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पित्त की पथरी से बचाव के क्या है – लक्षण, कारण और इलाज के तरीके ?

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पित्त की पथरी जोकि रह-रह कर व्यक्ति को काफी परेशान करती है, क्युकी इस बीमारी में व्यक्ति को हमेशा दुःख का सामना करना पड़ता है, लेकिन इस पथरी से कैसे हम खुद का बचाव कर सकते है, इसके बारे में आज के लेख में चर्चा करेंगे ; 

पित्त की पथरी के कारण क्या है ?

  • आपके पित्त में बहुत अधिक मात्रा में जब कोलेस्ट्रॉल उपस्थित होता है। तो आपके पित्ताशय द्वारा स्रावित पित्त में आपके लीवर द्वारा उत्पादित कोलेस्ट्रॉल को तोड़ने के लिए आवश्यक तत्व इसमें शामिल होते है। यदि आपके लीवर द्वारा बहुत अधिक कोलेस्ट्रॉल उत्पादित किया जा रहा है तो पित्ताशय की थैली में पथरी बनना संभव है।
  • आपके पित्त स्राव में बिलीरुबिन का स्तर ज़रूरत से ज़्यादा है। वहीं जब आपके शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं की टूट-फूट होती है, तो बिलीरुबिन नामक पदार्थ बनता है। 
  • आपके गॉलब्लैडर के ख़ाली होने में दिक़्क़त है। यदि आपका पित्ताशय पूरी तरह से या अक्सर पर्याप्त रूप से खाली नहीं होता है, तो एकदम गाढ़े पित्त का संग्रहण होने लगता है, जिसके कारण पित्त पथरी बन सकती है।

क्या है पित्त की पथरी की समस्या ?

  • पित्ताशय की थैली एक छोटा अंग है, जो व्यक्ति के ऊपरी पेट में यकृत के ठीक ऊपर और दाईं ओर उपस्थित होता है। पित्त, एक हरा-पीला तरल जो पाचन में सहायता करता है, और इस थैली में जमा होता है। पित्त पथरी या पित्त नली में अन्य रुकावट, पित्ताशय की पथरी के कारण होने वाली अन्य समस्याएँ पैदा कर सकती है। 
  • पित्त पथरी का सबसे आम कारण पित्त में कोलेस्ट्रॉल जैसे कठोर यौगिक पदार्थ है।
  • वहीं पित्त में पथरी तब होती है जब उसमें कोलेस्ट्रॉल इक्ठ्ठा होने लगता है। और ऐसा होने पर कोलेस्ट्रॉल एक जगह होने की वजह से सख्त हो जाता है और यह छोटे-छोटे पत्थरों का रूप धारण कर लेता है। अगर शुरूआती समय पर इसमें ध्यान नहीं दिया जाए तो पथरी का आकार बढ़ने लगता है और अंत में पथरी के लिए सर्जरी करवाना ही एक आख्रिरी विकल्प बचता है।

अगर पित्त की पथरी सामान्य आकार से ज्यादा बड़ी हो गई है, तो इसके इलाज के लिए आपको लुधियाना में पित्ताशय की पथरी की सर्जरी का चयन कारण चाहिए। 

लक्षण क्या है पित्त की पथरी के ?

  • दाहिनी ओर पसली पिंजरे के नीचे दर्द या कोमलता।
  • कंधे के ब्लेड के बीच दर्द। 
  • मल हल्का या चाकलेट जैसा रंग 
  • वसायुक्त मल। 
  • खाने के बाद अपच, विशेष रूप से वसायुक्त भोजन। 
  • भोजन न पचने का भाव। 
  • मतली और चक्कर का आना। 
  • दस्त की समस्या। 
  • सूजन और पेट में गैस की समस्या। 
  • उल्टी या कब्ज की समस्या। 
  • आँखों के ऊपर सिर दर्द, विशेषकर दाहिनी ओर। 
  • खाने के बाद कड़वे द्रव का आना। 
  • मूत्र करने में परेशानी का सामना करना।

यदि आपको पथरी की वजह से मूत्राशय संबंधित किसी भी तरह की समस्या का सामना करना पड़ रहा है, तो इससे बचाव के लिए आपको लुधियाना में बेस्ट यूरोलॉजिस्ट का चयन करना चाहिए।

पित्त की पथरी से कैसे करें खुद का बचाव ?

  • स्वस्थ शरीर और वजन को बनाए रखें। 
  • तेजी से वजन घटाने और सनक भरे आहार से बचें। 
  • लिवर और गॉलब्लैडर को स्वस्थ रखने वाले एंटी-इंफ्लेमेटरी आहार का पालन करें। 
  • अधिक सक्रिय रहें। 
  • जन्म नियंत्रण की गोलियाँ या अनावश्यक दवाएं लेने पर एक बार विचार जरूर करें। 
  • पानी का खूब सेवन करें। 
  • अपने खाने का अच्छे से ध्यान रखें। 

और पथरी की समस्या से बचाव के लिए एक बार अपने डॉक्टर से जरूर अपने डाइट चार्ट के बारे में चर्चा करें।

पित्त की पथरी का इलाज क्या है ?

  • पित्त की पथरी के इलाज के लिए पहले डॉक्टर सामान्य दवाइयों से इसे काबू करते है, लेकिन जब पथरी का आकर सामान्य से ज्यादा बड़ा हो जाए तो इसके लिए डॉक्टर के द्वारा, पित्त पथरी के लिए सर्जिकल उपचार का चयन किया जाता है। 
  • ओपन सर्जरी का चयन भी उनके द्वारा किया जाता है।  

अगर आप भी पित्त की पथरी की समस्या से बहुत ज्यादा परेशान हो गई है, तो इससे बचाव के लिए आपको आरजी स्टोन यूरोलॉजी और लेप्रोस्कोपी हॉस्पिटल का चयन करना चाहिए।

निष्कर्ष :

पित्त की पथरी काफी खतरनाक समस्या है, इसलिए जरूरी है की इसके लक्षणों पर व्यक्ति को खास नज़र रखना चाहिए, ताकि शुरुआती दौर में ही पथरी का इलाज बिना सर्जरी के मुकमल किया जा सके, लेकिन ये तभी हो सकता है जब आप अपने सेहत के प्रति सक्रिय रहेंगे।  

 

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