गुर्दे की पथरी की अगर बात करें तो इसका होना कोई बड़ी बात आज के समय में नहीं माना जाता है। वही इस पथरी की अगर बात करें तो ये हर 10 में से 2 या 3 व्यक्ति को अपना शिकार बना ही लेती है। इसके अलावा गुर्दे की पथरी की समस्या क्या है और इसके अन्य बचाव के तरीके क्या हो सकते है, इसके बारे में आज के आर्टिकल में चर्चा करेंगे ;
क्या है गुर्दे की पथरी ?
- गुर्दे की पथरी (यूरोलिथियासिस, या नेफ्रोलिथियासिस) गुर्दे के अंदर बनने वाले खनिजों और लवणों के कठोर द्रव्यमान है।
- गुर्दे की पथरी का आकार आमतौर पर चने की तरह होता है, लेकिन यह रेत के दाने जितना छोटा या गोल्फ की गेंद जितना बड़ा भी हो सकता है।
गुर्दे की पथरी कैसे बनती है ?
- जब मूत्र में कैल्शियम, ऑक्सालेट, यूरिक एसिड और सिस्टीन जैसे कुछ पदार्थों का लेवल बढ़ने लगता है, तो वे क्रिस्टल बनाने लगते हैं जो गुर्दे से जुड़ने लगते हैं और धीरे-धीरे आकार में बढ़ कर पथरी का रूप धारण कर लेते है।
यदि आपके यूरीन में भी कैल्शियम, ऑक्सालेट की मात्रा ज्यादा बढ़ चुकी है, तो इससे बचाव के लिए आपको किडनी स्टोन का इलाज करवाना चाहिए।
गुर्दे की पथरी के जोखिम कारक क्या है ?
- कम पानी पीने और तरल प्रदार्थो की कमी से पथरी होने का खतरा हो सकता है।
- कुछ बीमारियों, दवाओं, गलत आहार की आदतों से पथरी बनने की संभावना बढ़ जाती है जैसे-मूत्र में कैल्शियम या ऑक्सालेट की अत्यधिक मात्रा।
- आहार में कम कैल्शियम, उच्च मात्रा में ऑक्सालेट्स वाले आहार, पशु प्रोटीन ज्यादा मात्रा में या आहार में ज्यादा मात्रा में सोडियम का सेवन जैसे कारक।
- कैल्शियम, विटामिन-डी और विटामिन-सी की अत्यधिक खुराक लेना।
- वंशानुगत कारक भी पथरी होने की एक एहम वजह है।
पथरी के कारक नज़र आने पर आपको इसकी जाँच लुधियाना में बेस्ट यूरोलॉजिस्ट से करवानी चाहिए।
गुर्दे की पथरी से कैसे करें खुद का बचाव ?
- आहार और आदतों में कुछ बदलाव करके गुर्दे की पथरी को रोका जा सकता है
- अच्छा मूत्र प्रवाह बनाए रखने के लिए सही मात्रा में पानी पीना चाहिए।
- आहार में कैल्शियम की पर्याप्त मात्रा होनी चाहिए, जैसे-दूध, दही, दाल, संतरे और अन्य डेयरी उत्पाद।
- सही मात्रा में प्रोटीन खाएं- आमतौर पर दैनिक प्रोटीन की जरूरत प्रति दिन 2-3 सर्विंग से पूरी हो जाती है।
- अपने भोजन में सोडियम की मात्रा 2-3 ग्राम तक कम करें। प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ जैसे कि हॉट डॉग, चटनी, ड्राई सूप, अचार इत्यादि कम-से-कम खाएं क्योंकि इनमें नमक अधिक मात्रा में होता है
- विटामिन-सी की अत्यधिक खुराक से बचें।
- पालक, बादाम, मूंगफली, अखरोट, बटर, ब्लूबेरी जैसे ऑक्सालेट्स से भरे खाद्य पदार्थों के सेवन से भी बचें।
गुर्दे की पथरी का उपचार क्या है ?
- पथरी का उपचार इस बात पर निर्भर करता है कि मूत्र पथ में पत्थर का आकार कितना है और किस स्थान पर है।
- 5 मिमी से कम की पथरी आमतौर पर विशिष्ट उपचार के बिना बाहर निकल जाते है। बस तरल पदार्थ का सेवन और दर्द निवारक दवाएं लेने की आवश्यकता होती है।
- वही 9 मिमी से ज्यादा पथरी के लिए आपको सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है।
यदि गुर्दे की पथरी ने आपकी समस्या को और बढ़ा दिया है, वही इस उपचार के लिए आपको सर्जरी की जरूर पड़े तो इसके लिए आपको आर जी स्टोन यूरोलॉजी एन्ड लेप्रोस्कोपी हॉस्पिटल से सम्पर्क करना चाहिए या आप इस हॉस्पिटल की ऑफिसियल वेबसाइट पर जाकर भी अपनी परेशानी के बारे में जान सकते है।
निष्कर्ष :
पथरी की समस्या जितनी आम है उतनी ही ये खतरनाक भी मानी जाती है। इसके अलावा अगर पथरी के होने वाले कारक आपमें भी विद्यमान है तो इसके लिए आपको समय रहते बेहतरीन डॉक्टर का चयन करना चाहिए।