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पित्ताशय की पथरी होने पर ब्लैडर निकालने की क्यों पड़ती है जरूरत ? जानें डॉक्टर से

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हालांकि सभी ने किडनी स्टोन यानी गुर्दे की पथरी और इसके इलाज के बारे में बहुत सी बातों को सुना होगा। आपको बता दें की पित्ताशय एक छोटा सा नाशपाती के आकार के जैसा एक अंग होता है। यह पेट में लिवर के निचे होता है। इसका मुख्य काम लिवर द्वारा प्रोड्यूस किए जाने वाले बाइल फ्लूइड को स्टोर करना और कंसंट्रेट करना होता है। इस बात को सभी जानते हैं कि किडनी की पथरी के इलाज में किडनी को बॉडी से बाहर नहीं निकाला जाता लेकिन जब पित्ताशय की पथरी होती है तो ऐसा नहीं होता है अगर कोई व्यक्ति पित्त की पथरी से पीड़ित है तो उस व्यक्ति को अपने बचाव के लिए शरीर से पित्ताशय की थैली को बहार निकालना पड़ता है। जब पित्त में  कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बहुत ज़्यादा हो जाती है तब पित्ताशय में पथरी तब बनती है और बाद में क्रिस्टलीकृत होकर पथरी बना सकता है। जो आगे जाकर व्यक्ति के लिए ठीक नहीं होता। 

पित्त की पथरी से अपने बचाव के लिए क्या पित्ताशय की थैली को निकालना जरूरी होता है ?

जी हाँ व्यक्ति पित्त की पथरी से अपना बचाव करने के लिए पित्ताशय की थैली को सर्जरी के जरिये बाहर निकलवा सकता है। सर्जरी के माध्यम से पित्ताशय को शरीर से बाहर निकाल दिया जाता है। जिसको लेप्रोस्कोपिक सर्जरी कहा जाता है इसमें पेट में सबसे पहले एक छोटा सा चीरा लगाया जाता है और फिर पित्ताशय को बाहर निकाल दिया जाता है। पित्ताशय की थैली को हटाने के बाद सीधे पित्त छोटी आंत में चला जाता है और व्यक्ति को खाना पचाते वक्त कोई परेशानी नहीं होती है। 

पित्त पथरी के लक्षण क्या होते हैं ?

  • बहुत ज़्यादा पसीना आना। 
  • बुखार का होना। 
  • दिल का तेज़   गति में धड़कना 
  • पेट में सूजन होना और कोमलता।
  • त्वचा और आँखों में पीलेपन का आना।
  • गहरे रंग का पेशाब और हल्के रंग का मल आना। 
  • पित्त की थैली बाहर निकलने से क्या होता है?

जैसे ही सर्जरी के दौरान पित्त की थैली को बाहर निकाला जाता है तो उसके बाद पित्त सीधे लिवर से छोटी आंत में चला जाता है, हालांकि इससे पाचन-तंत्र में कोई परेशानी नहीं होती है। पर कभी कभी  पित्त प्रवाह में होने वाले बदलाव की वजह से लिवर पर इसका बुरा असर पढ़ सकता है, पित्त निकलने के बाद व्यक्ति को ये समस्या हो सकती है जैसे, 

  • पाचन समस्याएं होना। 
  • पेट में दर्द होना। 
  • मतली और उल्टी की समस्या बनना। 
  • गले में दर्द का होना। 
  • खाना खाने के बाद ढीला मल आना आदि।

बिना पित्त की थैली के हेल्दी कैसे रख सकते हैं?

पित्ताशय की थैली निकलने के बाद व्यक्ति खुद को स्वस्थ रखने के लिए अपने आहार और लाइफस्टाइल में बदलाव कर सकते हैं जैसे, 

  • अपनी डाइट से सैचुरेटेड फैट को बाहर या कम कर देने की जरूरत होती है। 
  • तले हुए खाद्य पदार्थ, प्रोसेस्ड मीट, डेयरी उत्पाद, सॉस और टॉपिंग जैसी खाने वाली चीजों को खाने से बचना चाहिए। 
  • फाइबर के सेवन बढ़ा देना चाहिए और ऐसे में आपको साबुत अनाज, नट्स, सीड्स, गोभी, ब्रोकोली, और फूलगोभी आदि को अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए।
  • ऐसी स्थिति में आपको चीनी और कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम कर देना चाहिए इससे शरीर कई तरह की समस्याओं से बच सकता है। 
  • अपने अपने दिन की शुरुआत को मौसमी सब्जियों और फलों से कर सकते हैं। इसको अपने जीवन में अपना कर शरीर को कई अन्य समस्याओं से बचा सकते हैं। 

निष्कर्ष:

पित्ताशय में पथरी एक होना एक गंभीर बात हो सकती है अगर इसका समय पर इलाज और इसकी देखरेख नहीं की जाती है। व्यक्ति अपनी सुरक्षा के लिए पित्त की थैली को निकलवा सकता है, एक सर्जरी के माध्यम से। सर्जरी के बाद पित्त की थैली के बहार निकलने के बाद व्यक्ति अपने स्वास्थ्य को  स्वस्थ रखने के लिए अपनी डाइट में कुछ बदलाव कर सकता है जैसे कि, अपने दिन की शुरुआत मौसमी सब्जियों और फलों से करके, सैचुरेटेड फैट को बहार निकाल के, फाइबर और साबुत अनाज, नट्स, सीड्स, गोभी, ब्रोकोली, और फूलगोभी की ज़्यादा मात्रा अपनी डाइट में शामिल करके आदि। अगर आपको भी पित्ताशय में पथरी की समस्या है और आप इसका इलाज करवाना चाहते है तो आप आज ही आर. जी स्टोन हॉस्पिटल जाकर आप अपनी अपॉइंटमेंट को बुक करवा सकते हैं और इसके विशेषज्ञों से इसकी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। 

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