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किडनी में पथरी की समस्या से बचाव के लिए, डाइट में शामिल करें ये 4 तरल पदार्थ, आपको मिला फायदा

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किडनी में पथरी की समस्या से बचाव के लिए, डाइट में शामिल करें ये 4 तरल पदार्थ, आपको मिला फायदा

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आम तौर पर, किडनी में पथरी की समस्या जितनी ज्यादा आम होती है, उतनी ही ज्यादा गंभीर और दर्दनाक भी होती है। दरअसल, किडनी की समस्या में एक व्यक्ति को असहनीय दर्द होता है, जिसमें वह कुछ भी नहीं कर पाता और इस से उसके दिनभर के काम भी काफी ज्यादा प्रभावित होते हैं। आपको बता दें, कि किडनी में पथरी की समस्या खानपान से जुड़ी एक बीमारी है। जिससे, आज के समय में काफी ज्यादा लोग प्रभावित हैं। यह लगभग, सभी जानते हैं, कि जब किडनी में मिनरल और सोडियम का धीरे-धीर जमाव होता है, तो यह काफी ज्यादा ठोस बन जाता है और इसी ठोस जमाव को पथरी के रूप में देखा जाता है। आम तौर पर, एक व्यक्ति की किडनी में पथरी का आकार अलग-अलग हो सकता है और उसी के हिसाब से आपको दर्द या फिर परेशानी हो सकती है। आपको बता दें, कि जब किडनी में पथरी का आकार काफी ज्यादा छोटा होता है, तो यह एक व्यक्ति के मूत्र मार्ग के माध्यम से आसानी से बाहर निकल जाता है और इसमें किसी भी प्रकार का कोई गंभीर दर्द नहीं होता है। पर, इसके उल्ट जब किडनी में पथरी का आकार काफी ज्यादा बड़ा होता है, तो यह दर्दनाक हो सकती है। इस तरह की स्थिति में असहनीय दर्द का अहसास हो सकता है। आम तौर पर, इस तरह की समस्या से बचने के लिए आप अपनी डाइट में कुछ तरल पदार्थ को शामिल कर सकते हैं। इन तरल पदार्थों का रोजाना सेवन करने से किडनी की पथरी से बचा जा सकता है। आइये इस लेख के माध्यम से इसके बारे में, इस के डॉक्टर से जानकारी प्राप्त करते हैं। 

किडनी में पथरी की समस्या से बचने के लिए डाइट में शामिल करें ये 5 तरल पदार्थ

  1. पानी

आम तौर पर, किडनी में पथरी की समस्या के दौरान पर्याप्त मात्रा में पानी पीना काफी ज्यादा महत्वपूर्ण होता है। इसके साथ ही, इस तरह की समस्या से बचने के लिए भी रोजाना पानी पीना काफी ज्यादा जरूरी होता है। आपको बता दें, कि रोजाना पानी का सेवन करने से शरीर में जमा सभी जहरीले पदार्थ पेशाब के जरिये बाहर निकल जाते हैं। अगर रोजाना 8 से 10 गिलास पानी के पिए जाएँ, तो किडनी में होने वाली पथरी की समस्या को भी रोका जा सकता है। 

  1. नींबू का जूस

वैसे तो, नींबू का जूस सभी को पीना चाहिए, क्योंकि यह सेहत के लिए काफी ज्यादा लाभदायक होता है। आपको बता दें, कि नींबू का जूस विटामिन सी से भरपूर होता है और रोजाना इसका सेवन शरीर की इम्यूनिटी को काफी ज्यादा बढ़ाता है। दरअसल, नींबू के रस में सिट्रिक एसिड की मात्रा काफी ज्यादा होती है, जो आम तौर पर, ऑक्सालेट और सोडियम जैसे तत्वों के जमाव को घोल देता है। इससे किडनी में, बने पथरी के छोटे-छोटे कण मूत्र मार्ग के माध्यम से पेशाब के जरिये शरीर से बाहर निकलते रहते हैं और यह शरीर में, मौजूद जहरीले पदार्थों को भी बाहर निकालने में काफी ज्यादा सहायता करता है। किडनी में पथरी की समस्या से बचाव के लिए आप रोजाना एक गिलास नींबू के जूस का सेवन कर सकते हैं। 

  1. अनार का जूस

दरअसल, किडनी में पथरी की समस्या से बचाव के लिए आप रोजाना अनार के जूस का सेवन कर सकते हैं, क्योंकि अनार का जूस पोषक तत्वों से काफी ज्यादा भरपूर होता है। आपको बता दें कि अनार के जूस में ऐसे पोषक तत्वों होते हैं, जो संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए काफी ज्यादा फायदेमंद होते हैं। इसके साथ ही, अनार का जूस किडनी में मौजूद पथरी को तोड़ने में भी काफी ज्यादा सहायता करता है। 

  1. हर्बल टी

किडनी में पथरी की समस्या से बचने के लिए आप धनिया, तुलसी, कैमोमाइल, अदरक और पुदीने की चाय का सेवन कर सकते हैं। इसके साथ ही, इस तरह की समस्या के लिए हर्बल टी का सेवन एक बहुत ही अच्छा विकल्प हो सकता है। आम तौर पर, इन हर्बल टी के सेवन से हमारी पाचन शक्ति बेहतर रहती है और किडनी में पथरी की समस्या से बचाव होता है। 

निष्कर्ष

आज के समय में पथरी की समस्या होना काफी ज्यादा आम है। दरअसल पथरी का आकार छोटा भी हो सकता है और बड़ा भी हो सकता है। किडनी में पथरी की समस्या खानपान से जुड़ी एक बीमारी है। इस तरह की समस्या से बचने के लिए अपने खानपान में सुधार करना जरूरी होता है। किडनी में पथरी की समस्या से बचने के लिए आप अपनी डाइट में ऊपर बनाए गए तरल पदार्थों को शामिल कर सकते हैं। पथरी की समस्या होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क जरूरी होता है। अगर आपको भी इस तरह कोई समस्या है और आप इसका इलाज चाहते हैं, तो आप आज ही आरजी स्टोन यूरोलॉजी एंड लैप्रोस्कोपी अस्पताल में जाकर इसके विशेषज्ञों से इसके बारे में जानकारी ले सकते हैं।

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क्या वाकई कैल्शियम की गोली लेने से किडनी में पथरी की समस्या होती है? जानें डॉक्टर से

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सेहतमंद खनिज, हमारे शरीर के लिए काफी ज्यादा महत्वपूर्ण होते हैं। इसी तरह हमारे शरीर के लिए कैल्शियम काफी ज्यादा जरूरी होता है। दरअसल, हमारे शरीर में कैल्शियम की कमी होने की वजह से कई तरह की समस्याएं जैसे कि हड्डियां, दांत और नाखून कमजोर होने लग जाते हैं। इस तरह की स्थिति में, ख़ास तौर पर जिन लोगों की हड्डियां काफी ज्यादा कमजोर हो जाती हैं, दरअसल, उनको रोजाना कैल्शियम की गोली का सेवन करने के लिए कहा जाता है। आम तोर पर, इस तरह की स्थिति में, लोगों के मन में कैल्शियम की गोली को लेकर कई तरह के वहम हैं, जैसे कि कैल्शियम की गोली का सेवन करने से किडनी में पथरी की समस्या हो जाती है। अगर आप भी इन वहमों पर विश्वास करते हैं, तो आइये इस लेख के माध्यम से इसके डॉक्टर से इसके बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करते हैं। 

क्या वाकई, कैल्शियम की गोलियों का सेवन करने से किडनी में पथरी होती है?

दरअसल, लोगों के इस भ्रम पर डॉक्टर का कहना है, कि कैल्शियम की गोली या फिर सप्लीमेंट का सेवन करने से किडनी में पथरी जैसी किसी भी समस्या का उत्पादन नहीं नहीं होता है। डॉक्टर के अनुसार, सोशल मीडिया पर इस तरह के जो भी वीडियो हैं, वह सभी एक तरह से गलत हैं। आपकी जानकारी के लिए आपको बता दें, कि किडनी में पथरी की समस्या बनने का मुख्य कारण ऑक्सालेट होता है। असल में, ऑक्सालेट हमारे भोजन के जरिए शरीर में फैलता है। आम तौर पर, डॉक्टर के अनुसार जिन लोगों के भोजन में लगातार कैल्शियम और विटामिन डी की कमी होती है, दरअसल उन लोगों को किडनी में पथरी बनने का खतरा काफी ज्यादा होता है। इसलिए, आपकी रोजाना की डाइट में विटामिन डी और कैल्शियम की पर्याप्त का होना बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण होता है। आपको बता दें, कि अगर कोई व्यक्ति अपनी रोजाना की डाइट में सही मात्रा में कैल्शियम का सेवन करता है, तो ऐसी स्थिति में ऑक्सालेट दांतों से चिपकता नहीं है और आसानी से यूरिन के जरिए शरीर से बाहर निकल जाता है और जब ऑक्सालेट हमारे शरीर से आसानी से बाहर निकल जाता है, तो ऐसी स्थिति में व्यक्ति को किडनी में पथरी बनने की समस्या कभी भी नहीं होती है। 

कैल्शियम के लिए सबसे अच्छा सप्लीमेंट कौन सा है?

दरअसल, इस तरह की स्थिति में डॉक्टर का कहना है, कि किडनी में पथरी या फिर कोई अन्य समस्या न हो और शरीर में कैल्शियम को पूरा करने के लिए कैल्शियम सिट्रेट वाले सप्लीमेंट का सेवन करना चाहिए। दरअसल, सिट्रेट यूरिन के रास्ते से निकलकर पथरी बनाने वाले तत्वों को नष्ट कर देता है। 

निष्कर्ष

शरीर के लिए कैल्शियम काफी ज्यादा जरूरी होता है। डॉक्टर के अनुसार, कैल्शियम की गोली या फिर सप्लीमेंट का सेवन करने से किडनी में पथरी जैसी किसी भी समस्या का उत्पादन नहीं नहीं होता है। पर इस दौरान ध्यान देने वाली बात यह है, कि इसके ज्यादा सेवन से किडनी में पथरी की समस्या हो सकती है। इसलिए, कम मात्रा में इसका सेवन, किडनी में पथरी जैसी समस्या का उत्पादन नहीं करता है। जिन लोगों को किडनी से संबंधित कोई अन्य परेशानी होती है, उनको कैल्शियम की गोली या फिर अन्य सप्लीमेंट को लेने से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। अगर आपको भी किडनी में पथरी या फिर किडनी से संबंधित कोई समस्या है और आप इसका इलाज चाहते हैं, तो आप आज ही आरजी स्टोन यूरोलॉजी एंड लैप्रोस्कोपी अस्पताल में जाकर अपनी अपॉइंटमेंट को बुक करवा सकते हैं और इसके बारे में जानकारी ले सकते हैं।

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क्या संबंध होता है हमारी किडनी और ब्लड प्रेशर के बीच? डॉक्टर से जानें

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आज के समय में ज्यादातर लोग अपने काम में व्यस्त रहते हैं, इसलिए, आजकल के वर्किंग कल्चर और गैर सेहतमंद जीवनशैली को अपनाने की वजह से बहुत सारे लोग हाई ब्लड प्रेशर और किडनी से जुड़ी कई तरह की समस्याओं का सामना कर रहे हैं।

अगर इस तरह की स्थिति को गहराई से समझा जाये, तो जो लोग लंबे समय तक एक ही जगह पर बैठकर काम करते रहते हैं, दरअसल वह फास्ट फूड और प्रोसेस्ड फूड जैसे पदार्थों का काफी ज्यादा सेवन करते हैं। आपको बता दें, कि इस तरह के लोग काम के चक्क्र में कम नींद को लेते हैं, जिसकी वजह से ऊके तनाव का स्तर काफी ज्यादा बढ़ जाता है। आम तौर पर, यह सभी कारक न केवल हाई ब्लड प्रेशर की समस्या को बढ़ावा देते हैं, बल्कि किडनी को भी खराब करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका को निभाते हैं। आपको बता दें, कि अगर समय रहते इन बढ़ती समस्यायों पर ध्यान नहीं दिया जाता है, तो यह समस्याएं आगे चलकर किडनी सेहत के लिए हानिकारक साबित हो सकती हैं। अगर आप इस तरह की समस्याओं से अपना बचाव करना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको समय रहते सही खानपान, एक्सरसाइज और सेहतमंद लाइफस्टाइल को अपनाने की काफी ज्यादा जरूरत होती है। इस तरह की स्थिति में कई लोगों के मन में यह सवाल उठता है, कि आखिर किडनी और ब्लड प्रेशर के बीच में क्या संबंध होता है? तो आइये इस लेख के माध्यम से इसके बारे में इस के डॉक्टर से विस्तार से जानकारी प्राप्त करेंगे कि आखिर ब्लड प्रेशर और किडनी के बीच क्या संबंध है?

ब्लड प्रेशर और किडनी के बीच क्या संबंध होता है?

आपको बता दें कि हमारे शरीर के लिए किडनी बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण है। दरअसल हमारे शरीर में किडनी का मुख्य काम शरीर में मौजूद जहरीले पदार्थों और ज्यादा पानी को फिल्टर करके पेशाब के जरिये शरीर से बाहर निकालना होता है। आमतौर पर, जिसकी वजह से हमारे शरीर का संतुलन बना रहता है। दरअसल, जब हमारे ब्लड प्रेशर की समस्या में बढ़ोतरी होती है, तो इसकी वजह से किडनी की ब्लड वेसेल्स (रक्त वाहिकाएं) संकुचित हो जाती हैं, जिसकी वजह से किडनी को पर्याप्त मात्रा में खून की सप्लाई नहीं मिल पाती है। आपको बता दें कि इसके कारण किडनी फिल्टर्स पर काफी ज्यादा बुरा प्रभाव पड़ता है, जिसकी वजह से हमारी किडनी धीरे-धीरे खराब होना शुरू हो जाती है। आम तौर पर, इसके अलावा जब हमारे शरीर में किडनी सही तरीके से काम नहीं करती है, तो हमारे शरीर में फ्लूइड और सोडियम की काफी मात्रा जमा होना शुरू हो जाती है, जिसके कारण हाई ब्लड प्रेशर जैसी समस्या उत्पन्न हो जाती है। 

ब्लड प्रेशर बढ़ने पर किडनी पर क्या असर पड़ता है?

आम तौर पर, अगर हाई ब्लड प्रेशर जैसी समस्या किसी व्यक्ति को काफी लंबे समय तक बनी रहती है, तो यह एक आगे चलकर किडनी फेल होने का कारण बन सकती है। जैसा कि आपको पहले ही बताया जा चुका है, हाई ब्लड प्रेशर जैसी समस्या के कारण न केवल किडनी में मौजूद ब्लड वेसल सिकुड़ जाती हैं, बल्कि वे सख्त भी हो जाती हैं। इसके कारण एक व्यक्ति की किडनी में खून का प्रवाह कम हो जाता है, जिसकी वजह से किडनी के काम करने की क्षमता प्रभावित होती है। इसके साथ ही, जब किडनी को पर्याप्त मात्रा में खून की सप्लाई नहीं मिल पाती है, तो वह शरीर में से जहरीले पदार्थों को और शरीर में मौजूद ज्यादा पानी को बाहर नहीं निकल पाती है। इसकी वजह से शरीर में क्रिएटिनिन, यूरिया और अन्य वेस्ट प्रोडक्ट्स काफी ज्यादा बढ़ जाते हैं, जो एक समय पर किडनी फेल होने का प्रमुख कारण बन सकते हैं। 

  1. हाई बीपी की वजह से ग्लोमेरुलस को काफी ज्यादा नुकसान पहुंच सकता है, जिसके कारण, यूरिन में प्रोटीन लीक होने की समस्या हो सकती है, जो किडनी खराब होने का एक प्रमुख संकेत माना जाता है। 
  2. आम तौर पर, अगर समय रहते हाई ब्लड प्रेशर जैसी समस्या का इलाज न किया जाये, तो यह क्रोनिक किडनी डिजीज का रूप धारण कर सकते हैं, जहां एक समय पर आकर किडनी बिलकुल काम करना बंद कर देती है। दरअसल, इस तरह की स्थीत में एक मरीज को डायलिसिस या फिर किडनी ट्रांसप्लांट जैसे विकल्पों का सहारा लेना पड़ता है। 

निष्कर्ष

जो लोग लंबे समय तक एक ही जगह पर बैठकर काम करते रहते हैं, वह फास्ट फूड और प्रोसेस्ड फूड जैसे पदार्थों का काफी ज्यादा सेवन करते हैं। ऐसे लोग काम के चक्क्र में कम नींद लेते हैं,और अपने तनाव के स्तर को बड़ा लेते हैं। यह सभी कारक न केवल हाई ब्लड प्रेशर की समस्या को बढ़ावा देते हैं, बल्कि किडनी को भी खराब करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका को निभाते हैं। किडनी और हाई ब्लड प्रेशर एक दूसरे की सेहत पर एक गहरा प्रभाव डालते हैं। अगर लम्बे वक्त तक ब्लड प्रेशर हाई रहता है, तो यह किडनी फेल होने का कारण बनता है। वहीं अगर हमारी किडनी सही से काम नहीं करती है, तो ब्लड प्रेशर जैसी समस्या बढ़ने लगती है। इसलिए समय समय पर इन दोनों की जांच करवाना बहुत ही ज्यादा जरूरी होता है। अगर आपको भी हाई ब्लड प्रेशर और किडनी में किसी भी प्रकार की कोई समस्या है, और आप इसका इलाज करवाना चाहते हैं, तो आप आज ही आरजी स्टोन यूरोलॉजी एंड लैप्रोस्कोपी अस्पताल में जाकर अपनी अपॉइंटमेंट को बुक करवा सकते हैं और इसके विशेषज्ञों से इसके बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

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किडनी में पथरी होने का क्या कारण होता है? आखिर कितने प्रकार की हो सकती है किडनी की पथरी, जानिए विशेषज्ञों से

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किसी भी तरह की समस्या आने पर दर्द और तकलीफ होना लाज़मी है। जैसे कि किडनी की समस्या होना। बता दें, कि किडनी में पथरी की समस्या काफी ज्यादा दर्दनाक होती है। लम्बे वक्त से पथरी की समस्याय से पीड़त व्यक्ति को तुरंत अस्पताल में भर्ती होन पड़ता है। इस तरह की स्थिति में अगर किडनी में किसी भी तरह की सूजन आ जाये, तो इस दौरान डॉक्टर दवाइयों की मदद से किडनी में मौजूद सूजन को कम करते हैं। इस के बाद, किडनी में से पथरी को निकालने के लिए सर्जरी को किया जाता है, या फिर दवाइयों के इस्तेमाल से किडनी में से पथरी को निकालने की कोशिश की जाती है। आपको बता दें, कि किडनी की पथरी अक्सर बार-बार पथरी बनने का कारण भी बनती है। इस तरह की स्थिति में कई बार दर्द अचानक से होता है, जिसकी वजह से रोगी को अपने आप को संभालना काफी ज्यादा मुश्किल हो जाता है। आम तौर पर, इस लिए इस दौरान यह समझना बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण होता है, कि एक मरीज को किडनी में किस प्रकार की पथरी की समस्या है, ताकि वह उस पथरी की किसम से जुड़े आहार का सेवन करने से अपने आप को बचा सके। तो आइये इस लेख के माध्यम से इसके डॉक्टर से इसके बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करते हैं, कि आखिर किडनी में पथरी कितने प्रकार की होती है और इसके होने के मुख्य कारण क्या हो सकते हैं?

किडनी की पथरी के प्रकार

डॉक्टर के अनुसार, अगर किसी मरीज को बार-बार किडनी में पथरी की समस्या होती है, तो इस तरह की स्थिति में डॉक्टर की सलाह पर अपनी किडनी का चेकअप करवाना चाहिए, ताकि जांच के दौरान यह पता चल सके, कि एक मरीज की किडनी में किस प्रकार की पथरी का निर्माण हो रहा है। किडनी में पथरी के प्रकारों में शामिल हैं, जैसे कि 

  1. कैल्शियम पथरी

दरअसल, कैल्शियम पथरी, किडनी की पथरी का सबसे आम प्रकार है। आम तौर पर, इस प्रकार की किडनी की पथरी का निर्माण अक्सर कैल्शियम ऑक्सलेट या फिर कैल्शियम फॉस्फेट बनने के कारण होता है। ज्यादातर, अपनी रोजाना की डाइट में पालक, चुकंदर या फिर मेवे जैसे पदार्थों को शामिल करने से ऑक्सलेट का निर्माण होता है। आपको बता दें कि बहुत सारे लोगों द्वारा विटामिन सी के सप्लीमेंट लगातार और ज्यादा मात्रा में लिए जाने पर भी कैल्शियम की पथरी होने की सम्भावना काफी ज्यादा बढ़ जाती है। 

  1. यूरिक एसिड पथरी

दरअसल, गंभीर दस्त या फिर मलएब्जॉर्प्शन सिंड्रोम की वजह से भी लोगों को पथरी की समस्या हो सकती है। आम तौर पर, जो लोग यूरिक एसिड पथरी की समस्या से पीड़त होते हैं, असल में, उनको डॉक्टर के द्वारा, जानवरों से मिलने वाला प्रोटीन का सेवन कम करने की सलाह प्रदान की जाती है। ज्यादातर डायबिटीज के मरीजों को इस तरह की पथरी होने का जोखिम अधिक होता है। 

  1. स्ट्रुवाइट पथरी

स्ट्रुवाइट पथरी, यूरिनरी ट्रैक्ट में किसी भी तरह के संक्रमण होने की वजह से हो सकती है। आम तौर पर, इसकी सबसे बड़ी समस्या यह होती है, कि इस तरह की पथरी का निर्माण बहुत ही ज्यादा जल्दी हो जाता है। इसलिए, डॉक्टर द्वारा स्ट्रुवाइट पथरी से पीड़ित मरीजों को अपने भोजन में सोडियम की मात्रा कम करने और साथ ही प्रोसेस्ड फूड और पैकेट बंद फूड से विशेष रूप से परहेज करने की सलाह प्रदान की जाती है। 

  1. सिस्टीन पथरी

आम तौर पर, लोगों को इस प्रकार की पथरी बहुत ही कम होती है और साथ ही यह एक वंशानुगत विकार होती है। पथरी के इस प्रकार में एक व्यक्ति के यूरिन में काफी ज्यादा सिस्टीन का निर्माण होने लगता है। 

किडनी में पथरी होने के मुख्य कारण

  1. शरीर में पानी की कमी होना। 
  2. हाइपर पैराथायराइडिज्म, गाउट या मेटाबॉलिक विकार होना। 
  3. परिवार में किडनी में पथरी की समस्या का इतिहास होना। 

निष्कर्ष:

किडनी में पथरी की समस्या काफी ज्यादा दर्दनाक होती है। सर्जरी या फिर दवाओं के जरिये इस तरह की पथरी का किया जाता है। किडनी में पथरी चार प्रकार की हो सकती है, जैसे कि कैल्शियम पथरी, स्ट्रुवाइट पथरी, सिस्टीन पथरी और यूरिक एसिड पथरी आदि। शरीर में पानी की कमी होना, हाइपर पैराथायराइडिज्म, गाउट या मेटाबॉलिक विकार होना और किडनी में पथरी का पारिवारिक इतिहास होना यह सभी किडनी में पथरी होने के मुख्य कारणों में से एक हैं। इसके बारे में ज्यादा जानकारी प्राप्त करने के लिए और अगर आपको भी किडनी में किसी प्रकार की पथरी की समस्या है, और आप इसका इलाज करवाना चाहते हैं, तो आप आज ही आरजी स्टोन यूरोलॉजी एंड लैप्रोस्कोपी अस्पताल में जाकर अपनी अपॉइंटमेंट को बुक करवा सकते हैं और इसके बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

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आखिर किन-किन स्थितिओं में पेशाब निकालने वाली नली की जरूरत पड़ती है? डॉक्टर से जाने

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पेशाब निकालने वाली नली का इस्तेमाल आम तौर पर, कई तरह की मेडिकल स्थितिओं में किया जाता है। आपको बता दें, कि पेशाब निकालने वाली नली जिसको आम तौर पर, अंग्रेजी में यूरिनरी कैथेटर भी कहा जाता है। कहा जाता है, कि इसका निर्माण दो तरह के मटीरियल से होता है, पहिला मेडिकेटेड और दूसरा नॉन-मेडिकेटेड मटीरियल। आम तौर पर अगर इसे लंबे वक्त तक के लिए, इस्तेमाल में लाना हो, तो उस कैथेटर का इस्तेमाल किया जाता है, जो मेडिकेटेड मटीरियल से बना हुआ होता है। यह ब्लैडर में से पेशाब को बाहर की तरफ लेकर जाता है। यह सिलिकॉन के आधारित होता है। इस ट्यूब को पेशाब के रास्ते से ही और जरूरत के अनुसार ही मरीज के यूरेथ्रा में लगाया जाता है। इसकी जानकरी न होने की वजह से कई लोगों के मन में यह सवाल जरूर उठता है, कि आखिर पेशाब निकालने वाली नली की आवश्यकता क्यों पड़ती है और किन- किन स्थितिया में इस ट्यूब का इस्तेमाल किया जाता है? तो आइये इस लेख के माध्यम से इस के डॉक्टर से इसके बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करते हैं। 

पेशाब निकालने वाली नली की जरूरत क्यों पड़ती है?

दरअसल, पेशाब निकालने वाली नली की जरूरत इस लिए और उन स्थितियों में पड़ती है, आम तौर पर, जब व्यक्ति खुद से पेशाब नहीं कर पाता है। ऐसा कई स्थितिओं में हो सकता है, जैसे कि 

  1. मूत्राशय में पथरी

आज के समय में मूत्राशय की पथरी की समस्या कई लोगों में देखी जा सकती है और मूत्राशय में पथरी बनने के कारण व्यक्ति को कई बार पेशाब करने में परेशानी हो सकती है। क्योंकि मूत्राशय में पथरी बनने के कारण व्यक्ति का मूत्र मार्ग ब्लॉक हो जाता है। ऐसी स्थिति होने पर व्यक्ति का स्वास्थ्य और भी ज्यादा खराब हो सकता है। ऐसे में डॉक्टर जरूरत के अनुसार ही मूत्र कैथेटर को डालते हैं। इस पेशाब निकालने वाली नली को लगाकर व्यक्ति के मूत्राशय को समय-समय पर खाली किया जाता है। इसके अलावा, रोगी का उपचार भी जारी रखा जाता है, ताकि रोगी के मूत्राशय से पथरी को निकाला जा सके और मूत्रमार्ग को खाली किया जा सके।

  1. ब्लैडर कैंसर

ब्लैडर कैंसर या फिर ब्लैडर से जुड़ी अन्य समस्याओं के लिए एक पेशाब निकालने वाली नली का इस्तेमाल किया जाता है। आपको बता दें कि पेशाब निकालने वाली नली की सहयता से कीमोथेरेपी की दवाईयों को सीधे ब्लैडर में पहुंचाया जाता है। हालाँकि, आपको बता दें, कि इस तरह की तकनीक का इस्तेमाल तब किया जाता है, जब मूत्राशय कैंसर के लिए इंट्रावेसिकल इम्यूनोथेरेपी असफल हो जाती है। आम तौर पर, यह भी एक ब्लैडर कैंसर के इलाज का तरीका है। 

  1. मूत्राशय में कमजोरी

आम तौर पर, मूत्राशय की नर्व का डैमेज होना, सर्जरी या पेशाब करने में काफी ज्यादा परेशानी का सामना करना आदि, इस तरह के कई कारण है, जो मूत्राशय में कमजोरी पैदा करते हैं।दरअसल, इस तरह की स्थिति में मरीज को पेशाब निकालने वाली नली को लगाया जाता है और इसके साथ ही इस दौरान मरीज का इलाज भी चलता रहता है। आपको बता दें, कि जैसे जैसे मरीज ठीक होता जाता है, वैसे ही, पेशाब निकालने वाली नली को निकालने की संभावना काफी ज्यादा बढ़ जाती है।हालांकि, आम तौर पर, पेशाब निकालने वाली नली को कब निकालना है और किस तरीके से निकलना है, यह सब कुछ डॉक्टर ही तय करते हैं।

निष्कर्ष: वेस तो, कई तरह की मेडिकल स्थितियों में पेशाब निकालने वाली नली का इस्तेमाल किया जाता है, पर दरअसल, जब कोई व्यक्ति खुद से पेशाब नहीं कर पाता है, या फिर उसको पेशाब करने में काफी ज्यादा परेशानीओं का सामना करना पड़ता है, तो इस तरह की स्थिति में पेशाब निकालने वाली नली की जरूरत पड़ती है। पेशाब निकालने वाली नली का इस्तेमाल, मूत्राशय में पथरी, ब्लैडर कैंसर और मूत्राशय में कमजोरी जैसी कई स्थितियों में किया जाता है। जो एक व्यक्ति के ब्लैडर में से पेशाब को बाहर की तरफ लेकर जाने में सहायता प्रदान करती है। अगर आप इसके बारे में और जानना चाहते हैं, या आपको भी पथरी की समस्या के कारण पेशाब करने में काफी दिक्कत होती है, और आप इसका इलाज करवाना चाहते हैं, तो आज ही आरजी स्टोन यूरोलॉजी एंड लैप्रोस्कोपी अस्पताल में जाकर आपकी अपॉइंटमेंट को बुक करवा सकते हैं और इसके बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

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