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Does Being Mindful of What You Eat Help in Preventing Kidney Stones?

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Does Being Mindful of What You Eat Help in Preventing Kidney Stones?

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The data on kidney stones shows that most chemicals in the urine become highly concentrated. Classifying kidney stones is essential for quality knowledge of the components. Some of the following are the elements of the kidney stone at RG Hospital, Ludhiana.

Calcium stones: Calcium stones are the most common type of kidney stone, primarily characterised by the presence of calcium oxalate and calcium phosphate. The high level of calcium oxalate in the urine can contribute to their data.

Uric acid stone: This occurs when there is an excess, such as in gout or individuals with a diet high in purines, resulting in high levels of uric acid in the urine. This is most likely to happen in people with issues.

Contaminated stone: Struvite stones are often affected by bacterial infections, primarily urinary tract infections, and can grow rapidly.

Food that affects kidney stones

Kidney stones are a common issue that can be caused by many different factors, including the nutrition this is while hardly any food that cause kidney stone, a lot dietary option may improve of the same of the upgrade the understanding of the list of the effects of the kidney stone can help people in taking avoidable actions for making educated dietary decision.

Oxalate-rich foods

Oxalate is a natural chemical that can be found in various foods. When levels in the urine become too high, it can react with calcium to form crystals, resulting in the formation of calcium oxalate stones. The source of the oxalate product, rich food, such as sweet okra, is also. If you are vulnerable to kidney stones, it’s advisable to reduce your intake of oxalate-rich foods.

Sodium and processed food 

These are high levels of sodium that can increase the risk of developing kidney stones due to immoderate salt intake, which may lead to higher levels in the urine, providing a favorable environment for stones to form frequently in individuals with a high-sodium diet.

Animal protein

Animal protein can cause an increase in uric acid and calcium levels, which increases the risk of stone development.

Conclusion

Kidney stones are tiny, hard minerals that form inside the kidneys and can have a considerable impact on dietary options. Understanding that is remarkable for a specific room in kidney stone production is critical for creating effective food options. Dietary and lifestyle transformation customised for individuals with kidney stones at RG Hospital, Ludhiana, for consultation.

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क्या किडनी को नुकसान पहुंचा सकती है कीमोथेरेपी? इसकी पूरी जानकारी डॉक्टर से जानिए

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कीमोथेरेपी कैंसर से जूझ रहे लोगों के लिए जीवन रक्षक इलाज हो सकता है, जो कि एक उम्मीद और ठीक होने की संभावना प्रदान करता है। बता दें कि कीमोथेरेपी मरीज के कैंसर के इलाज में, सर्जरी से पहले, बाद या फिर कई बार बिना सर्जरी के भी दी जाती है। पर इस दौरान मरीज़ के शरीर पर कई तरह के साइड इफैक्ट्स भी देखने को मिलते हैं, जैसे कि मरीज के बाल झड़ना, शरीर का काला पड़ना, मुंह में छाले होना और भूख की कमी लगना आदि। आमतौर पर बाहरी लक्षण तो एक मरीज को दिखाई दे जाते हैं, पर शरीर के अंदरूनी नुकसान को वह बिल्कुल भी समझ नहीं पाते हैं। दरअसल कई बार लगातार कीमोथेरेपी करवाने के बाद कुछ मरीजों को पेशाब में जलन जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। आपको बता दें कि यह लक्षण व्यक्ति की किडनी से जुड़े होते हैं, तो इस तरह की स्थिति में सवाल उठता है, कि क्या कीमोथेरेपी की वजह से एक व्यक्ति की किडनी पर असर पड़ता है और इसकी क्या वजह होती है? तो आइये इस लेख के माध्यम से इसके डॉक्टर से इसके बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करते हैं। 

क्या कीमोथेरेपी के कारण किडनी को नुकसान होता है?

डॉक्टर के अनुसार, हाँ कीमोथेरेपी की वजह से मरीजों की किडनी पर बुरा प्रभाव देखने को मिल सकता है। दरअसल कुछ तरह की कीमोथेरेपी दवाएं एक व्यक्ति की किडनी को नुकसान पहुंचा सकती हैं। आमतौर पर अगर आपको इसके बारे में एक आसान भाषा में समझाया जाए, तो यह दवाइयां कैंसर सेल्स की वृद्धि को रोकने या फिर छोटा करने के लिए होती है। दरअसल यह दवाइयां कैंसर सेल्स पर तो काम करती ही हैं, पर इसके साथ ही शरीर के अन्य अंगों जैसे किडनी को भी नुकसान पहुंचा सकती है। आमतौर पर किडनी का मुख्य काम हमारे शरीर से जहरीले पदार्थों को बाहर निकालने का होता है। इस तरह की स्थिति में कीमोथेरेपी की दवाइयां किडनी पर बहुत ही ज्यादा दबाव डाल सकती हैं और इसके साथ ही कई महीनों तक लगातार ऐसा करने से मरीज को किडनी से सबंधित परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। 

कीमोथेरेपी में किडनी को नुकसान पहुंचने की वजह 

इसके बारे में डॉक्टर का कहना है, कि कीमोथेरेपी के दौरान मरीजों को आमतौर पर उल्टी, थकावट, बाल झड़ना, दस्त या फिर पेट खराब होने जैसी कई परेशानियां होने लग जाती हैं। इस समस्यायों की वजह से किडनी पर भी असर पड़ता है। दरअसल इस दौरान मरीज के पेशाब में प्रोटीन की मात्रा भी बढ़ सकती है, या फिर उनको पेशाब के जरिये खून भी आ सकता है। आपको बता दें कि इसके कई मामलों में मरीज की किडनी में सूजन भी देखने को मिल सकती है, जिसके कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि

  • कीमोथेरेपी में सिस्प्लैटिन जैसी दवाइयों को देना।
  • ज्यादातर कीमोथेरेपी में हाई डोज वाली दवाइयों को देना।
  • इस दौरान मरीज को पहले से ही किडनी की समस्या होना।
  • शरीर में पानी की कमी होना।
  • मरीज को डायबिटीज या हाई ब्लड प्रेशर जैसी परेशानी होना।
  • मरीज की उम्र ज्यादा होना, ज्यादा उम्र के कारण किडनी फंक्शन कम होना
  • किडनी का नुकसान कौन से लक्षणों से पता चलता है ?

दरअसल इस पर डॉक्टर का कहना है, कि वैसे तो कीमोथेरेपी के दौरान डॉक्टर मरीज का रोजाना चेकअप करते रहते हैं, ताकि मरीज के शरीर में किसी भी तरह की समस्या का पहले ही पता चल जाए। बता दें कि इसके बावजूद भी अगर मरीज को कीमोथेरेपी के दौरान नीचे दिए बदलाव महसूस होते हैं, तो उसको बिना देरी किये तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए। 

  • दिनभर थकावट या कमजोरी महसूस होना। 
  • मरीज के पैरों या फिर चेहरे पर सूजन का होना। 
  • ज्यादातर भूख न लगना। 
  • उल्टी या फिर जी का मिचलाना। 
  • पेशाब में झाग का आना। 
  • पेशाब में खून आना। 
  • रोगी के शरीर में खुजली होना या फिर त्वचा में रूखापन आना। 
  • सांस का फूलना। 
  • पेशाब की मात्रा कम या ज्यादा होना। 
  • रात के समय बार-बार पेशाब का आना। 
  • ध्यान और याददाश्त में कमी होना 

किडनी को सेहतमंद रखने के तरीके

आपको बता दें कि कैंसर के मरीजों को डॉक्टर के द्वारा कुछ टिप्स दिए गए हैं, जिनको आमतौर पर कीमोथेरेपी के दौरान इस्तेमाल किया जा सकता है। 

  • दरअसल जब भी मरीज कीमोथेरेपी को कराये, तो मरीज को उस से पहले और उसके बाद में खूब पानी पीना चाहिए। 
  • इस दौरान डॉक्टर द्वारा आपको जो भी दवाइयां दी गई हैं, उनको आप नियमित रूप से और समय पर लें। 
  • डॉक्टर की सलाह लेकर ही, नियमित रूप से आप अपने क्रिएटिनिन और यूरिया जैसे किडनी फंक्शन टेस्ट को जरूर कराएं।
  • इस दौरान संतुलित और हेल्दी डाइट का पालन करें। आप अपनी डाइट में नमक और प्रोसेस्ड जैसे फूड को कम करें
  • इस दौरान आप जरूरत से ज्यादा किसी भी तरह की पेनकिलर न लें और डॉक्टर की सलाह पर ही दवाइयों का सेवन करें। 
  • इस दौरान आप नियमित रूप से व्यायाम करें। 
  • ज्यादातर शराब और धूम्रपान के सेवन से अपना बचाव करें। 
  • बता दें कि इस दौरान आप डॉक्टर से बिना पूछे किसी भी तरह का सप्लीमेंट या दवा को न लें।
  • आप अपनी किडनी को सेहतमंद रखने के लिए ब्लड प्रेशर और शुगर कंट्रोल में रखें। 
  • दरअसल कीमोथेरेपी कैंसर के इलाज के लिए जरूरी होती है। इसलिए कीमोथेरेपी दौरान डॉक्टर की सलाह पर अपने खानपान और दवाइयों पर जरूर ध्यान दें।

निष्कर्ष : कीमोथेरेपी कैंसर के इलाज में प्रभावी होती है और कीमोथेरेपी को कराना मरीज के लिए बहुत कठिन होता है, क्योंकि इस दौरान मरीज को हाई डोज दवाइयां दी जाती है। जिसके कारण मरीज में उल्टी, थकावट, बाल झड़ना, दस्त और पेट से जुड़ी समस्याएं जैसे साइड इफैक्ट्स देखने को मिलते हैं। कीमोथेरेपी के दौरान शरीर के सभी अंगों पर कोई न कोई प्रभाव जरूर पड़ता है। पर कैंसर के इलाज में इस को करवाना बहुत जरूरी होता है। इस दौरान सिस्प्लैटिन जैसी कुछ दवाइयां किडनी को नुकसान पहुंचा सकती हैं। मरीज को अगर पहले से ही किडनी की समस्या, डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, डिहाइड्रेशन या फिर उम्र बहुत ज्यादा हो, तो इससे किडनी को नुक्सान पहुंचने का खतरा और ज्यादा बढ़ जाता है। इसलिए आप कीमोथेरेपी करवाते वक्त किडनी की नियमित जांच करवाना, पर्याप्त मात्रा में पानी पीना और इसके साथ ही डॉक्टर की सलाह का पालन करना बहुत जरूरी होता है, ताकि आपका उपचार काफी असरदार भी हो और साथ ही आपकी किडनी सुरक्षित भी रहे। अगर आपको भी इसके बारे में ज्यादा जानकारी प्राप्त करनी है, या फिर आपको भी इस तरह की कोई समस्या हो गयी है और आप इस समस्या से काफी ज्यादा परेशान हैं और आप इस समस्या का इलाज करवाना चाहते हैं, तो आप आज ही आरजी स्टोन यूरोलॉजी और लैप्रोस्कोपी अस्पताल में जाकर अपनी अपॉइंटमेंट को बुक करवा सकते हैं और इसके विशेषज्ञों से इसके बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। 

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल 

प्रश्न 1. कीमोथेरेपी के बाद कौन से अंग खराब हो सकते हैं?

बता दें की कीमोथेरेपी के दौरान शरीर के सभी अंगों पर कोई न कोई प्रभाव जरूर पड़ता है। दरअसल इस दौरान हार्ट, फेफड़े, किडनी और रिप्रोडक्टिव अंगों पर इसका प्रभाव दिखाई दे सकता है। 

प्रश्न 2. क्या कीमोथेरेपी क्रिएटिनिन को बढ़ाता है?

आमतौर पर कीमोथेरेपी के दौरान कुछ दवाइयां क्रिएटिनिन के स्तर को बढ़ा सकती हैं। इसकी वजह से किडनी को काफी ज्यादा नुकसान पहुंच सकता है। आमतौर पर अगर इस दौरान आपके पेशाब करते समय जलन या दर्द महसूस हो, तो आपको तुरंत डॉक्टर से सलाह करनी करनी चाहिए 

प्रश्न 3. कीमोथेरेपी के लिए किडनी का टेस्ट क्या है?

आपको बता दें कि कीमोथेरेपी के दौरान ब्लड टेस्ट के माध्यम से क्रिएटिनिन और यूरिक एसिड की जांच की जाती है। दरअसल पेशाब की जांच करके पेशाब में प्रोटीन की मात्रा को चेक किया जाता है। 

 

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