you are taking vitamin D supplements you might be at a higher risk of developing kidney stones. This is because when you consume high Vitamin C supplement they trigger the production of oxalate in the urine. However, consuming Vitamin C rich food items does not cause any such problem.

Reduce your salt intake

Studies show that eating a diet high in salt can increase your risk of developing kidney stones. When you consume a lot of table salt, the sodium content in it works on your body resulting in calcium excretion in the urine.

Increase calcium intake

The more calcium-rich diet you will have, the lower are your chances of developing kidney stones. However, you must limit the intake of dietary calcium and increase the consumption of foods like milk, cheese and yogurt, and other good dietary sources of calcium. The recommended dose of calcium is 1000 mg per day.

Limit eating animal protein

Meat, fish, and dairy are a rich source of protein, but this animal protein is also associated with a higher rate of kidney stones. The animal protein can influence calcium excretion and have the opposite effects of citrate.

Make medicinal juices

There is a range of juices that act against the development of kidney stones. Some of the finest examples of such juices are Basil Juice, Lemon Juice, Apple Cider Vinegar Juice, Pomegranate juices, and more. These juices increase the fluid amount in your body and are also a rich source of citric acid.

Preventing and treating Kidney stones is possible. However, in case of a severe condition, it is important to consult the best surgeon for kidney stones first.

 

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