किडनी कैंसर तब उत्पन्न होती है जब किडनी में मौजूद कोशिकाएं पूर्ण रूप से बदल जाती है और बेकाबू ढंग से बढ़ने लग जाती है | जिस वजह से पीड़ित व्यक्ति को पेट के निचले हिस्से में तीव्र दर्द, उच्च रक्तचाप, पेशाब के साथ खून का आना आदि लक्षण दिखाई दे सकते है | किडनी कैंसर गंभीर समस्यां में से एक है जिसका सही समय पर इलाज करवाना बेहद ज़रूरी होता है | उससे पहले आइये जान लेते क्या होता है किडनी कैंसर और उसके प्रमुख लक्षण कौन-से है :-
किडनी कैंसर क्या होता है ?
किडनी कैंसर किडनी के ऊतकों में मौजूद कोशिकाओं की असामान्य वृद्धि होती है, जो कोशिकाओं में द्रव्यमान या फिर गांठ को बनाती है, जिससे ट्यूमर भी कहा जाता है | किडनी में कैंसर तब उत्पन्न होता है जब इनमें मौजूद कुछ कोशिकाओं बदलने लग जाती है और यह अनियंत्रित रूप से विभाजित हो जाती है |
अब अगर बात करें की यह कैंसर अधिकतम किन लोगों को सबसे अधिक प्रभावित करती है तो 65 से 74 वर्ष की आयु वाले लोगों को किडनी कैंसर होना सामान्य माना जाता है | हालांकि पुरुषों में यह कैंसर होने की संभावना महिलाओं की तुलना में सबसे अधिक होती है | कई बार बच्चे भी इस किडनी कैंसर से प्रभावित हो जाते है | आइये जानते है किडनी कैंसर कितने प्रकार के होते है |
किडनी कैंसर कितने प्रकार के होते है ?
किडनी में होने वाले कैंसर चार प्रकार के होते है :-
- रीनल सेल कार्सिनोमा :- यह कैंसर वयस्कों में होने वाला सबसे आम कैंसर माना है, जो आमतौर पर किडनी में ट्यूमर के रूप में विकसित होता है. लेकिन यह कैंसर दोनों किडनी को प्रभावित कर सकते है |
- युरोथेलिअल कार्सिनोमा :- यह कैंसर आमतौर पर उस क्षेत्र में विकसित होता है, जिसमें आपका मूत्रवाहिन गुर्दों के मुख्य भाग से जाकर जुड़ता है, इस क्षेत्र को रीनल पेलवसिस भी कहा जाता है |
- रीनल साकोरमा :- यह कैंसर किडनी के संयोजन ऊतकों में उत्पन्न होता है और सही समय पर इलाज न मिलने पर यह आस-पास के हड्डियों को प्रभावित कर सकता है |
- विल्म्स ट्यूमर :- यह कैंसर आमतौर पर बच्चों को सबसे अधिक प्रभावित करती है |
किडनी कैंसर के मुख्य लक्षण कौन-से है ?
आमतौर पर किडनी कैंसर से पीड़ित व्यक्ति को शुरुआती चरणों में किसी भी तरह के लक्षण दिखाई नहीं देते है, लेकिन जैसे-जैसे ट्यूमर बढ़ने लग जाता है, वैसे-वैसे इसके लक्षण भी दिखाई देने शुरू हो जाते है | इसी वजह से किडनी कैंसर का तब तक पता नहीं चलता, जब तक यह फैलने न लग जाएं | फैलने के बाद ही पीड़ित व्यक्ति को निम्नलिखित किडनी कैंसर होने के लक्षण दिखाई देने लग जाते है जैसे की :-
- पेशाब के साथ-साथ रक्त का आना
- किडनी के साथ में गांठ या फिर द्रव्यमान का उत्पन्न होना
- कमर में तीव्र दर्द होना
- थकान महसूस करना
- सामान्य रूप से अच्छा न लगने का एहसास होना
- भूख की कमी हो जाना
- वजन का लगातार घटना
- हल्का बुखार रहना
- हड्डियों में दर्द होना
- उच्च रक्तचाप की समस्या होना
- एनीमिया की समस्या
- कैल्शियम के स्तर का बढ़ना
किडनी कैंसर के मुख्य कारण कौन-कौन से है ?
किडनी कैंसर के होने का अभी तक सटीक कारणों का पता नहीं लग पाया है, लेकिन कुछ जोखिम कारकों की वजह से यह कैंसर होने की संभावना को बड़ा सकता है जैसे की :-
- धूम्रपान और शराब जैसी नशीली पदार्थों का सेवन करना
- मोटापा
- उच्च रक्तचाप की समस्या
- पारिवारिक इतिहास का होना
- रेडिएशन थेरेपी
- लम्बे समय से हो रहे डायलिसिस के इलाज के कारण और भी सीए कई कारण है |
किडनी कैंसर का कैसे करें उपचार ?
किडनी कैंसर गंभीर समस्याओं में से एक है इसलिए इस समस्या का सही समय इलाज करवाना बेहद ज़रूरी होता है | इलाज के लिए आप आरजी स्टोन यूरोलॉजी और लेप्रोस्कोपी हॉस्पिटल से परामर्श कर सकते है | इस संस्था के सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर पुनीत बंसल उरोलोजिस्त में स्पेशलिस्ट है. जो किडनी कैंसर का सटीक इलाज कर इससे छुटकारा दिलाने में आपके पूर्ण रूप से मदद कर सकते है | इसलिए परामर्श के लिए आज ही आरजी स्टोन यूरोलॉजी और लेप्रोस्कोपी हॉस्पिटल नामक वेबसाइट पर जाएं और अपनी अप्पोइन्मेंट को बुक करें | आप चाहे तो वेबसाइट में दिए गए नंबरों से भी संपर्क कर सकते है |