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किडनी के लिए डायबिटीज की समस्या कैसे खतरनाक है – जानिए इसके लक्षण और बचाव के उपाय ?

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किडनी के लिए डायबिटीज की समस्या कैसे खतरनाक है – जानिए इसके लक्षण और बचाव के उपाय ?

मधुमेह गुर्दे के स्वास्थ्य के लिए एक महत्वपूर्ण खतरा है, जिससे गंभीर जटिलताएँ पैदा होने की संभावना है। इस स्थिति से किडनी खराब होने का खतरा बढ़ जाता है और यदि इसे नियंत्रित नहीं किया गया तो क्रोनिक किडनी रोग (सीकेडी) या यहां तक कि किडनी फेलियर भी हो सकता है। इस संबंधित मुद्दे के प्रबंधन में लक्षणों को समझना और निवारक उपायों को लागू करना महत्वपूर्ण है ;

किडनी के लिए डायबिटीज का जोखिम क्या है ?

  • मधुमेह के कारण रक्त शर्करा का स्तर लंबे समय तक बढ़ने से किडनी खराब होने का खतरा काफी बढ़ जाता है। गुर्दे में छोटी रक्त वाहिकाएँ होती है, जो रक्त से अपशिष्ट को फ़िल्टर करती है। 
  • हालाँकि, लगातार उच्च रक्त शर्करा इन वाहिकाओं को नुकसान पहुंचा सकती है, जिससे किडनी की कार्यक्षमता ख़राब हो सकती है। समय के साथ, यह क्षति बढ़ सकती है, जिससे सीकेडी या गुर्दे की विफलता हो सकती है, जिसे मधुमेह अपवृक्कता के रूप में जाना जाता है।

डायबिटीज होने पर किडनी में लक्षण क्या नज़र आते है ?

मधुमेह के कारण गुर्दे की क्षति के प्रारंभिक चरण में अक्सर कोई ध्यान देने योग्य लक्षण दिखाई नहीं देते है। हालाँकि, जैसे-जैसे स्थिति बढ़ती है, लक्षणों में निम्न चीजें शामिल हो सकते है ;

सूजन : 

गुर्दे की कार्यप्रणाली में गड़बड़ी के कारण द्रव प्रतिधारण से पैरों, टखनों या आंखों के आसपास सूजन हो सकती है।

थकान : 

असामान्य रूप से थकान या कमजोरी महसूस होना, जो एनीमिया या शरीर में अपशिष्ट संचय का परिणाम हो सकता है।

पेशाब का बढ़ना :  

सामान्य से अधिक पेशाब आना या रात में बार-बार पेशाब करने के लिए उठना पड़ता है। यदि आपमें पेशाब की समस्या सामान्य से अधिक बढ़ जाए, तो इससे बचाव के लिए आपको लुधियाना में बेस्ट यूरोलॉजिस्ट का चयन करना चाहिए।

मूत्र में रक्त : 

मधुमेह से संबंधित गुर्दे की क्षति के परिणामस्वरूप मूत्र में रक्त आ सकता है।

मधुमेह की समस्या में किडनी निवारक उपाय क्या है ?

रक्त शर्करा के स्तर को प्रबंधित करें :

स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर द्वारा बताए गए संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और दवा के माध्यम से रक्त शर्करा के स्तर की लगातार निगरानी और उसे नियंत्रण करें।  

ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखें :

उच्च रक्तचाप किडनी को और अधिक नुकसान पहुंचा सकता है। कम सोडियम वाले आहार, नियमित व्यायाम और निर्धारित दवाओं सहित स्वस्थ जीवन शैली के माध्यम से रक्तचाप को नियंत्रित करें।

स्वस्थ जीवन शैली को अपनाएं :

स्वस्थ वजन बनाए रखें, धूम्रपान से बचें, शराब का सेवन सीमित करें और फलों, सब्जियों और साबुत अनाज से भरपूर संतुलित आहार का सेवन करें।

नियमित जांच :

किडनी की कार्यप्रणाली की निगरानी के लिए नियमित रूप से स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से मिलें। किसी भी समस्या का समय पर पता चलने से त्वरित हस्तक्षेप और प्रबंधन की अनुमति मिलती है।

दवा का पालन :

निर्धारित दवाओं का पालन करें, जिनमें विशेष रूप से गुर्दे की कार्यप्रणाली की रक्षा करने वाली दवाएं, जैसे एसीई अवरोधक या एआरबी शामिल है। इसके अलावा किसी भी ऐसी दवाई का सेवन न करें जो आपके किडनी और पेट में समस्या उत्पन्न कर दें। वहीं अगर आपने दवाई का ज्यादा सेवन कर लिया है, जिसकी वजह से आपके पेट में इंफेक्शन का खतरा उत्पन्न हो गया है, तो इससे बचाव के लिए आपको लुधियाना में हर्निया का इलाज जरूर से करवाना चाहिए।

डायबिटीज से पीड़ित व्यक्ति को कौन-से किडनी जाँच को करवाना चाहिए ?

  • यूरीन की सामान्य जांच।
  • कम मात्रा में प्रोटीन निकलने की जांच (माइक्रो एल्बुमेनैरिया)।
  • अधिक मात्रा में प्रोटीन निकलने की जांच (मैक्रो एल्बुमिनुरिया)।
  • किडनी की कार्य प्रणाली की जांच (किडनी फं क्शनिंग टेस्ट)।

किडनी की जाँच के लिए बेस्ट हॉस्पिटल !

अगर आप डायबिटीज की समस्या का सामना कर रहें है, जिसकी वजह से आपको किडनी जैसी गंभीर समस्या का सामना करना पड़ रहा है तो इससे बचाव के लिए आपको आरजी स्टोन यूरोलॉजी और लेप्रोस्कोपी हॉस्पिटल का चयन करना चाहिए।

निष्कर्ष :

  • मधुमेह और गुर्दे के स्वास्थ्य के बीच संबंध एक गंभीर चिंता का विषय है, लेकिन सक्रिय उपाय जोखिमों को काफी कम कर देते है। रक्त शर्करा के स्तर को प्रबंधित करके, रक्तचाप को नियंत्रित करके और स्वस्थ जीवन शैली अपनाकर, व्यक्ति मधुमेह से उत्पन्न होने वाली किडनी संबंधी जटिलताओं की संभावना को काफी कम कर सकते है। नियमित स्वास्थ्य जांच महत्वपूर्ण है, जिससे कोई भी समस्या उत्पन्न होने पर शीघ्र पता लगाया जा सकता है और हस्तक्षेप किया जा सकता है।
  • जबकि मधुमेह के कारण गुर्दे की क्षति का खतरा एक गंभीर चिंता का विषय है, निवारक उपायों को लागू करने और किसी के स्वास्थ्य की बारीकी से निगरानी करने से इन जोखिमों को काफी हद तक कम किया जा सकता है। रक्त शर्करा के स्तर और समग्र स्वास्थ्य के प्रबंधन के प्रति सक्रिय दृष्टिकोण अपनाकर, व्यक्ति प्रभावी ढंग से अपनी किडनी की सुरक्षा कर सकते है और अपने समग्र स्वास्थ्य पर मधुमेह के प्रभाव को कम कर सकते है।
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किन शुरुआती लक्षणों से पता करें किडनी में पथरी हो गयी है?

किडनी में पथरी का होना भी एक गंभीर समस्या है। क्युकि किडनी में पथरी एक दर्दनाक मंजर होता है व्यक्ति के लिए। किडनी में पथरी होने पर दर्द पेट के निचले हिस्से में होता है और ये दर्द काफी खतरनाक होता है। 

तो वही किडनी में पथरी के लक्षणों के माद्यम कैसे आप पता लगा सकते है की आपके किडनी में पथरी है। इसके अलावा किडनी की पथरी क्या है इससे हम शुरुआत करते है आर्टिकल की, वही किडनी की पथरी के बारे में अगर आप अच्छे से जानना चाहते है तो आर्टिकल के साथ अंत तक जुड़े रहे;

किडनी में पथरी की समस्या क्यों उत्पन होती है ?

  • कुछ अनुभवी डॉक्टरों का कहना है जब शरीर में पानी की कमी, हो जाती है तो पथरी इसी वजह से बनती है। 
  • तो वही कुछ डॉक्टरों का कहना है कि शरीर में मोटापे की वजह से भी ये समस्या उत्पन हो सकती है। 
  • दरअसल, यूरिक एसिड (मूत्र के एक घटक) को पतला करने के लिए पर्याप्त पानी चाहिए होता है और ऐसा न होने पर मूत्र अधिक अम्लीय बन जाता है। यह अम्लीय गुर्दे की पथरी बनने का मुख्य कारण होता है। 

गुर्दे में पथरी की समस्या क्यों उत्पन होती है इसके बारे में जानने के लिए बेस्ट यूरोलॉजिस्ट लुधियाना का चयन करे।

किडनी में पथरी क्या है ?

  • किडनी में पथरी का होना बेहद दर्दनाक होता है। ऐसी स्थिति में मरीज को तेज दर्द होता है जो कि कई बार असहनीय हो जाता है। किडनी में पथरी होने पर दर्द पेट के निचले हिस्से में होता है। 
  • वही पथरी, खनिजों और नमक का संग्रह होता है जो ज्यादातर कैल्शियम, पोटैशियम और यूरिक एसिड से बना पत्थर होता है। जो कि गुर्दे के भीतर हो जाती है। जब हमारे शरीर के कुछ खनिज मूत्र में जमा हो जाते हैं तो ये मूत्र गुर्दे के अंदर पत्थर बन जाते हैं। और इन पथरो को ही किडनी की पथरी कहते हैं। 
  • ये पथरी काफी खतरनाक होती है इसलिए इसके बारे में जानने के लिए गुर्दे की पथरी विशेषज्ञ पंजाब से जरूर मुलाकात करे।

किडनी में पथरी होने पर किन बातो का ध्यान रखे ?

  • शरीर को जितना हो सके हाइड्रेटेड रखे क्युकि ये बेहद जरूरी है। तो वही हाइड्रेटेड रहने के लिए आपको रोजाना 2 से 3 लीटर पानी ज़रूर पीना है। 
  • साथ ही कैल्शियम की भी अच्छी मात्रा लें। 
  • नमक और मांस के सेवन पर भी कंट्रोल करें। 
  • प्रोसेस्ड फूड्स (पहले से बने हुए फूड) अतिरिक्त चीनी और सैचुरेटेड फैट्स का सेवन न करें।

किडनी में पथरी के लक्षण क्या है ?

  • किडनी में पथरी होने पर पेशाब का रंग भी बदल जाता है। 
  • तो वही लाल, भूरा या गुलाबी रंग का मूत्र। 
  • उल्टी का मन होना। 
  • जी मिचलाना। 
  • बिना रंग के मूत्र का होना। 
  • दुर्गंधयुक्त पेशाब। 
  • बार-बार पेशाब करने की इच्छा होना। 
  • बुखार और अत्यधिक ठंड का लगना। 
  • कम मात्रा में पेशाब का आना आदि।

सुझाव :

यदि किडनी में पथरी की समस्या ज्यादा ही गंभीर बन चुकी है और ये गंभीर समस्या आपको लक्षणों से पता चल चुकी है तो आरजी हॉस्पिटल का चयन करे। अपनी पथरी के इलाज के लिए।

निष्कर्ष :

किडनी में पथरी की समस्या काफी गंभीर और भयानक है अगर समय रहते इसका इलाज न करवाया जाए तो ये काफी गंभीर रूप धारण कर लेती है। इसके अलावा उपरोक्त लक्षणों के बारे में जान के इसका इलाज जल्द से जल्द किसी बेहतरीन डॉक्टर से करवाए।

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क्या है दूरबीन विधि और इससे किडनी स्टोन का इलाज कैसे है संभव ?

किडनी में स्टोन का होना कितना खतरनाक है ये तो सबको पता ही है, वही किडनी का स्टोन काफी दर्दनाक भी होता है व्यक्ति के लिए। इसके अलावा इसका इलाज कैसे किया जा सकता है वो भी दूरबीन विधि से इसके बारे में हम आज के इस आर्टिकल में बात करेंगे, इसलिए अगर आप भी किडनी में स्टोन के मरीज़ है और इस समस्या से निजात पाना चाहते है तो इसके लिए आर्टिकल को अंत तक जरूर से पढ़े;

किडनी में स्टोन की समस्या क्या है ?

  • किडनी के भीतर खनिजों और लवणों से बने क्रिस्टल के जमा होने की स्थिति को किडनी स्टोन के नाम से जाना जाता है। 
  • बता दे की कई बार किडनी स्टोन की स्थिति गंभीर दर्द का कारण बन सकती है, वही कुछ लोगों को पेशाब की भी समस्या बनी रहती है। 
  • किडनी में स्टोन के कारण व्यक्ति को हल्के दर्द की समस्या बनी रहती है और कई बार ये दर्द गंभीर रूप भी धारण कर लेता है। अगर इसी तरह का दर्द आपमें भी बना हुआ है तो इससे निजात पाने के लिए आपको समय रहते गुर्दे की पथरी विशेषज्ञ पंजाब का चयन करना चाहिए।

किडनी स्टोन के कारण क्या है ?

  • किडनी स्टोन के कारणों की बात करें तो खराब लाइफस्टाइल, बॉडी में पानी की कमी, एक्सरसाईज की कमी, अधिक चाय-कॉफी, ज्यादा तला-भुना, बहुत ज्यादा मीठा, कम पानी पीना और यूरीन आदि को रोकने का नतीजा है। 
  • इसके अलावा स्टोन होने का मुख्य कारण बॉडी में अधिक मात्रा में कैल्शियम की मौजूदगी है। मतलब की ये जब हमारे शरीर में नमक एवं अन्य मिनरल एक दूसरे के संपर्क में आते है तो स्टोन बनने लगते है। यानी किडनी में पथरी कैल्शियम, ऑक्सलेट और कैल्शियम फॉस्फेट से बनती है। 
  • स्टोन की समस्या दर्द देने के साथ-साथ बहुत सारी परेशानियों को न्यौता देती है। जिसे खत्म करना बेहद मुश्किल है लेकिन अगर स्टोन छोटे हैं तो उसे यूरीन के रास्ते से बाहर निकाला जा सकता है।

अगर आपमें भी ऐसे कुछ कारण नज़र आ रहे है तो इससे निजात पाने के लिए आपको यूरोलॉजिस्ट लुधियाना के संपर्क में आना चाहिए।

गुर्दे की पथरी का बेहतरीन हॉस्पिटल ?

  • अगर आप भी गुर्दे में पथरी की समस्या से परेशान है तो इससे निजात पाने के लिए आपको आरजी स्टोन यूरोलॉजी एन्ड लेप्रोस्कोपी हॉस्पिटल का चयन करना चाहिए, वही इस हॉस्पिटल की सलाह हम आपको इसलिए दे रहे है क्युकि यहाँ पर बिना चीरा लगाए अनुभवी डॉक्टरों के द्वारा गुर्दे की पथरी का इलाज दूरबीन विधि के द्वारा किया जाता है।

किडनी स्टोन के मुख्य लक्षण क्या है ?

  • इसके लक्षणों की बात करें तो इसमें पेशाब का रूक-रूक कर आना। 
  • पेशाब में जलन की समस्या का उत्पन होना। 
  • जल्दी-जल्दी पेशाब का आना।   
  • पेशाब रोकने में असमर्थ होना। 
  • बार-बार बुखार आना आदि इसके प्रमुख लक्षण है।

इलाज क्या है किडनी में पथरी का ?

  • परंपरागत तौर पर किडनी स्टोन का ऑपरेशन चिड़ा लगाकर किया जाता था। पर आजकल के आधुनिक युग में यूरोलॉजी के ऑपरेशन दूरबीन विधि या यूं कहें बिना चीरा-टांका के किया जाता है। 
  • इसके अलावा ऑपरेशन के बाद मरीज को 1-2 दिन में स्वस्थ्य होकर अस्पताल से छुट्टी मिल जाती है। ऑपरेशन स्टोन के आकार, किडनी के किस हिस्से में स्टोन है यह जानने के बाद अलग-अलग तरह के दूरवीन विधि PCNL, URS, RIRS से किया जाता है।

निष्कर्ष :

किडनी में स्टोन की समस्या होने पर बिना समय गवाए बेहतरीन डॉक्टर का चयन करना चाहिए।

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गुर्दे की पथरी क्या है और इसका होना कितनी आम बात है ?

गुर्दे की पथरी की अगर बात करें तो इसका होना कोई बड़ी बात आज के समय में नहीं माना जाता है। वही इस पथरी की अगर बात करें तो ये हर 10 में से 2 या 3 व्यक्ति को अपना शिकार बना ही लेती है। इसके अलावा गुर्दे की पथरी की समस्या क्या है और इसके अन्य बचाव के तरीके क्या हो सकते है, इसके बारे में आज के आर्टिकल में चर्चा करेंगे ;

क्या है गुर्दे की पथरी ?

  • गुर्दे की पथरी (यूरोलिथियासिस, या नेफ्रोलिथियासिस) गुर्दे के अंदर बनने वाले खनिजों और लवणों के कठोर द्रव्यमान है। 
  • गुर्दे की पथरी का आकार आमतौर पर चने की तरह होता है, लेकिन यह रेत के दाने जितना छोटा या गोल्फ की गेंद जितना बड़ा भी हो सकता है।

गुर्दे की पथरी कैसे बनती है ?

  • जब मूत्र में कैल्शियम, ऑक्सालेट, यूरिक एसिड और सिस्टीन जैसे कुछ पदार्थों का लेवल बढ़ने लगता है, तो वे क्रिस्टल बनाने लगते हैं जो गुर्दे से जुड़ने लगते हैं और धीरे-धीरे आकार में बढ़ कर पथरी का रूप धारण कर लेते है।

यदि आपके यूरीन में भी कैल्शियम, ऑक्सालेट की मात्रा ज्यादा बढ़ चुकी है, तो इससे बचाव के लिए आपको किडनी स्टोन का इलाज करवाना चाहिए।

गुर्दे की पथरी के जोखिम कारक क्या है ?

  • कम पानी पीने और तरल प्रदार्थो की कमी से पथरी होने का खतरा हो सकता है।
  • कुछ बीमारियों, दवाओं, गलत आहार की आदतों से पथरी बनने की संभावना बढ़ जाती है जैसे-मूत्र में कैल्शियम या ऑक्सालेट की अत्यधिक मात्रा।
  • आहार में कम कैल्शियम, उच्च मात्रा में ऑक्सालेट्स वाले आहार, पशु प्रोटीन ज्यादा मात्रा में या आहार में ज्यादा मात्रा में सोडियम का सेवन जैसे कारक।
  • कैल्शियम, विटामिन-डी और विटामिन-सी की अत्यधिक खुराक लेना।
  • वंशानुगत कारक भी पथरी होने की एक एहम वजह है। 

पथरी के कारक नज़र आने पर आपको इसकी जाँच लुधियाना में बेस्ट यूरोलॉजिस्ट से करवानी चाहिए।

गुर्दे की पथरी से कैसे करें खुद का बचाव ?

  • आहार और आदतों में कुछ बदलाव करके गुर्दे की पथरी को रोका जा सकता है
  • अच्छा मूत्र प्रवाह बनाए रखने के लिए सही मात्रा में पानी पीना चाहिए। 
  • आहार में कैल्शियम की पर्याप्त मात्रा होनी चाहिए, जैसे-दूध, दही, दाल, संतरे और अन्य डेयरी उत्पाद।
  • सही मात्रा में प्रोटीन खाएं- आमतौर पर दैनिक प्रोटीन की जरूरत प्रति दिन 2-3 सर्विंग से पूरी हो जाती है।
  • अपने भोजन में सोडियम की मात्रा 2-3 ग्राम तक कम करें। प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ जैसे कि हॉट डॉग, चटनी, ड्राई सूप, अचार इत्यादि कम-से-कम खाएं क्योंकि इनमें नमक अधिक मात्रा में होता है
  • विटामिन-सी की अत्यधिक खुराक से बचें। 
  • पालक, बादाम, मूंगफली, अखरोट, बटर, ब्लूबेरी जैसे ऑक्सालेट्स से भरे खाद्य पदार्थों के सेवन से भी बचें।

गुर्दे की पथरी का उपचार क्या है ?

  • पथरी का उपचार इस बात पर निर्भर करता है कि मूत्र पथ में पत्थर का आकार कितना है और किस स्थान पर है।
  • 5 मिमी से कम की पथरी आमतौर पर विशिष्ट उपचार के बिना बाहर निकल जाते है। बस तरल पदार्थ का सेवन और दर्द निवारक दवाएं लेने की आवश्यकता होती है।
  • वही 9 मिमी से ज्यादा पथरी के लिए आपको सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है। 

यदि गुर्दे की पथरी ने आपकी समस्या को और बढ़ा दिया है, वही इस उपचार के लिए आपको सर्जरी की जरूर पड़े तो इसके लिए आपको आर जी स्टोन यूरोलॉजी एन्ड लेप्रोस्कोपी हॉस्पिटल से सम्पर्क करना चाहिए या आप इस हॉस्पिटल की ऑफिसियल वेबसाइट पर जाकर भी अपनी परेशानी के बारे में जान सकते है। 

निष्कर्ष :

पथरी की समस्या जितनी आम है उतनी ही ये खतरनाक भी मानी जाती है। इसके अलावा अगर पथरी के होने वाले कारक आपमें भी विद्यमान है तो इसके लिए आपको समय रहते बेहतरीन डॉक्टर का चयन करना चाहिए।

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पथरी है तो भूलकर भी न खाएं ये चीजें, वर्ना बढ़ सकती है दिक्कते !

पथरी की समस्या काफी खतरनाक मंज़र है व्यक्ति के लिए। ये समस्या रह-रह कर चुभन पैदा करने वाली समस्या है। इसके अलावा ये समस्या क्यों व्यक्ति में उत्पन होती है और अगर ये समस्या उत्पन हो ही गई है तो कैसे हम इस समस्या से खुद का बचाव कर सकते है और खास बात ये समस्या अगर उत्पन हो गई है तो किन खाने की चीजों का परहेज करना चाहिए इसके बारे में भी बात करेंगे, इसलिए अगर आप चाहते है की आपके पथरी की समस्या और न बढ़े तो आज के आर्टिकल को अंत तक पढ़े ;

पथरी की समस्या होने पर किन खाने की चीजों का रखें परहेज ?

अगर आप पथरी की समस्या से ग्रस्त है तो आपको निम्न खाने की चीजों का परहेज रखना चाहिए ;

  • “सी फूड” (समुंद्री खाना) और “मीट” तो सबको पसंद होते है पर इससे आपको परहेज करना चाहिए। इसके साथ ही आपको अधिक प्रोटीन वाले फूड्स से भी परहेज करना चाहिए। 
  • पथरी की समस्या होने पर आपको “पालक” से दूरी बना लेनी चाहिए। क्युकी “पालक और साग” में ऑक्सलेट पाया जाता है और ये ऑक्सलेट कैल्शियम को इकट्ठा कर लेता है और यूरिन में नहीं पहुंचने देता। जिसके कारण आपकी पथरी की समस्या बढ़ जाती है। 
  • पथरी के रोगियों को “टमाटर” से भी दूरी बनानी चाहिए, ऐसा इसलिए क्युकी टमाटर में भी ऑक्सलेट्स की भरपूर मात्रा होती है तो ऐसे में अगर आप टमाटर का सेवन कर रहें है तो इसके बीज निकाल कर इसका सेवन करें। 
  • “चॉकलेट” में भी ऑक्सलेट्स की मात्रा होती है इसलिए अगर आप किडनी स्टोन की समस्या से ग्रस्त है तो आपको इसका सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए। 
  • पथरी के रोगियों को “चाय” का सेवन भी नहीं करना चाहिए क्युकि चाय से पथरी का साइज बढ़ सकता है। इसके अलावा अगर आपको लगता है की इन सब चीजों को खाने से पथरी की समस्या नहीं बढ़ सकती तो इसके लिए आपको गुर्दे की पथरी विशेषज्ञ पंजाब से सम्पर्क करना चाहिए। 

गुर्दे की पथरी कैसे बनती हैं?

  • जब मूत्र में कैल्शियम, ऑक्सालेट, यूरिक एसिड और सिस्टीन जैसे कुछ पदार्थों का कंसंट्रेशन बढ़ने लगता है, तो वे क्रिस्टल बनाने लगते हैं जो गुर्दे से जुड़ने लगते हैं और धीरे-धीरे आकार में बढ़ कर पथरी का रूप धारण कर लेते हैं।
  • इसके अलावा ये पथरी कैसे बनती है के बारे में जानने के लिए आपको यूरोलॉजिस्ट लुधियाना के सम्पर्क में आना चाहिए।

पथरी की समस्या होने पर किन बातों का रखें ध्यान ?

  • अगर आप पथरी के मरीज हैं तो आपको भोजन में ऐसी चीजें बिल्कुल नहीं शामिल करना है जिन्हें पचने में अधिक समय लगता हो। 
  • मांस, मछली, कोल्ड ड्रिंक्स आदि का सेवन न करें. वही फलों में स्ट्रॉबेरी और बेर के साथ ही अंजीर और किशमिश जैसे ड्राई फ्रूट्स के सेवन से परहेज करे।  
  • दूध और दूध से बने पदार्थ दही, पनीर और मक्खन आदि का सेवन न के बराबर करें। 
  • कैन सूप, नूडल्स, डीप फ्राई की हुई चीजें, जंक फ़ूड आदि से परहेज जरूर करें। 
  • बैंगन, मशरूम और फूलगोभी जैसी सब्जियों से आपको बचना चाहिए।

अगर आपको पथरी की समस्या ने बहुत ज्यादा परेशान कर रखा है और ये अत्यधिक गंभीर हो चूका है तो इसके लिए आपको आरजी स्टोन यूरोलॉजी एन्ड लेप्रोस्कोपी हॉस्पिटल से सम्पर्क करना चाहिए। 

निष्कर्ष :

पथरी की समस्या ज्यादा गंभीर न हो तो इसके लिए आपको उपरोक्त बातों का खास ध्यान रखना चाहिए। और समय-समय पर डॉक्टर से सलाह जरूर ले।

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बड़ी से बड़ी पथरी को कौन-से तरीके से गलाकर बाहर निकाला जा सकता है ?

पथरी की समस्या काफी गंभीर है और ये समस्या कई बार व्यक्ति को अंदर से बहुत खोखला कर देती है। इसलिए इससे बचाव करना बहुत जरूरी है और साथ ही ऐसे कौन से उपाय है जिसको अपना कर हम पथरी को गलाकर आसानी से बाहर निकालने में सक्षम हो पाते है, जैसे प्रश्नो के बारे में और इस समस्या से हम कैसे निजात पा सकते है इसके बारे में भी बात करेंगे

किडनी में पथरी की समस्या क्यों होती है ?

  • पथरी बनने के जोखिम कारको की बात करें तो इसमें कुछ बीमारियों, दवाओं, गलत आहार की आदतों से पथरी बनने की संभावना बढ़ जाती है जैसे- मूत्र में कैल्शियम या ऑक्सालेट की अत्यधिक मात्रा। आहार में कम कैल्शियम, उच्च मात्रा में ऑक्सालेट्स वाले आहार, पशु प्रोटीन ज्यादा मात्रा में या आहार में ज्यादा मात्रा में सोडियम का सेवन।
  • वही शरीर में पानी की कमी से गुर्दे की पथरी यानी किडनी स्टोन बन सकती हैं। इसके अलावा ये पत्थर या तो मटर के आकार के हो सकते हैं या गोल्फ की गेंद जितने बड़े हो सकते हैं। पथरी आमतौर पर कैल्शियम ऑक्सालेट और कुछ अन्य यौगिकों से बने होते हैं और इनकी बनावट क्रिस्टल जैसी होती है।

अगर आपको भी गुर्दे में पथरी की समस्या है तो इससे निजात पाने के लिए गुर्दे की पथरी विशेषज्ञ पंजाब का चयन करें।

किडनी की पथरी के लक्षण क्या हैं ? 

  • गुर्दे की पथरी बनने से वजन का कम होना शामिल है। 
  • बुखार, मतली, रक्तमेह और पेट के निचले हिस्से में गंभीर दर्द के साथ पेशाब करने में परेशानी हो सकती है।
  • पेशाब में गंध का आना या इसमें ब्लड की समस्या का उत्पन होना। 

यदि पथरी की समस्या होने पर आपमें भी ऐसे कुछ लक्षण दिखाई दे रहे है तो इससे बचाव के लिए यूरोलॉजिस्ट लुधियाना का चयन करें।

किडनी की पथरी को सही करने के कौन से उपाय है मददगार ?

  • जिन लोगों को गुर्दे की पथरी ने अपने वश में ले रखा है उन्हें इन पत्थरों को पेशाब के माध्यम से बाहर निकालने के लिए दिन में 7-8 गिलास पानी पीने की सलाह दी जाती है।
  • नींबू के रस और जैतून के तेल का मिश्रण भी काफी प्रभावी है पथरी को तोड़ने के लिए, बस करना इसमें ये है कि इन दोनों को रोजाना पीना है, जबतक आपकी पथरी निकल न जाए। 
  • अनार का रस सबसे अच्छे प्राकृतिक पेय में से एक है जो शरीर को हाइड्रेट रखने में मदद कर सकता है। यह गुर्दे की पथरी को प्राकृतिक रूप से दूर करने में भी काफी सहायक है। 
  • मक्के के बाल भी पथरी को तोड़ने में काफी मददगार है। इसको बनाने के लिए आप पानी में मक्की के बालों को उबाल ले बाद में छानकर सेवन किया जा सकता है। यह नए पत्थरों के निर्माण को भी रोकता है और एक मूत्रवर्धक है जो मूत्र के प्रवाह को बढ़ाता है। 
  • दो बड़े चम्मच सेब का सिरका रोजाना गर्म पानी के साथ तब तक ले, जब तक कि किडनी से पथरी पूरी तरह से निकल न जाए।

अगर किडनी की पथरी ज्यादा गंभीर है तो कोई भी उपाय अपनाने से पहले आरजी हॉस्पिटल के डॉक्टर से जरूर सलाह ले। क्युकि डॉक्टर ही सही बात बता पाएंगे आपके चेकअप के बाद। 

निष्कर्ष :

पथरी की समस्या काफी गंभीर है, इसलिए इससे निजात पाने के लिए उपरोक्त बातों का खास ध्यान रखे और डॉक्टर के संपर्क में जरूर से रहे।

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बिना ऑपरेशन के कैसे करे किडनी स्टोन का इलाज ?

किडनी में पथरी की समस्या काफी गंभीर है। इस समस्या की वजह से व्यक्ति को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा किडनी में पथरी की समस्या से हम बिना सर्जरी के कैसे निजात पा सकते है हम इसके बारे में भी बात करेंगे, तो शुरुआत करते है आर्टिकल की ;

किडनी में पथरी की समस्या क्यों उत्पन होती है ?

  • किडनी स्टोन गलत खानपान की वजह से व्यक्ति को अपना शिकार बनाती है। गुर्दे की पथरी होने पर असहनीय दर्द होता है। 
  • वही गुर्दे/किडनी में पथरी की समस्या तब उत्पन होती है, जब नमक एवं अन्य खनिज (जो मूत्र में मौजूद होते हैं) एक-दूसरे के संपर्क में आते हैं। 
  • कुछ मामलों में पथरी की बात करे तो ये रेत के दानों की तरह बहुत छोटे आकार की होती है तो कुछ मटर के दाने की तरह होती है। वही कुछ पथरी की बात करे तो वो मूत्र से बाहर निकल जाती है, लेकिन जो पथरी बड़ी होती है वह बहुत ही परेशान भी करती है।

किडनी में स्टोन की समस्या क्यों उत्पन होती है इसके बारे में जानने के लिए आप गुर्दे की पथरी विशेषज्ञ पंजाब से सलाह ले।

किडनी स्टोन के मुख्य कारण क्या है ?

  • कुछ अनुभवी डॉक्टरों का मानना है कि जब हमारे शरीर में पानी की कमी हो जाती है, तो यही पानी की कमी पथरी का मुख्य कारण बनती है। 
  • किडनी में पथरी इसलिए बनती है क्युकि इसमें यूरिक एसिड पतला करने के लिए पर्याप्त पानी चाहिए होता है और पर्याप्त पानी न मिलने पर मूत्र अधिक अम्लीय बन जाता है। यह अम्लीय गुर्दे की पथरी बनने का मुख्य कारण होता है। ये स्टोन अगर शरीर में लंबे समय तक रहें तो गंभीर समस्या भी उत्पन्न कर देते हैं।

बिना सर्जरी के कैसे किडनी स्टोन का इलाज किया जा सकता है ?

  • एक्स्ट्राकापोरियल शॉक वेब लिथोट्रिप्सी (ESWL) से किडनी की पथरी का उपचार होगा। अभी तक लिथोट्रिप्सी की सुविधा प्रदेश में नहीं है। लेकिन बहुत जल्द इसके आने की उम्मीद की जा रही है। 
  • वही इस ट्रीटमेंट के जरिये काफी किफायती दामों में इलाज को भी मुकम्मल किया जा सकता है। 
  • तो वही इस मशीन के चलने की बात करे तो ये लिथोट्रिप्सीमशीन के ऑपरेटिंग टेबल पर मरीज काे लेटा दिया जाता है। फिर टेबल पर पेट की सीध में पानी से भरा तकिया लगा दिया जाएगा। ये किडनी के पीछे होगा। इसके बाद शॉक वेब से स्टोन को टारगेट किया जाएगा। पत्थरी को क्रश करने के लिए 1 से 2 हजार शॉक वेब की जरूरत होती है। इस प्रक्रिया के बाद किडनी की पथरी का चूरा पेशाब के साथ बाहर निकलेगा।

किडनी की पथरी के इलाज के लिए बेस्ट यूरोलॉजिस्ट लुधियाना का चयन करें।

सुझाव :

यदि आपकी किडनी की पथरी ज्यादा गंभीर है तो इसके लिए आप आर जी हॉस्पिटल का चयन कर सकते है अपनी पथरी के इलाज के लिए। वही पथरी का इलाज इस हॉस्पिटल में बहुत अच्छे तरीके से किया जाता है। इसके अलावा (ईएसडब्लूएल/ESWL) सर्जरी के बारे में भी आप यहाँ के डॉक्टर से पूछ सकते है।

निष्कर्ष :

किडनी में स्टोन का होना काफी खतरनाक मंज़र हो सकता है व्यक्ति के लिए। इसलिए किडनी में पथरी के कारणों को जानने के बाद इसके इलाज के लिए किसी बेहतरीन यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर का चयन करें।

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बिना ऑपरेशन के अब जूस की मदद से किडनी की पथरी को निकालना हुआ आसान ?

किडनी की पथरी आज के समय में काफी गंभीर समस्या बनी हुई है। जोकि हर व्यक्ति को अपना शिकार बना रही है। इसलिए हम आज के इस लेख में बात करेंगे कि कैसे बहुत कम लागत व कई तरह के जूस की मदद से पेशाब के माद्यम से किडनी की पथरी को हम आसानी से बाहर निकाल सकते है। तो चलिए शुरुआत करते है, किडनी की पथरी को ख़त्म करने की मुहीम को।

किडनी की पथरी की समस्या क्यों उत्पन होती है ?

 

किडनी की पथरी की समस्या क्यों उत्पन होती है, इसके बारे में हम निम्न में बात करेंगे ;

 

  • डॉक्टर्स का कहना हैं, कि शरीर में पानी की कमी की वजह से पथरी की समस्या उत्पन होती है। दरअसल, ऐसा इसलिए होता है, क्युकि शरीर में यूरिक एसिड को पतला करने के लिए पर्याप्त पानी चाहिए होता है और ऐसा न होने पर मूत्र अधिक अम्लीय बन जाता है। और यह अम्लीय ही गुर्दे की पथरी बनने का मुख्य कारण बनती है। 

 

  • वही ये स्टोन अगर शरीर में लंबे समय तक बने रहें तो गंभीर समस्या भी उत्पन्न कर देते हैं। जिसके कारण मूत्र में रुकावट उत्पन्न हो सकती है, अगर ये स्टोन मूत्रवाहिनी की ओर चले जाए तो।

 

किडनी की पथरी की समस्या यदि आपमें में भी उत्पन हो गई है, तो किडनी के स्पेशलिस्ट डॉक्टर के पास जरूर से जाए।

क्या जूस पीकर हम किडनी की पथरी की समस्या से निजात पा सकते है ?

बिल्कुल पा सकते है, बस इसके लिए हमे किन जूस का इस्तेमाल करना होगा। इसके बारे में जानने की जरूरत है, जैसे ;

  • पहला है, नींबू पानी का सेवन। इसको पीकर हम जो हमारे शरीर में स्टोन बनते है, उसका खात्मा जड़ से करते है।  

 

  • सेब के सिरके, में एसिटिक एसिड होता है, एसिटिक एसिड गुर्दे की पथरी को घोलने में मदद करता है। तो वही एक अध्यन में ये भी पाया गया है, कि सेब का सिरका गुर्दे की पथरी का जड़ से खात्मा करती है। 

 

  • तुलसी की पत्ती, में एसिटिक एसिड होता है, जो गुर्दे की पथरी को तोड़ने और दर्द को कम करने में मदद करता है। इसलिए इसका सेवन जरूर से करे। 

 

  • अजवाइन का रस पीने से भी हम गुर्दे की पथरी के दर्द से निजात पा सकते है। 
  • अनार का जूस पीने से गुर्दे की पथरी और इसके कारण बनने वाले विषाक्त प्रदार्थो को ख़त्म किया जा सकता है। 

 

  • राजमा का शोरबा, पीने से भी आपकी पथरी आसानी से घुल जाती है और मूत्र मार्ग से बहार निकल आती है। 

 

  • व्हीटग्रास का जूस, पीने से भी हम गुर्दे की पथरी से आसानी से निजात पा सकते है। साथ ही इसके जूस का रोजाना यदि हम सेवन करते है, तो ये हमारे स्वाथ्य के लिए काफी लाभदायक माना जाता है।

 

यदि आप उपरोक्त जूस का इस्तेमाल करते है, अपनी पथरी को ख़त्म करने के लिए तो आप एक बार बेस्ट यूरोलॉजिस्ट लुधियाना के सम्पर्क में जरूर से आए।

सुझाव :

यदि गुर्दे के पथरी की समस्या काफी गंभीर बन गई है, तो आप उपरोक्त जूस के साथ-साथ इसका उपचार भी आरजी हॉस्पिटल से आसानी से करवा सकते हो।

निष्कर्ष :

गुर्दे के पथरी की समस्या काफी विकट समस्या बन चुकी है और समय पर इसका इलाज न किया जाए तो ये और भी खतरनाक बन जाती है। इसलिए समय पर इस समस्या पर ध्यान देकर किसी अच्छे डॉक्टर का चुनाव करके इसका उपचार शुरू करवाए।  

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Removing Kidney Stones: A Modern Method For Managing Painful Scourge

What is lithotripsy?

The most common and effective treatment for kidney stones is called lithotripsy, which uses shock waves to dislodge stones from the ureter, kidney, and bladder. There is no need for an incision because the shock waves are directed at the stones from outside the body. Extracorporeal shock wave lithotripsy and ureteroscopic lithotripsy are now the two most popular and successful methods for treating urolithiasis (stone development in the bladder and urinary system) without pain.

Lithotripsy using Extracorporeal Shock Waves (ESWL)

Extracorporeal Shock Wave Lithotripsy (ESWL), the most popular kind of lithotripsy, is a less intrusive and painless way to remove kidney stones.

The Procedure Involved

The kidney stones are the goal of this technique, which employs high-frequency, electromagnetic sound waves. Larger stones are reduced in size by ultrasonic shock waves so that urine may remove them from the kidney. While there is no anesthesia used in this treatment, patients are given medications to help them manage their pain.

Extracorporeal Shock Wave Lithotripsy Benefits

  • This treatment does not involve any cuts or incisions.
  • most efficient for treating kidney and upper ureter stones
  • Targeted stones range in size from 10 to 20 mm.
  • Low risk of infection
  • the hospital discharged the same day
  • No serious pain, only little discomfort

Holmium Laser Ureteroscopic Lithotripsy

The latest and most well-liked method when it comes to effectiveness, painlessness, and minimal invasiveness is ureteroscopic holmium laser lithotripsy. The stones lodged in the urinary tract are broken into tiny bits using a small telescope and a Holmium laser during this operation so that they can pass through urine. The urethra, bladder, kidney, and ureteral stones are all treated with this procedure.

The Procedure Involved

The anesthesia for this procedure is spinal. A small, flexible scope is delivered into the kidney through the urinary tract without requiring an incision. 100-watt Holmium then Using a laser, the stones are broken up into minute dust-like particles that can be passed by the body through normal urination.

Your urologist will locate the stones, target them with a laser, and break them up into tiny bits. You can urine these particles out of your system or your urologist can remove them. After the stones are removed to help with urination, your doctor may implant a stent to maintain the ureter open. Ten to twelve days later, the stent will be removed.

Benefits of Ureteroscopic Lithotripsy with Holmium Laser 

  • The most efficient treatment for kidney, bladder, and ureteral stones.
  • Patients don’t experience discomfort because it’s done under anesthesia.
  • very efficient at removing larger and numerous stones
  • Even hard stones can be broken into sand-like bits by it.
  • This procedure guarantees great success regardless of the size, location, or hardness of the stones.
  • Patients are released from the hospital on the same day and can resume their normal lives in two days.
  • There is no risk of developing Steinstrasse, a typical problem that patients sometimes experience after extracorporeal shock lithotripsy.

The best urologist in Ludhiana will analyze your problem and recommend the best approach to take. In serious instances, surgery to remove kidney stones is advised, but only by a professional surgeon. Avoid ignoring kidney stone symptoms, and if you do, get quick medical care at a reputable Kidney Hospital In Punjab.

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