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पथरी है तो भूलकर भी न खाएं ये चीजें, वर्ना बढ़ सकती है दिक्कते !

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पथरी है तो भूलकर भी न खाएं ये चीजें, वर्ना बढ़ सकती है दिक्कते !

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पथरी की समस्या काफी खतरनाक मंज़र है व्यक्ति के लिए। ये समस्या रह-रह कर चुभन पैदा करने वाली समस्या है। इसके अलावा ये समस्या क्यों व्यक्ति में उत्पन होती है और अगर ये समस्या उत्पन हो ही गई है तो कैसे हम इस समस्या से खुद का बचाव कर सकते है और खास बात ये समस्या अगर उत्पन हो गई है तो किन खाने की चीजों का परहेज करना चाहिए इसके बारे में भी बात करेंगे, इसलिए अगर आप चाहते है की आपके पथरी की समस्या और न बढ़े तो आज के आर्टिकल को अंत तक पढ़े ;

पथरी की समस्या होने पर किन खाने की चीजों का रखें परहेज ?

अगर आप पथरी की समस्या से ग्रस्त है तो आपको निम्न खाने की चीजों का परहेज रखना चाहिए ;

  • “सी फूड” (समुंद्री खाना) और “मीट” तो सबको पसंद होते है पर इससे आपको परहेज करना चाहिए। इसके साथ ही आपको अधिक प्रोटीन वाले फूड्स से भी परहेज करना चाहिए। 
  • पथरी की समस्या होने पर आपको “पालक” से दूरी बना लेनी चाहिए। क्युकी “पालक और साग” में ऑक्सलेट पाया जाता है और ये ऑक्सलेट कैल्शियम को इकट्ठा कर लेता है और यूरिन में नहीं पहुंचने देता। जिसके कारण आपकी पथरी की समस्या बढ़ जाती है। 
  • पथरी के रोगियों को “टमाटर” से भी दूरी बनानी चाहिए, ऐसा इसलिए क्युकी टमाटर में भी ऑक्सलेट्स की भरपूर मात्रा होती है तो ऐसे में अगर आप टमाटर का सेवन कर रहें है तो इसके बीज निकाल कर इसका सेवन करें। 
  • “चॉकलेट” में भी ऑक्सलेट्स की मात्रा होती है इसलिए अगर आप किडनी स्टोन की समस्या से ग्रस्त है तो आपको इसका सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए। 
  • पथरी के रोगियों को “चाय” का सेवन भी नहीं करना चाहिए क्युकि चाय से पथरी का साइज बढ़ सकता है। इसके अलावा अगर आपको लगता है की इन सब चीजों को खाने से पथरी की समस्या नहीं बढ़ सकती तो इसके लिए आपको गुर्दे की पथरी विशेषज्ञ पंजाब से सम्पर्क करना चाहिए। 

गुर्दे की पथरी कैसे बनती हैं?

  • जब मूत्र में कैल्शियम, ऑक्सालेट, यूरिक एसिड और सिस्टीन जैसे कुछ पदार्थों का कंसंट्रेशन बढ़ने लगता है, तो वे क्रिस्टल बनाने लगते हैं जो गुर्दे से जुड़ने लगते हैं और धीरे-धीरे आकार में बढ़ कर पथरी का रूप धारण कर लेते हैं।
  • इसके अलावा ये पथरी कैसे बनती है के बारे में जानने के लिए आपको यूरोलॉजिस्ट लुधियाना के सम्पर्क में आना चाहिए।

पथरी की समस्या होने पर किन बातों का रखें ध्यान ?

  • अगर आप पथरी के मरीज हैं तो आपको भोजन में ऐसी चीजें बिल्कुल नहीं शामिल करना है जिन्हें पचने में अधिक समय लगता हो। 
  • मांस, मछली, कोल्ड ड्रिंक्स आदि का सेवन न करें. वही फलों में स्ट्रॉबेरी और बेर के साथ ही अंजीर और किशमिश जैसे ड्राई फ्रूट्स के सेवन से परहेज करे।  
  • दूध और दूध से बने पदार्थ दही, पनीर और मक्खन आदि का सेवन न के बराबर करें। 
  • कैन सूप, नूडल्स, डीप फ्राई की हुई चीजें, जंक फ़ूड आदि से परहेज जरूर करें। 
  • बैंगन, मशरूम और फूलगोभी जैसी सब्जियों से आपको बचना चाहिए।

अगर आपको पथरी की समस्या ने बहुत ज्यादा परेशान कर रखा है और ये अत्यधिक गंभीर हो चूका है तो इसके लिए आपको आरजी स्टोन यूरोलॉजी एन्ड लेप्रोस्कोपी हॉस्पिटल से सम्पर्क करना चाहिए। 

निष्कर्ष :

पथरी की समस्या ज्यादा गंभीर न हो तो इसके लिए आपको उपरोक्त बातों का खास ध्यान रखना चाहिए। और समय-समय पर डॉक्टर से सलाह जरूर ले।

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पित्त की थैली में इन्फेक्शन के क्या है कारण, लक्षण और इलाज ?

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पित्त या पित्ताशय की थैली छोटे से आकार की होती है जोकि यकृत के नीचे पाई जाती है और इसका मुख्य कार्य यकृत द्वारा छोड़े गए पित्त को इकट्ठा करना है, पर सोचे अगर किसी कारणवश इसमें सूजन आ जाए तो कैसे हम इसकी पहचान करेंगे, और इसमें सूजन के कारण क्या हो सकते है साथ ही कैसे इसका इलाज करवा के हम इस समस्या से खुद का बचाव कर सकते है इसके बारे में हम आज के लेख में बात करेंगे, इसलिए पित्त की थैली में इन्फेक्शन के बारे में जानने के लिए आर्टिकल को अंत तक जरूर से पढ़े ;

पित्त की थैली में इन्फेक्शन के कारण क्या है ?

  • पित्त की नली का सिकुड़ना। 
  • पित्ताशय की थैली में ट्यूमर का होना। 
  • बिलुरुबिन और कैल्शियम साल्ट्स की ठोस जमावट को पित्ताशय की पथरी कहते हैं। यह पित्त की थैली में इन्फेक्शन का सबसे आम कारण है। 
  • ब्लड वेसल्स का नुकसान होना। 

लुधियाना में बेस्ट यूरोलॉजिस्ट की मदद से आप पित्ताशय में इन्फेक्शन की समस्या क्यों होती है के बारे में जान सकते हो।

क्या है पित्ताशय की थैली ?

  • पित्ताशय की थैली एक छोटे, नाशपाती के आकार का अंग है जो पेट के दाहिनी ओर यकृत (लिवर) के ठीक नीचे स्थित होती है। पित्ताशय की थैली पित्त को संग्रहीत करती है। पित्त पथरी रेत के दाने जितनी छोटी या गोल्फ की गेंद जितनी बड़ी हो सकती है।
  • पित्ताशय की थैली के वजन की बात करें तो वयस्कों में, पित्ताशय की थैली लगभग 7 से 10 सेंटीमीटर (2.8 से 3.9 इंच) लंबाई में और 4 सेंटीमीटर (1.6 इंच) व्यास में पूरी तरह से फैला हुआ होता है। 

पित्ताशय की थैली में इन्फेक्शन के क्या लक्षण है ?

  • बुखार की समस्या का सामना करना।
  • जी मिचलाना। 
  • पेट में दर्द । 
  • उल्टी का आना।
  • सूजन की समस्या।
  • आँखों में पीलेपन का आना।
  • मल का ढीला होना। 

यदि व्यक्ति द्वारा भोजन खाया जाता है तो ये समस्या ज्यादा बढ़ जाती है। इसके अलावा अगर ये समस्या ज्यादा बढ़ रही है तो इससे निजात पाने के लिए लुधियाना में पित्ताशय की पथरी की जाँच एक बार जरूर से करवाए।

पित्त की थैली में इन्फेक्शन का क्या इलाज है ?  

  • पित्ताशय की थैली के संक्रमण का इलाज दवा या शल्य प्रक्रिया के माध्यम से किया जा सकता है। इन्फेक्शन को दूर करने के लिए एंटीबायोटिक के साथ दर्द निवारक देते हैं। पथरी के कारण अगर संक्रमण है तो सर्जरी की जा सकती है। 
  • वही ERCP यानि (एंडोस्कोपिक रेट्रोग्रेड कोलेजनोपैंक्रेटोग्राफी) का उपयोग डॉक्टरों द्वारा अग्न्याशय और पित्त नलिकाओं में समस्याओं के निदान और उपचार के लिए किया जाता है। मतलब की ऐसे समझे कि यदि आपके डॉक्टर को अग्न्याशय या यकृत रोग, या पित्त नलिकाओं में समस्या का संदेह है, तो आप ईआरसीपी (ERCP) से गुजर सकते हैं।
  • इसके इलाज से पहले आपको व्रत रखना पड़ सकता है, क्युकि भोजन से आपकी पित्त की थैली सूज जाती है। 
  • अगर आपकी पित्त की थैली में इन्फेक्शन की समस्या है तो इसके इलाज ले लिए डॉक्टर आपको गॉलस्टोन सर्जरी करवाने की सलाह दे सकते है। और इसमें इलाज दवाइयों के माद्यम से किया जाता है। 

पित्त की थैली में इन्फेक्शन के लक्षणों को जानने के बाद इससे निजात पाने के लिए आरजी स्टोन यूरोलॉजी एन्ड लेप्रोस्कोपी हॉस्पिटल का चयन करें। 

निष्कर्ष :

पित्त की थैली में इन्फेक्शन की समस्या काफी खतरनाक है इसलिए समय रहते किसी अच्छे डॉक्टर का चयन करें इसके इलाज के लिए।

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बड़ी से बड़ी पथरी को कौन-से तरीके से गलाकर बाहर निकाला जा सकता है ?

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पथरी की समस्या काफी गंभीर है और ये समस्या कई बार व्यक्ति को अंदर से बहुत खोखला कर देती है। इसलिए इससे बचाव करना बहुत जरूरी है और साथ ही ऐसे कौन से उपाय है जिसको अपना कर हम पथरी को गलाकर आसानी से बाहर निकालने में सक्षम हो पाते है, जैसे प्रश्नो के बारे में और इस समस्या से हम कैसे निजात पा सकते है इसके बारे में भी बात करेंगे

किडनी में पथरी की समस्या क्यों होती है ?

  • पथरी बनने के जोखिम कारको की बात करें तो इसमें कुछ बीमारियों, दवाओं, गलत आहार की आदतों से पथरी बनने की संभावना बढ़ जाती है जैसे- मूत्र में कैल्शियम या ऑक्सालेट की अत्यधिक मात्रा। आहार में कम कैल्शियम, उच्च मात्रा में ऑक्सालेट्स वाले आहार, पशु प्रोटीन ज्यादा मात्रा में या आहार में ज्यादा मात्रा में सोडियम का सेवन।
  • वही शरीर में पानी की कमी से गुर्दे की पथरी यानी किडनी स्टोन बन सकती हैं। इसके अलावा ये पत्थर या तो मटर के आकार के हो सकते हैं या गोल्फ की गेंद जितने बड़े हो सकते हैं। पथरी आमतौर पर कैल्शियम ऑक्सालेट और कुछ अन्य यौगिकों से बने होते हैं और इनकी बनावट क्रिस्टल जैसी होती है।

अगर आपको भी गुर्दे में पथरी की समस्या है तो इससे निजात पाने के लिए गुर्दे की पथरी विशेषज्ञ पंजाब का चयन करें।

किडनी की पथरी के लक्षण क्या हैं ? 

  • गुर्दे की पथरी बनने से वजन का कम होना शामिल है। 
  • बुखार, मतली, रक्तमेह और पेट के निचले हिस्से में गंभीर दर्द के साथ पेशाब करने में परेशानी हो सकती है।
  • पेशाब में गंध का आना या इसमें ब्लड की समस्या का उत्पन होना। 

यदि पथरी की समस्या होने पर आपमें भी ऐसे कुछ लक्षण दिखाई दे रहे है तो इससे बचाव के लिए यूरोलॉजिस्ट लुधियाना का चयन करें।

किडनी की पथरी को सही करने के कौन से उपाय है मददगार ?

  • जिन लोगों को गुर्दे की पथरी ने अपने वश में ले रखा है उन्हें इन पत्थरों को पेशाब के माध्यम से बाहर निकालने के लिए दिन में 7-8 गिलास पानी पीने की सलाह दी जाती है।
  • नींबू के रस और जैतून के तेल का मिश्रण भी काफी प्रभावी है पथरी को तोड़ने के लिए, बस करना इसमें ये है कि इन दोनों को रोजाना पीना है, जबतक आपकी पथरी निकल न जाए। 
  • अनार का रस सबसे अच्छे प्राकृतिक पेय में से एक है जो शरीर को हाइड्रेट रखने में मदद कर सकता है। यह गुर्दे की पथरी को प्राकृतिक रूप से दूर करने में भी काफी सहायक है। 
  • मक्के के बाल भी पथरी को तोड़ने में काफी मददगार है। इसको बनाने के लिए आप पानी में मक्की के बालों को उबाल ले बाद में छानकर सेवन किया जा सकता है। यह नए पत्थरों के निर्माण को भी रोकता है और एक मूत्रवर्धक है जो मूत्र के प्रवाह को बढ़ाता है। 
  • दो बड़े चम्मच सेब का सिरका रोजाना गर्म पानी के साथ तब तक ले, जब तक कि किडनी से पथरी पूरी तरह से निकल न जाए।

अगर किडनी की पथरी ज्यादा गंभीर है तो कोई भी उपाय अपनाने से पहले आरजी हॉस्पिटल के डॉक्टर से जरूर सलाह ले। क्युकि डॉक्टर ही सही बात बता पाएंगे आपके चेकअप के बाद। 

निष्कर्ष :

पथरी की समस्या काफी गंभीर है, इसलिए इससे निजात पाने के लिए उपरोक्त बातों का खास ध्यान रखे और डॉक्टर के संपर्क में जरूर से रहे।

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बार-बार पेशाब आने के क्या है कारण, लक्षण और इलाज ?

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पेशाब का एक समय सीमा से ज्यादा आना किसी परेशानी से कम नहीं है। यदि आपको भी दिन में 8 से 10 बार पेशाब करने जाना पड़ता है, तो इस समस्या को हल्के में न ले बल्कि समय रहते डॉक्टर का चयन करें और साथ ही हम आपको बताएगे की बारबार पेशाब आने के क्या है लक्षण, कारण और उपाय ;

बारबार पेशाब आने के कारण क्या है ?

  • प्रोस्टेट का बढ़ना।

  • किडनी या यूरेट्रिक स्टोन का होना।

  • मूत्रमार्ग में इन्फेक्शन का होना।

  • डायबिटीज की समस्या।

  • अतिसक्रिय ब्लैडर का होना।

  • गर्भावस्था में बारबार मूत्र का आना।

बारबार पेशाब का आना क्या है ?

  • बारबार पेशाब अधिक मात्रा में पानी या अन्य तरल पदार्थ पीने से हो सकता है। परन्तु जब इन सभी कारणों की ग़ैरमौजूदगी में यह होता है, तब यह किसी गंभीर परेशानी का संकेत हो सकता है। यदि आप भी बारबार पेशाब आने की स्थिति से परेशान है तो इसके लिए आपको बेस्ट यूरोलॉजिस्ट लुधियाना का चयन करना चाहिए।

  • कुछ अनुभवी डॉक्टरों का कहना है कि इंसान दिन में लगभग 4 से 7 बार पेशाब करता है जिससे वो कुलमिलाकर केवल 2 से 3 लीटर पेशाब शरीर से बाहर निकाल देता है। परन्तु व्यक्ति दिन में 6 या 8 से अधिक बार पेशाब करने लगे और हर बार सामान्य से ज़्यादा पेशाब निकले तो उस स्तिथि में हम कह सकते हैं कि वह बारबार पेशाब आने की परेशानी से जूझ रहा है।

लक्षण क्या है बारबार पेशाब आने के ?

  • पेशाब को बिलकुल न रोक पाना।

  • पेशाब में खून का आना।

  • पेशाब करते वक़्त जलन या दर्द का महसूस होना।

  • पेट के निचले हिस्से और बगल में दर्द का होना।

  • पूरी तरह से ब्लैडर को खाली करने में नाकामयाब होना।

  • अचानक से पेशाब करने की तीव्र इच्छा का आना।

यदि अनेक बार पेशाब आने के लक्षण आपमें भी ऐसे ही दिख रहे है तो लुधियाना में पित्त पथरी की सर्जरी करवाने की सलाह डॉक्टर से जरूर ले।

बारबार पेशाब आने से निजात पाने का इलाज क्या है ?

  • यदि आपको अनेक बार पेशाब आने की वजह डायबिटीज है, तो “इंसुलिन थेरेपी” एक बेहतरीन इलाज है।

  • डाईयुरेटिक्स” का इलाज भी बारबार मूत्र आने की समस्या से निजात दिलवाता है।

  • अनेक बार मूत्र का आना मूत्राशय कैंसर का कारण भी हो सकता है, जिसके लिए “कीमोथेरेपी” एक बेहतरीन इलाज माना जाता है।

  • बारबार मूत्र आने की समस्या को रोकने के लिए कई बार डॉक्टर अन्य दवाइयां भी देते है।

  • इसके अलावा कुछ “घरेलू उपाय” भी बारबार मूत्र आने की समस्या को रोक सकते है जैसेकेले का सेवन, मेथी की पत्तियां, तिल का सेवन, चने का सेवन आदि।

यदि आप अनेक बार मूत्र आने की समस्या से परेशान है, तो इसके उपचार के लिए उपरोक्त बातों का खास ध्यान रखें और यदि आपने इसका इलाज सर्जरी के माद्यम से करवाना है तो इसके लिए आप आरजी स्टोन यूरोलॉजी एन्ड लेप्रोस्कोपी हॉस्पिटल का चयन करें।

निष्कर्ष :

समस्या कोई भी हो अगर उसके बारे में विस्तार से जानके हम उसका इलाज करवाते है, तो हमे जल्दी फर्क पड़ने लगता है। ठीक उसी प्रकार बारबार पेशाब आने की समस्या पर भी ये बात लागु होती है। तो आप अगर चाहते है की आपको अनेक बार आने वाले मूत्राशय की समस्या से निजात मिले तो इसके लिए आपको उपरोक्त बातो का खास ध्यान रखना है और साथ ही किसी भी तरह की दवाई को प्रयोग में लाने से पहले डॉक्टर से जरूर सलाह ले।

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बिना ऑपरेशन के कैसे करे किडनी स्टोन का इलाज ?

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किडनी में पथरी की समस्या काफी गंभीर है। इस समस्या की वजह से व्यक्ति को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा किडनी में पथरी की समस्या से हम बिना सर्जरी के कैसे निजात पा सकते है हम इसके बारे में भी बात करेंगे, तो शुरुआत करते है आर्टिकल की ;

किडनी में पथरी की समस्या क्यों उत्पन होती है ?

  • किडनी स्टोन गलत खानपान की वजह से व्यक्ति को अपना शिकार बनाती है। गुर्दे की पथरी होने पर असहनीय दर्द होता है। 
  • वही गुर्दे/किडनी में पथरी की समस्या तब उत्पन होती है, जब नमक एवं अन्य खनिज (जो मूत्र में मौजूद होते हैं) एक-दूसरे के संपर्क में आते हैं। 
  • कुछ मामलों में पथरी की बात करे तो ये रेत के दानों की तरह बहुत छोटे आकार की होती है तो कुछ मटर के दाने की तरह होती है। वही कुछ पथरी की बात करे तो वो मूत्र से बाहर निकल जाती है, लेकिन जो पथरी बड़ी होती है वह बहुत ही परेशान भी करती है।

किडनी में स्टोन की समस्या क्यों उत्पन होती है इसके बारे में जानने के लिए आप गुर्दे की पथरी विशेषज्ञ पंजाब से सलाह ले।

किडनी स्टोन के मुख्य कारण क्या है ?

  • कुछ अनुभवी डॉक्टरों का मानना है कि जब हमारे शरीर में पानी की कमी हो जाती है, तो यही पानी की कमी पथरी का मुख्य कारण बनती है। 
  • किडनी में पथरी इसलिए बनती है क्युकि इसमें यूरिक एसिड पतला करने के लिए पर्याप्त पानी चाहिए होता है और पर्याप्त पानी न मिलने पर मूत्र अधिक अम्लीय बन जाता है। यह अम्लीय गुर्दे की पथरी बनने का मुख्य कारण होता है। ये स्टोन अगर शरीर में लंबे समय तक रहें तो गंभीर समस्या भी उत्पन्न कर देते हैं।

बिना सर्जरी के कैसे किडनी स्टोन का इलाज किया जा सकता है ?

  • एक्स्ट्राकापोरियल शॉक वेब लिथोट्रिप्सी (ESWL) से किडनी की पथरी का उपचार होगा। अभी तक लिथोट्रिप्सी की सुविधा प्रदेश में नहीं है। लेकिन बहुत जल्द इसके आने की उम्मीद की जा रही है। 
  • वही इस ट्रीटमेंट के जरिये काफी किफायती दामों में इलाज को भी मुकम्मल किया जा सकता है। 
  • तो वही इस मशीन के चलने की बात करे तो ये लिथोट्रिप्सीमशीन के ऑपरेटिंग टेबल पर मरीज काे लेटा दिया जाता है। फिर टेबल पर पेट की सीध में पानी से भरा तकिया लगा दिया जाएगा। ये किडनी के पीछे होगा। इसके बाद शॉक वेब से स्टोन को टारगेट किया जाएगा। पत्थरी को क्रश करने के लिए 1 से 2 हजार शॉक वेब की जरूरत होती है। इस प्रक्रिया के बाद किडनी की पथरी का चूरा पेशाब के साथ बाहर निकलेगा।

किडनी की पथरी के इलाज के लिए बेस्ट यूरोलॉजिस्ट लुधियाना का चयन करें।

सुझाव :

यदि आपकी किडनी की पथरी ज्यादा गंभीर है तो इसके लिए आप आर जी हॉस्पिटल का चयन कर सकते है अपनी पथरी के इलाज के लिए। वही पथरी का इलाज इस हॉस्पिटल में बहुत अच्छे तरीके से किया जाता है। इसके अलावा (ईएसडब्लूएल/ESWL) सर्जरी के बारे में भी आप यहाँ के डॉक्टर से पूछ सकते है।

निष्कर्ष :

किडनी में स्टोन का होना काफी खतरनाक मंज़र हो सकता है व्यक्ति के लिए। इसलिए किडनी में पथरी के कारणों को जानने के बाद इसके इलाज के लिए किसी बेहतरीन यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर का चयन करें।

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